9.3.10

स्त्री-विमर्श के लिए वास्तविक-विषय वस्तु को खोजें इस चर्चा में

[P7030130.JPG]
शिखा वार्ष्णेय जी से आज  भारतीय एवं पश्चिमी परिवेश में  हुई बातचीत से यह तय हो गया है की स्त्री-विमर्श की विषय वस्तु जो आजकल संचार माध्यमों पर हावी है वो कदापि उपयुक्त नहीं है. आज उनके ब्लॉग स्पंदन पर जो कविता है उसमें जो भी कुछ शामिल है वो है उंचाइयो की तलाश और खुली हवा की अपेक्षा.
बंद खिड़की के पीछे खड़ी वो,
सोच रही थी कि खोले पाट खिड़की के,
आने दे ताज़े हवा के झोंके को,
छूने दे अपना तन सुनहरी धूप को.
उसे भी हक़ है इस
आसमान की ऊँचाइयों को नापने का,
खुली राहों में अपने ,
अस्तित्व की राह तलाशने का,[आगे पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये  ]
           शिखा वार्ष्णेय जी के अंतस में पल रही कवयत्री का दर्शन देखिये उनकी ही इन पंक्तियों  में
अपने लिए उठे ये हाथ , तो शिखा! क्या बात हुई
होगी दुआ कुबूल, जो कर किसी बेबस के वास्ते
आइये स्त्री-विमर्श के लिए वास्तविक-विषय वस्तु को खोजें इस चर्चा में 
 
इस तरह मनाया हमने गाँव में जाकर महिला दिवस

8.3.10

अदा जी ने ले ही लिया इंटरव्यू हमारा

आज सुबह  सवेरे  ललित जी पाबला जी से प्राप्त  स्नेहिल शुभ कामनाएँ और शाम की आहट के साथ पाबला जी के  ब्लॉग एवं +९१९८७०८०७०७० एस एम एस के ज़रिये सूचना के प्रकाशित एवं प्रचारित होते ही कि आज मेरे विवाह की साल गिरह है ढ़ेरो शुभ-कामनाएँ अंतरजाल की दुनियाँ से प्राप्त हुईं सभी का शुक्रिया अदा जी ने मुझे पकढ़ ही लिया और ले ही लिया इंटरव्यू हमारा  
साथ ही इन स्नेही मित्रों को मित्रानियों /पूज्यों के प्रति कृतज्ञता 
राज भाटिय़ा दादाजी , 'अदा जी    सिद्धार्थ जोशी जी   
praween trivedi ji

7.3.10

हौसलों का सागर :शायर अशोक

मेरा फोटो

शायर  अशोक   उम्र: 23 मुजफ्फरपुर  : बिहार के भाई अशोक का सपना है की बैंक में प्रोबेशनरी अधिकारी बनें,दोनों पैरों के बगैर भागती भटकती दुनिया में जाने कब से वो मेरे साथ हो लिए मुझे इस बात का ज्ञान नहीं था उनने बताया की वे आरकुट से मुझे फालो कर रहें हैं और अब तो ब्लागिंग भी करने लगे हैं . अशोक जी  को पसंद है क्रिकेट और किशोर कुमार के गीत . शायर अशोक का ब्लॉग है :-" कुछ एहसास - कुछ जज्बात " अशोक जी के लिएमेरी हार्दिकशुभ कामनाये आप भी चाहें तो अशोक जी से सवाल करने के लिए मुझे मेल कर सकतें हैं आइये सुनते हैं ये पॉड कास्ट :-


6.3.10

जबलपुर से लन्दन व्हाया दिल्ली एंड लखनउ !!''भाग-01 /भाग-02

मुझे ये मालूम था की जी टाक पर एक बार में सिर्फ एक साथी से बात हो सकी शायद आप भी ये जानते ही हैं किन्तु आज रश्मि रविज़ा जी का इन्तजार था . किन्तु उन्हैं अपने ब्लॉग मन का पाखी जिसका लिंक ये http://mankapakhi.blogspot.com है पर आय एम् स्टील वेटिंग फॉर यु शचि लिंक http://mankapakhi.blogspot.com/2010/03/1.html शीर्षक से लघु उपन्यास डालनी थी सो सवाल ही नहीं उठाता. ..... इस बीच एक ग़ुमशुदा मित्र महफूज़ भाई हरे दिखाई दिए उनको काल किया दुनिया ज़हान की बातें चल ही रहीं थीं कि जीटाक से आने वाली काल अविनाश वाचस्पति जी की थी . और फिर हम तीनों बातों में जुट गए . उधर महफूज़ भाई की बात शिखा जी से चल रही थी इस बात का खुलासा रिकार्डिंग के बाद महफूज़ भाई ने किया वे बात चीत में महफूज़ भाई के ज़रिये शामिल थीं आइये उनकी भेजी कविता को देखें
लरजती सी टहनी पर
झूल रही है एक कली
सिमटी ,शरमाई सी
टिक जाती है
हर एक की नज़र
हाथ बढा देते हैं
सब उसको पाने को
पर वो नहीं खिलती
इंतज़ार करती है
बहार के आने का
कि जब बहार आए
तो कसमसा कर
खिल उठेगी वो
आती है बहार भी
खिलती है वो कली भी
पर इस हद्द तक कि
एक एक पंखुरी झड कर
गिर जाती है भू पर
जुदा हो कर
अपनी शाख से
मिल जाती है मिटटी में.
यही तो नसीब है
एक कली का
 अब सुनिए पाड कास्ट   भाग-01               भाग02

4.3.10

ब्लॉग की लेखिका शैफाली पांडे से बातचीत

             कुमायूं का सौन्दर्य और जीवन  की विवषताएं                   
 मास्टरनी नामाऔर कुमायूनी चेली ब्लॉग की लेखिका शैफाली पांडे से हुई बातचीत के दौरान  उन्हौने  बताया कि ये मैं क्यों बताऊँ आप स्वयं सुन लीजिये कुमाऊं  की बेटी के बारे में इतना ज़रूर कहूँगा कि वे पाजिटिव ऊर्जा से भरी हुईं हैं 
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कुमाउनी गीत का इंतज़ार कुछ देर के लिए कीजिये

3.3.10

''पाबला जी से खुली बातचीत !''

http://lh3.ggpht.com/_NxhMpnpS6Ss/SliyWaZ5URI/AAAAAAAADv8/RsRokIMyMBc/BSPOrange.jpeg


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साथियो आपका हार्दिक अभिवादन, होली के पूर्व श्री बी एस 
पाबला से खुल कर चर्चा हुई . किन्तु नेट एवं अन्य विवषताओं 
के चलते पाडकास्ट पोस्ट न कर सका. सादर प्रस्तुत है. 
आपसे पाडकास्ट  इंटरव्यू की  कमियों की ओर इंगित कर 
मुझे मार्गदर्शन दीजिये 
भवदीय मुकुल
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बवाल मिथलेश और अनीता कुमार जी एक साथ

यह एपिसोड होली के दिन रिकॉर्ड किया है जिसे हू ब हू पेश कर रहा
याद आप यहाँ न सुन पाए तो ''इधर'' चटका लगाइए जी   
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प्रतीक्षा कीजिए शीघ्र ही होगी पाबला जी से धमाकेदार मुलाक़ात
हिन्दी ब्लागिंग में जारी झंझावातों पर खुल के बोले पाबला जी 
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2.3.10

सिद्धार्थ जोशी जी से मजाहिया भेटवार्ता

सिद्धार्थ जोशी जी से मजाहिया भेटवार्ता को कविता जी से हुई वार्ता के साथ लिंक्ड कर दिया था किन्तु शायद मित्र उनको नहीं सुन पाए आज इस वार्ता को पुन: प्रस्तुत कर रहा हूँ............

1.3.10

कविता वाचक्नवी जी और सिद्धार्थ जोशी से बात चीत

कविता वाचक्नवी जी से बात चीत सादर प्रस्तुत है ..... ............सिद्धार्थ जोशी जी को सुनने के लिए ''यहाँ'' क्लिक कीजिये

       

                                  
  
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28.2.10

अविनाश जी से सुनिए आज के होली समाचार

आप भी इस कवि सम्मेलन का हिस्सा बनें

आप इस तकनीकी कवि सम्मेलन का हिस्सा होकर दुनिया भर के लाखों कविता प्रेमियों से सीधे जुड़ सकते हैं। प्रक्रिया बहुत सरल है। रश्मि प्रभा के साथ यदि आप भी अतिथि संचालक होना चाहते हैं तो भी हमें लिखें।


1॰ अपनी साफ आवाज़ में अपनी कविता/कविताएँ रिकॉर्ड करके भेजें।
2॰ जिस कविता की रिकॉर्डिंग आप भेज रहे हैं, उसे लिखित रूप में भी भेजें।
3॰ अधिकतम 10 वाक्यों का अपना परिचय भेजें, जिसमें पेशा, स्थान, अभिरूचियाँ ज़रूर अंकित करें।
4॰ अपना फोन नं॰ भी भेजें ताकि आवश्यकता पड़ने पर हम तुरंत संपर्क कर सकें।
5॰ कवितायें भेजते समय कृपया ध्यान रखें कि वे 128 kbps स्टीरेओ mp3 फॉर्मेट में हों और पृष्ठभूमि में कोई संगीत न हो।
6॰ उपर्युक्त सामग्री भेजने के लिए ईमेल पता- podcast.hindyugm@gmail.com
7. मार्च 2010 अंक के लिए कविता की रिकॉर्डिंग भेजने की आखिरी तिथि- 21 मार्च 2010
8. मार्च 2010 अंक का पॉडकास्ट सम्मेलन रविवार, 28 मार्च 2010 को प्रसारित होगा। इस बारे में विस्तृत जानकारी ''आवाज़''  पर पायें 
अब सुनिए समाचार अविनाश जी से

26.2.10

धोनी ने जिस कुएं का पानी पिया वो अदा जी के घर में ही

स्वप्न मंजूषा 'शैल' 
छवि साभार :  क्वचिदन्यतोअपि..........!
https://mail.google.com/mail/?ui=2&ik=f28b6629c4&view=att&th=1270adc2653ef6e0&attid=0.1&disp=inline&realattid=f_g63pkyqp0&zw अदा जी के प्रोनाउन [सर्वनाम] 



अदा जी से हुई बात चीत में हुए खुलासे 
  • रांची में अदा जी और धोनी ने जिस कुएं का पानी पीया है वो अदा जी के घर में ही 
  • अदा जी से  विवाह के लिए उनके पिता जी को आवेदन पत्र पेश किया था संतोष जी ने 
  • अदा जी  मिमिक्री आर्टिस्ट एंकर प्रोड्यूसर और पिछले छै महीने से हिन्दी-ब्लॉगर भी हैं 
  • अदा जी कविता,गज़ल,नृत्य,नाट्य,ध्वनि-आधारित कला साधिका हैं 
अदा  जी  को कनाडा सरकार ने सम्मानित किया
    यकींन न  हो तो खुद ही सुनिए 

    25.2.10

    आज समीर भाई जम के पियेंगे

    समीर जी का होली हंगामा
    वैसे तो मुझको पसंद नहीं
    मित्रों, यह कोई कविता नहीं और न ही स्पष्टीकरण है.बस एक मजबूर का मजबूरियों का बखान है.
    जिस मूड़ में लिखी गई है, उसी मूड में पढ़िये और आनन्द उठाईये.
    इस मजबूरी में अन्तिम छंद चिट्ठाकारी को समर्पित है.
    जब चाँद गगन में होता है
    या तारे नभ में छाते हैं
    जब मौसम की घुमड़ाई से
    बादल भी पसरे जाते हैं
    जब मौसम ठंडा होता है
    या मुझको गर्मी लगती है
    जब बारिश की ठंडी बूंदें
    कुछ गीली गीली लगती हैं
    तब ऐसे में बेबस होकर
    मैं किसी तरह जी लेता हूँ
    वैसे तो मुझको पसंद नहीं
    बस ऐसे में पी लेता हूँ.
    जब मिलन कोई अनोखा हो
    या प्यार में मुझको धोखा हो
    जब सन्नाटे का राज यहाँ
    और कुत्ता कोई भौंका हो
    जब साथ सखा कुछ मिल जायें
    या एकाकी मन घबराये
    जब उत्सव कोई मनता हो
    या मातम कहीं भी छा जाये
    तब ऐसे में मैं द्रवित हुआ
    रो रो कर सिसिकी लेता हूँ
    वैसे तो मुझको पसंद नहीं
    बस ऐसे में पी लेता हूँ.
    जब शोर गुल से सर फटता
    या काटे समय नहीं कटता
    जब मेरी कविता को सुनकर
    खूब दाद उठाता हो श्रोता
    जब भाव निकल कर आते हैं
    और गीतों में ढल जाते हैं
    जब उनकी धुन में बजने से
    ये साज सभी घबराते हैं
    तब ऐसे में मैं शरमा कर
    बस होठों को सी लेता हूँ
    वैसे तो मुझको पसंद नहीं
    बस ऐसे में पी लेता हूँ.
    जब पंछी सारे सोते हैं
    या उल्लू बाग में रोते हैं
    जब फूलों की खूशबू वाले
    ये हवा के झोंके होते हैं
    जब बिजली गुल हो जाती है
    और नींद नहीं आ पाती है
    जब दूर देश की कुछ यादें
    इस दिल में घर कर जाती हैं
    तब ऐसे में मैं क्या करता
    रख लम्बी चुप्पी लेता हूँ
    वैसे तो मुझको पसंद नहीं
    बस ऐसे में पी लेता हूँ.
    चिट्ठाकारी विशेष:
    जब ढेरों टिप्पणी मिलती हैं
    या मुश्किल उनकी गिनती है
    जब कोई कहे अब मत लिखना
    बस आपसे इतनी विनती है
    जब माहौल कहीं गरमाता हो
    या कोई मिलने आता हो
    जब ब्लॉगर मीट में कोई हमें
    ईमेल भेज बुलवाता हो.
    तब ऐसे में मैं खुश होकर
    बस प्यार की झप्पी लेता हूँ
    वैसे तो मुझको पसंद नहीं
    बस ऐसे में पी लेता हूँ.

    --समीर लाल 'समीर'

    24.2.10

    कुंवर मिथलेश दुबे ने तलाश ली है अपनी शरीके हयात ?पाडकास्ट

    पाडकास्ट 



    ________________________________________________
    ललित जी का नज़रिया देखिये हेड फोन लगाते नहीं बस  डाँटते  रहते है ललित भैया मुझे 
    भाई गिरीश बिल्लौरे जी ने जब से पोडकास्ट शुरू किया है...........वो की बोर्ड से लिखना ही भूल गये है.....अब बात भी पॉडकास्ट की भाषा में होती है...............बस दिन रात का एक ही काम रह गया है पॉडकास्ट......तो भैया समय हो तो कभी लिख भी लिए करो आज पॉडकास्ट में धमाल है विवेक रस्तोगी के साथ......सुनिए.......और गुनिये......... पदम् सिंग  जी प्द्मावली पर एक बहुत विचारनीय स्मरण लेकर आये हैं......रेलवे स्टेशन पर घटी एक घटना ने इन्हें लिखने को मजबूर कर दिया.......छोटा सा बडप्पन......जब भी उधर से गुजरता हूँ , नज़रें ढूंढती रह जाती हैं उसे लेकिन फिर कभी नहीं दिखा मुझे वहां, उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़  शहर के रेलवे स्टेशन का जिक्र करता हूँ….. Friday, ‎February ‎24, ‎2006 दोपहर के बाद का समय था…हलकी धूप थी. गुलाबी ठण्ड में थोड़ी धूप अच्छी भी लगती है और ज्यादा धूम गरम भी लगती है … स्टेशन पर बैठा इंतज़ार कर रहा था और ट्रेन लगभग एक घंटे बाद आने वाली थी ….. बेंच पर बैठे बैठे जाने क्या सोच रहा था …

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