भूत-प्रेत : बकौल राज भाटिया जी
मित्रो वैज्ञानिक युग में किसी को भी पारा जीवों के अस्तिव पर यकीं नहीं होगा मुझे भी नहीं था राज़ भाटिया की तरह पर उनके अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता आज श्री राज दादाजी की आपबीती जो फेस बुक पर उनने भेजी है का प्रकाशन कर रहा हूँ ………राज जी जर्मनी में रहते है उनके ब्लॉग निम्नानुसार हैं · छोटी छोटी बातें Choti Choti Baate · मुझे शिकायत है. Mujhe Sikayaat Hay. · Blog parivaar- ब्लॉग परिवार · पराया देश Paraya Desh · नन्हे-मुन्ने Naney Muney भू त प्रेत , आत्मा वगै रा को मै नहीं मानता था , लेकिन एक हादसा ऎ सा हुआ कि आत्मा को मानने लगा , भू त प्रेत के बारे तो पता नही , मुझे कोमा से निकले करीब तीन सप्ताह हो गये थे , लेकिन अभी भी अपने बिस्तर पर बिना सहारे बै ठ नही सकता था , शरीर पर एक बडा सा चोला ही था , जो मेरे घुटनो तक था , पानी का कप भी ऊठाने के लिये मुझे नर्स को सिंगनल दे कर बुलाना पडता था , अभी भू ख भी नही लगती थी , सारे दिन मे पानी ओर पानी ही पीता था , एक दिन दोपहर को करीब एक बजे मै जाग रहा था , लेकिन नर्से ओर डाक्टर उस