फिल्म रेड की पटकथा में लेखक ने
आयकर छापे के नियम को देखा नहीं ये तो नहीं मालूम पर अगर आप आयकर अधिनियम
की पूरी जानकारी नहीं रखते तो मुश्किल अवश्य हो सकती है. अगर छापा पडा तो .. भगवान
न करे की हम आप आयकर छिपाएं और छापे की
नौबत आए.,. पर मिडिल क्लास .. नंगा क्या नहाएगा क्या निचोये गा साब ... ?
1.आयकर अधिकारी बिक्री के लिए रखे गए माल को
जब्त नही कर सकते हैं बल्कि वे केवल इसको अपने दस्तावेजों में नोट जरूर कर सकते
हैं, साथ ही स्टॉक में रखे माल की भी सिर्फ एंट्री कर
सकते हैं. यह राहत घोषित और अघोषित दोनों तरह के स्टॉक के लिए लागू होती है.
2. आयकर अधिकारी किसी ऐसी नकदी को जब्त
नही कर सकते हैं जिसका पूरा लेखा जोखा उस कंपनी या आदमी के पास मौजूद है.
3. आभूषण जो कि स्टॉक के रूप में रखे गए
हैं और संपत्ति कर रिटर्न में उनको जोड़ा गया है तो उन्हें भी जब्त नही किया जा
सकता है.
4. यदि कोई करदाता सम्पत्ति कर जमा नही
कर रहा है तो हर विवाहित स्त्री 500 ग्राम सोना रख सकती है, हर अविवाहित स्त्री 250 ग्राम सोना और हर आदमी 100 ग्राम तक सोना अपने
पास रख सकते हैं. यदि इस सीमा के भीतर सोना आयकर विभाग
को छापे के दौरान प्राप्त होता है तो वह उसे भी जब्त नही कर सकती है.
आयकर छापे के दौरान व्यक्तियों/कंपनियों के अधिकार इस
प्रकार हैं:
1. आयकर अधिकारियों के पास मौजूद वारंट और उनके पहचान पत्रों की
जाँच करने का अधिकार
2. यदि आयकर टीम महिलाओं की तलाशी भी लेना चाहती है तो ऐसा
सिर्फ महिला आयकर कर्मी ही कर सकती है और वह भी पूरी इज्ज़त और सम्मान के साथ.
3. व्यक्तियों/कंपनियों को गवाहों के तौर पर मोहल्ले के दो सम्मानित लोगों को बुलाने
का अधिकार है.
4. आपातकाल की दशा में डॉक्टर को बुलाने का अधिकार है.
5. बच्चों का स्कूल बैग चेक कराकर उनको स्कूल भेजने का अधिकार
है.
6. लोगों को अपने नियत समय पर खाना खाने का अधिकार है.
7. जिस दिन खाते की किताबों (books
of account) को जब्त
किया गया था उससे 180 दिन के अन्दर किताबें वापस पाने का अधिकार.
8. व्यक्ति द्वारा दिए गए वक्तव्य (statement)
की एक प्रति मांगने का अधिकार है क्योंकि यह
वक्तव्य उस व्यक्ति के खिलाफ इस्तेमाल किया जायेगा.
9. पंचानमा की एक प्रति मांगने का अधिकार है।
आयकर दाताओं या
कंपनियों के निम्न कर्तव्य हैं?
1. छापा परिसर (घर या ऑफिस) में बिना किसी बाधा और विरोध के
आयकर अधिकारियों को घुसने देने का कर्तव्य.
2. छापा परिसर में किसी भी अनधिकृत व्यक्ति के प्रवेश की
अनुमति या प्रोत्साहन ना दें.
3. ऑफिस या घर में मौजूद सभी लोगों से अपने रिश्तों के बारे
में बताना.
4. संपत्तियों के स्वामित्व और लेखा किताब के बारे में
अधिकारियों के सवालों का सही सही जबाब देना.
5. जिन किताबों में संपत्तियों का विवरण लिखा है उनको
अधिकारियों को सौंपना और यदि जरुरत पड़े तो तिजोरियों इत्यादि की चाबी भी सौंप
देना.
6. प्राधिकृत अधिकारी के सूचना या ज्ञान के बिना जांच से
सम्बंधित किसी भी दस्तावेज को मिटायें या फाड़ें नही.
7. अगर कोई व्यक्ति झूठे वक्तव्य देता हैं तो वह भारतीय दंड
संहिता (IPC) की धारा 181 के तहत कारावास, दंड या दोनों के लिए दंडनीय होगा.
8. व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह खोज के पूरे समय में शांति
बनाए रखे और जांच अधिकारियों के साथ सभी मामलों में सहयोग करे ताकि पूरी जाँच
जल्दी से जल्दी शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त हो जाए.