शिर्डी साई को भगवान मानो या न मानो इस पर परम पूज्य शंकराचार्य जी की टिप्पणी से मुझे कोई लेना देना नहीं. पर एक अदभुत घटना घटी मेरे जीवन में मेरे गुरु-भक्ति गीत का गायन आभास से कराया श्रेयस जोशी ने उनकी संगीत रचना की. किसी भी कलाकार ने कोई धन राशि बतौर पारिश्रमिक हमसे न ली . बस पोलियो ग्रस्त बच्चों की मदद के वास्ते कुछ करने का ज़ुनून था. और सव्यसाची-कला-ग्रुप जबलपुर द्वारा दिनांक 14 मार्च 2009 को स्थानीय मानस भवन जबलपुर में आयोजित पोलियो-ग्रस्त बच्चों की मदद हेतु साईं भक्ति एलबम बावरे-फकीरा का लोकार्पण किया गया था . मेरे एक मित्र राजेश पाठक प्रवीण ने कहा था- बस आधा मानस भवन भर गया तो जानो अपना कार्यक्रम सफ़ल. पर भीड़ ने रुकने का नाम न लिया मानस भवन खचाखच था देखते ही देखते . शो शुरु से अंत तक एक सा रहा. स्व. ईश्वरदास रोहाणी दादा , श्री जितेंद्र जामदार, सहित शहर के गणमान्य से लेकर सामान्य व्यक्ति तक आए. भगवान बाबा की कृपा स्व. मां सव्यसाची के आशीर्वाद से पहले ही दिन पच्चीस हज़ार के एलबम बिक गए. प्राप्त राशी कम न थी तब. रेडक्रास सोसायटी जबलपुर को लाईफ़-लाईन एक्सप्रेस के प्रबंधन क