कहिए ----एक और,एक और....
कविता पद ओहदे डिग्री किसी भी चीज़ से प्रतिबंधित नहीं कविता कविता है... उसमें बनने और फिर बने रहने की क्षमता होती है. कविता क्या है शब्दों का संयोजन ही है न..? न भाव बिना कविता संभव कहाँ ..? भाव शब्दों के साथ इतने बहुत करीब होते हैं की दिखाई नहीं देते कभी शब्द कभी भाव ... तभी तो कविता का एहसास करते हैं हम आइये जस्टिस कुमार शिव की शब्द संयोजना '' तुमने छोड़ा शहर '' को सुने अर्चना चावजी के स्वरों में जिसे हमने लिया है उनके ब्लॉग '' अमलतास' ' से ...... गिरीश बिल्लोरे मुकुल कुमार शिव का गीत सुनिए संक्षिप्त परिचय जन्म 11 अक्टूबर 1946 को कोटा में। वहीं शिक्षा और वकालत का आरंभ, राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर बैंच और सर्वोच्च न्यायालय में वकालत, अप्रेल 1996 से अक्टूबर 2008 तक राजस्थान उच्चन्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य करते हुए 50,000 से अधिक निर्णय किए, जिन में 10 हजार से अधिक निर्णय हिन्दी में । वर्तमान में भारत के विधि आयोग के सदस्य। साहित्य सृजन किशोरवय से ही जीवन का एक हिस्सा रहा। यह ब्लाग 'अमलतास&