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राजाधिराज श्री राम की कथा

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"राजाधिराज श्रीराम की कथा !"  एक  था रावण बहुत बड़ा प्रतापी यशस्वी राज़ा, विश्व को ही नहीं अन्य ग्रहों तक विस्तारित उसका साम्राज्य वयं-रक्षाम का उदघोष करता . यह तथ्य किशोरावस्था में मैंने  आचार्य चतुरसेन शास्त्री के ज़रिये  जाना था .  रावण के पराक्रम उसकी साम्राज्य व्यवस्था को. ये अलग बात है कि उन दिनों मुझमें उतनी सियासी व्यवस्था की समझ न थी. पर एक सवाल सदा खुद  पूछता रहा- क्या वज़ह थी कि राम ने रावण को मारा ? राम   को हम भारतीय जो  आध्यात्मिक धार्मिक भाव से देखते हैं ।   राम को मैने भी कभी एक राजा के रूप में आम भारतीय की तरह मन में नहीं बसाया. मुझे उनका करुणानिधान स्वरूप ही पसंद है. किंतु जो अधिसंख्यक आबादी के लिये करुणानिधान हो वो किसी को मार कैसे सकता है ? और जब एक सम्राठ के रूप में राम को देखा तो सहज दृष्टिगोचर होती गईं सारी रामायण कालीन स्थितियां राजा रामचंद्र की रघुवीर तस्वीर साफ़ होने लगी                                        रामायण-कालीन वैश्विक व्यवस्था का दृश्य  रावण के संदर्भ में  हिंदी विकीपीडिया  में दर्ज़ विवरण को देखें जहां बाल्मीकि के हवाले से (श