4 जनवरी 1809 में जन्मे ब्रेल जन्म से नेत्र दिव्यांग नहीं थे बल्कि दुर्घटना बस अपनी आंखों की रोशनी खो बैठे और फिर जानते ही हैं आप सब की आवश्यकता आविष्कार की जननी है उन्होंने एक अद्भुत अन्वेषण किया और स्पर्श प्रणाली से शब्दों को अक्षरों को पढ़ना सहज हो सके इसलिए ब्रेल लिपि का विकास किया और इससे विश्व के हर एक व्यक्ति को जो नेत्र दिव्यांग है एक नई दिशा मिली । लुइस ब्रेल 6 जनवरी 1852 में इस दुनिया को छोड़ कर चले गए ।
फ्रांस की सरकार ने लुईस ब्रेल के कार्य को अत्यधिक गौरवपूर्ण निरूपित करने के लिए सांकेतिक रूप से सम्मानित करने एवं यह तथ्य स्थापित करने के लिए कि-" किसी कार्य के लिए किसी को सम्मान देना सर्वोपरि है, उनके शव को कब्रगाह से निकालकर पुन: राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया ।
फ्रांसीसी अन्वेषक लुइस ब्रेल को शत शत नमन आज उनका जन्म दिवस है और 6 जनवरी 1852 को महाप्रस्थान...!