संदेश

सलमान खान लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

एक बार तो दे दो दिल से आशीर्वाद :- "पुत्रीवति भव:"

चित्र
सलमा अंसारी                    एक बार तो दे दो  दिल से आशीर्वाद :- " पुत्रीवति भव: " दिल से आवाज़ क्यों नहीं निकलती क्या वज़ह है किन संस्कारों ने जकड़ी हैं आपकी जीभ ऐसा आशीर्वाद देने में क्यों नही उठते हाथ आपके कभी ? क्यों मानस पर छा जाता है लिंग  भेदी पर्दा ? इन सवालों के ज़वाब अब तो खोज लीजिये सरकार . क्या आप के मन में इस बयान से भी तनिक हलचल पैदा नहीं हो सकी लड़की को पैदा होते ही मार देना... . कितनी आर्त हो गई होगी यह मां इस बयान को ज़ारी करते हुए. मोहतरमा सलमा अंसारी का यह बयान हल्के से लेना हमारी भूल होगी. वास्तव में जब कलेजों में दर्द की लक़ीरें बिजली की तरह दौड़तीं हैं तब ही उभरीं हैं कराहें इसी तरह की. मुस्लिम औरतों के तालीम की वक़ालत करने वाली इन मोतरमा के दिल में हिंदुस्तान की नारियों के लिये दर्द ही नज़र आ रहा है मुझे तो. उनके बयान में एक आह्वान और एक सुलगती हुई क्रांति का सूत्रपात दिखाई दे रहा है. देश के उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी के दिल में समाज के गरीब और पिछड़े लोगों के प्रति दर्द हैं। यही वजह है कि   उन्होंने 1998 मे

आज़ मिसफ़िट बातें :- सल्लू मियां अब कहावत बदल दी जावेगी

चित्र
अपने दबंग सल्लू मियां यानी सलमान खान से विवेक ओबराय कान पकड़ के (अपने)एवम किंग खान ने हाथ जोड़कर माफ़ी मांगी इस बात को पब्लिक लगभग भूल गई थी...कि समाचार चेनलस को मौका चाहिये था विवेक और शाहरुख की माफ़ीनामा वाली क्लिपिंग्स दिखाने का सो हज़ूर आज़ दबंग के प्रमोशन मीटिन्ग में पत्रकारों ने पूछ ही लिया . दबंग सल्लू मियां ने बताया कि उनने किसी को भी माफ़ नहीं किया . एक पत्रकार पूछना चाह रहा था:-भाईजान, तो उनकी माफ़ी क्या थी पर बेचारा दबंगियत से डरासहमा कुछ न पूछ सका. पूछता तो कुछ उल्टा सीधा ज़वाब मिलता . शायद ये सोच के भी न पूछा हो:-”सलमान से खुदा भी डरता है...?”   ___________________________________________________________________________________ _ मिसफ़िट पर उन बुकीज़ का हार्दिक  स्वागत है जिनके द्वारा क्रिकेट का खेल एक तरह से नियंत्रित किया जाता है. पर अपने पाबला जी और ललित जी कुछ समझते ही नहीं. सही-गलत के गुणा-भाग में लगे हैं. अरे भाई आज़ समझे कि न मैं तो कब से इन दौनो साहबान को बता रहा था किरकिट का खेल बुकी भैया लोग खिलवाते हैं पर कोई माने तब न...? अब सारे ब्लागर्स मिल के इन बुकीज़ का स्वागत करने