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मानसिक संवाद एक रहस्यमयी घटना भाग -एक

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रहस्य रोमांच और आध्यात्म आप संवाद कर सकतें हैं बिना किसी उपकरण के हज़ारों मील दूर  आश्चर्य हो रहा है ना कि आप से यह कहा जा रहा है कि हजारों किलोमीटर दूर बिना किसी यंत्र के संवाद कर सकते हैं। जी हां यह यथार्थ है और संभव भी कि आप अपने से हजारों किलोमीटर दूर ऐसे लोगों से संवाद कर सकते हैं जिनको नाम जानते हो ना ही आपका उनसे कोई परिचय हो।    यह प्रक्रिया इस घटना से समझी जा सकती है घटना साई बाबा के जीवन से जुड़ी है एक समय की बात है कि साईं बाबा मस्जिद में बैठे हुए अपने भक्तों से वार्तालाप कर रहे थे| उसी समय एक छिपकली ने आवाज की, जो सबने सुनी और छिपकली की आवाज का अर्थ अच्छे या बुरे सकुन से होता है| उत्सुकतावश उस समय वहां बैठे एक भक्त ने बाबा से पूछा - "बाबा यह छिपकली क्यों आवाज कर रही है? इसका क्या मतलब है? इसका बोलना शुभ है या अशुभ?" बाबा ने कहा - 'अरे, आज इसकी बहन औरंगाबाद से आ रही है, उसी खुशी में यह बोल रही है " उस भक्त से सोचा - 'यह तो छोटा-सा जीव है..! उसी समय औरंगाबाद से एक व्यक्ति घोड़े पर सवार होकर बाबा के दर्शन करने आया ।  बाबा उस समय नहाने गये

पलाश से संवाद !

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श्रीमति रानी विशाल जी के ब्लाग   काव्यतरंग  से साभार                      पलाश तुम भी अज़ीब हो कोई तुम्हैं  वीतरागी समझता है तो कोई अनुरागी. और तुम हो कि बस सिर पर अनोखा रंग लगाए अपने नीचे की ज़मीन तक  को संवारते दिखते हो. लोग हैरान हैं... सबके सब अचंभित से तकते हैं तुमको गोया कह पूछ रहे हों.. हमारी तरह चेहरे संवारों ज़मीन को क्यों संवारते हो पागल हो पलाश तुम .. ?                         जिसके लिये जो भी हो तुम मेरे लिये एक सवाल हो पलाश,   जो खुद तो सुंदर दिखना चाहता है पर बिना इस बात पर विचार किये ज़मीन का श्रृंगार खुद के लिये ज़रूरी साधन से करता है.. ये तो वीतराग है. परंतु प्रियतमा ने कहा था – आओ प्रिय तुमबिन लौहित अधर अधीर हुए अरु पलाश भी  डाल-डाल  शमशीर हुए. रमणी हूं रमण करो फ़िर चाहे भ्रमण करो.. फ़ागुन में मिलने के वादे प्रियतम अब तो  तीर हुए ...!!                   मुझे तो तुम तो वीतरागी लगते हो.. ये तुम्हारा सुर्ख लाल  रंग जो हर सुर्ख लाल रंग से अलग है.. अपलक देखता हूं तो मुझे लगता है... कोई तपस्वी युग कल्याण के भाव  लिये योगमुद्रा में है. तुम चिंतन में हो

अनूप शुक्ल जी से संवाद

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ब्लॉग के सशक्त हस्ताक्षर अनूप शुक्ला संयुक्त महाप्रबंधक लघु शस्त्र निर्माणी ,कानपुर  हैं .  आज ब्लॉग जगत के लिए उनसे हुए संवाद को पेश करते हुए मुझे ख़ुशी है उनके ब्लॉग फुरसतिया  चिट्ठा चर्चा  मैं ही प्रथम नहीं हूँ जो पाडकास्ट इंटरव्यू ले रहा हूँ मुझसे बेहतरीन अंदाज़ में इस  चर्चा के पहले भी पॉडभारती पर अनूप जी से चर्चा हुई उसे मत भूलिए उसे भी सुन ही लीजिये यहाँ