वर्षों से कलहग्रस्त
दक्षिणी अमेरिका देश कोलंबिया ने शांति के बल को नमन किया। शांति कायम करने के लिये
इस देश में किये गये शांति कार्यों की गूंज कोलंबियन संसद में गूंजी और वहां की संसद
के सभापति ने देश के सर्वोच्च पुरुस्कार से श्री श्री रविशंकर को सम्मानित किया। इसके
अलाव वे पहले ऐसे एशियन भी बन गए हैं जिन्हें दक्षिण अमेरिका के एक और देश पेरू ने
भी तीन-तीन सम्मानों से सम्मानित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्विटर
के जरिए श्री श्री को इस सम्मान की बधाई दी।
कोलंबिया ने शांति प्रयासों के लिए दिया सर्वोच्च सम्मान
श्री श्री ने इस सम्मान लेते हुए कहा कि -"मैं वादा करता हूं कि मैं कोलंबिया की कलह को शांत करने
के लिये मेरी क्षमता के अनुरूप कार्य अवश्य करुंगा। यह पुरुस्कार श्री श्री की संस्था, आर्ट ऑफ लिविंग के माध्यम से कोलंबिया में किये गये कार्यों के लिये दिया गया
है। हिंसामुक्त और तनावमुक्त विश्व निर्माण के प्रति संकल्प को दोहराते हुये, श्री श्री ने यह पुरुस्कार उन लोगों को समर्पित किया, जो अहिंसा के लिये कार्य कर रहे हैं। श्री श्री ने कहा कि जब शांति और न्याय के बीच कलह हो तो इन दोनों को मिलाने का कार्य बहुत बड़ा
कार्य होता है। केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से ही इस स्थिति से निपटा जा सकता है ।"
कोलंबिया के शीर्ष नेताओं ने इस सम्मान से सम्मानित होने
पर श्री श्री को बधाई दी । सब का कहना था कि हमें श्री श्री के विश्वभर में शांति
स्थापना के लिये किए गए कार्यों और उनके विश्व पर पड़े सकारात्मक प्रभावों पर गर्व
है। श्री श्री को अपने पूर्व में लिखे पत्र में श्री फेबियो राऊल आमिन सलेम, संसद के अध्यक्ष ने कहा था, ‘‘कोलंबिया में शांति के लिये
आपके 8 वर्षों में किये गये कार्यों को हमारे उत्साहित राष्ट्र ने पहचाना, हमारे देश में आर्ट ऑफ लिविंग की उपस्थिति के लिये हम आपके आभारी है। हम आपकों
हिंसामुक्त समाज,
के निर्माण में सहायता करने के लिये आमंत्रित करते हैं।
पेरू में भी सर्वोच्च सम्मान पाने वाले पहले एशियन बने श्री
श्री
श्री श्री
रविशंकर आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक ऐसे पहले एशियन भी बन गए हैं, जिन्हें दक्षिण
अमेरिका के पेरु देश ने भी तीन पुरुस्कारों से सम्मानित किया है।
· उनके सामाजिक कार्यों और शांति कार्यों को देखते हुये पेरु
की नेशनल कांग्रेस ने उन्हें ‘‘डिप्लोमा डि ऑनर” से सम्मानित किया।
· एंडियन पार्लियामेंट (बोलिविया, कोलंबिया,
एक्युडोर और पेरु) ने उन्हें सर्वोच्च पुरुस्कार ‘मेडाला डे ल इंटिग्रेशियन एन एल ग्रेडो डि ग्रान ऑफिशियल’ से जर्नल सेक्रिटेरियट लिमा, पेरु में सम्मानित किया
गया।
· 3.
एना मारिया सोलार्जैनो,लिमा के मेयान ने भी
श्री श्री को सम्मान से सम्मानित किया।
इस अवसर पर एंडियन सांसद, ब्रैंडो
तापिया
ने कहा कि, ‘‘हर किसी को इस
विश्वविख्यात आध्यात्मिक गुरु को जानने का अवसर मिलना चाहिये, जिसने हर एक व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने के लिये सहायता की है, जिसने एक बेहतर समाज,
जो कि सम्मान, एकता और
प्रसन्नता से भरा बनाने के लिये सेवा की है।”
पुरुस्कार
प्राप्त करते हुये श्री श्री ने कहा, ‘‘हमें मिलकर काम
करना चाहिये ताकि यह पूरा महाद्वीप हिंसा और तनावमुक्त हो सके।‘‘ उन्होंने अपना भाषण स्पेनिश में अध्यक्ष और कांग्रेस के सभी सदस्यों को
धन्यवाद देते हुये आरंभ किया और अंत ‘‘नमस्ते‘‘ कहकर किया और इसका अर्थ उन्होंने बताया‘‘मैं आपका हूं”। उन्होंने कहा कि हमें तीन स्तर पर संबंध बनाने की आवश्यकता है। पहला स्वयं
के साथ,
दूसरा समाज के साथ और तीसरा प्रकृति के साथ।
श्री श्री ने एफएआरसी के सदस्यों को गांधीवादी सिध्दांत
अपनाने के लिये मनाया
श्री श्री
रविशंकर से मिलने के बाद क्यूबा के एफएआरसी (फ्यूरजस आर्मदस रिवाल्यूशनरीज़ डे
कोलंबिया) नेताओं में ऐतिहासिक हृदय परिवर्तन हुआ। अपने तीन दिवसीय क्यूबा प्रवास
के दौरान श्री श्री ने, एफएआरसी के नेताओं से अनेक राउंड्स में मुलाकात की, जिसमें पिछले तीन वर्षों से जारी शांति गतिरोध को समाप्त कर
विश्वास कायम करने के शांति बहाली के लिये प्रयास पर खास जोर रहा। एफएआरसी ने श्री
श्री से शांति प्रक्रिया में सक्रिय भाग लेने का अनुरोध किया था। श्री श्री ने कहा,
‘‘इस पूरी कलह में हर कोई पीड़ित है और हर अपराधी के भीतर एक पीड़ित छुपा होता है, जो कि सहायता के
लिये पुकार रहा होता है।”
समाचार स्रोत :- डॉ. पी . श्रीराम