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पब्लिक सेक्टर , प्राइवेट सेक्टर और अब पर्सनल सेक्टर से हो सकता है विश्व के 1.3 बिलियन गरीबों का भला

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मित्रो यह भाषण यथा प्राप्त प्रस्तुत है जिसका  विश्लेषण  मिसफिट के आगामी अंक में प्रस्तुत  किया जावेगा .  आधुनिक महानायक महात्मा गांधी ने कहा था कि हम उस भावी विश्व के लिए भी चिंता करें जिसे हम नहीं देख पाएंगे। जब-जब विश्व ने एक साथ आकर भविष्य के प्रति अपने दायित्व को निभाया है , मानवता के विकास को सही दिशा और एक नया संबल मिला है। सत्तर साल पहले जब एक भयानक विश्व युद्ध का अंत हुआ था , तब इस संगठन के रूप में एक नई आशा ने जन्म लिया था। आज हम फिर मानवता की नई दिशा तय करने के लिए यहां एकत्रित हुए हैं। मैं इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मलेन के आयोजन के लिए महासचिव महोदय को ह्रदय से बधाई देता हूँ। एजेंडा 2030 का विजन महत्वाकांक्षी है और उद्देश्य उतने ही व्यापक हैं। यह उन समस्याओं को प्राथमिकता देता है , जो पिछले कई दशकों से चल रही हैं। साथ ही साथ यह सामाजिक , आर्थिक और पर्यावरण के विषय में हमारी परिपक्व होती हुई सोच को भी दर्शाता है। यह ख़ुशी की बात है कि हम सब गरीबी से मुक्त विश्व का सपना देख रहे हैं। हमारे निर्धारित लक्ष्यों में गरीबी उन्मूलन सब से ऊपर है। आज दुनिया में 1.3 बिलियन लोग गर