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रविवार, जनवरी 17, 2010

यशभारत पर मिसफिट




   
Sunday, 17 January, 2010


मोनिका गुप्ता के रांचीहल्ला  पर प्रकाशित आलेख आफत में आधी आबादी  से प्रेरित  9 अगस्त 2008 को मिसफिट पर प्रकाशित एक आलेख  पुत्री वती भव कहने में डर कैसा आलेख मिसफिट के अलावा एक अन्य ब्लॉग पर प्रस्तुत किया गया था. indi blag netwoerk  पर भी इसे सराहा गया आज यानि 17 जनवरी 2010 को फिर यशभारत ने इसे प्रयोग में लेकर गैर  नेट पाठकों तक पहुंचाया . यश भारत ने कैसा छापा इसे पाबला जी ही बताएँगे प्रिंट मीडिया पर ब्लॉगचर्चा  जो दिनांक 18 .01 .2010 को  02 :11 बजे के बाद दिख जाएगा 

सोमवार, जनवरी 04, 2010

"अखंड टिप्पणी-वता/वती भवेत !!"

http://www.lekhni.net/mediac/450_0/media/DIR_293001/58973956_Haridwar4023.jpg

आप सभी का मिसफिट पर हार्दिक स्वागत हैइस ब्लॉग पर आते ही आपकी समस्त टिप्पणी से सम्बंधित कामनाएं बाबा टिपोर नाथ के आशीर्वाद से पूर्ण हो जायेंगी. आप सभी का हार्दिक स्वागत है जो टिप्पणियां देने आए जो आ रहें हैं तुरंत आ जाएँ कसम से बाबा टिपोर चाँद का आशीर्वाद से आपका ब्लॉग भी भरी-पूरी सुहागिन सा दमकता चमकता दिखेगा

शुक्रवार, अप्रैल 10, 2009

मिसफिट पर होटल्स की जानकारी लेकर निकलिए विश्व यात्रा पे निकलिए

मित्रो मुझे कल ही पहला विज्ञापन मिला हैं इस ट्रेवल कंपनी से
EMMA के मेल से मन उत्साहित हुआ चलो पहला विज्ञापन मिला मेरे हिन्दी ब्लॉग कोझट समीर लाल जी से बात कर के मैंने स्वीकृति दी आज विज्ञापन टांक भी दिया है यहाँ और यहाँ भीदेखता हूँ वादे के मुताबिक डालर आते हैं तो ठीक है वरना जय राम जी की करना ही पडेगा
तब तक आप विश्व यात्रा पर निकलना चाहतें हों तो पास पोर्ट एप्लाय कर ही दीजिये ।
वैसे इस बात का खुलासा आशीष खंडेलवाल जी कर रहे हैं की डालर वाली दिल्ली बहुत दूर है बहुत दूर सो इस पोस्ट को लिखने के बाद मैं इस विषय से मैं बहुत .दूर ..चला ।


रविवार, फ़रवरी 08, 2009

ब्लॉग-पार्लियामेन्ट की जुगत ज़मने लगी है:

ब्लॉग जगत अब प्रजातान्त्रिक-सूत्र में पिरोया जाने वाला है। इसकी कवायद कई दिनों से फुनिया फुनिया के कई दिनों से जारी थी. सूत्रों ने बताया इस के लिए आभासी-संविधान की संरचना के प्रयास युद्ध स्तर पर जारी हैं . बताया जाता है की जिस शहर में सर्वाधिक ब्लॉगर होंगे उसे "ब्लागधानी "बना दिया जाएगा . ब्लॉग'स में प्रान्त/भाषा/जाति/वरन/वर्ग/आयु का कोई भेदभाव नहीं होगा . कुन्नू सिंह की अध्यक्षता में बनने वाली ब्लॉग-संविधान की संरचना की जानी लभग तय है. जिसके प्रावधानों में निहित होगी ब्लॉग-सरकार की व्यवस्थाएं .अंतरिम-सरकार के सम्बन्ध में अनाधिकृत जानकारी के अनुसार एक अंतरिम सरकार का गठन किया जाना है जिसका संघीय स्वरुप होगा . तथा शासनाध्यक्ष /मंत्रालय की निम्नानुसार व्यवस्था प्रस्तावित होगी :-
  1. ब्लागाध्यक्ष: एक पद
  2. प्रधान-ब्लॉग-मंत्री
  3. अन्तर-राष्ट्रीय मामलों के मंत्री
  4. कायदा-मंत्री
  5. टिप्पणी-मंत्री
  6. प्रति-टिप्पणी मंत्री
  7. गुम-नाम टिप्पणी प्रतिषेध-मानती
  8. बिन-पडी पोस्ट टिपियाना मंत्री
  9. नारी-ब्लॉग मंत्री
  10. राजनीतिक /धर्म/संस्कृति/तकनीकी सहित उतने मंत्री होंगें जितने विषयों पर ब्लॉग लिखे जा रहें हैं।
इस सबके लिए गूगल बाबा से भरपूर मदद के आश्वासनों से बारे जहाज उड़नतश्तरी के पीछे-पीछे जबालिपुरम के तेवर नामक स्थान पर आराम से उतर गए हैं । फुर्सत मिलते ही फ़ुरसतिया जी रवि रतलामी जी के अलावा नीचे लिखी सूची में दर्ज ब्लॉग मालिक आने वाले है .......
40. आवाज़
इस चालीसा के अलावा १०० से अधिक बिलागर जबलपुर के ही होंगे अभी 20-25 हैं मार्च के बाद 100 से अधिक होंगे
"बोलो नर्मदा में की जय हर-हर नर्मदे "

रविवार, नवंबर 02, 2008

रविवार शाम ढलते-ढलते एक ब्लॉग चर्चा !!

"प्यार करते हैं",बयाँ भी किया करतें है हज़ूर ये न करें तो बवाल मचने का पूरा खतरा है की कहीं कोई पूछ न ले कि क्‍या हम प्‍यार कर रहे थे ...?। कुछ बेतुकी, और अनाप शनाप बाते,यकीनन आहिस्ता आहिस्ता..ही समझतें है लोग यदि न करें तो क्या करें भैया एक ब्लॉगर भैया ने किसी की '' पोस्ट ",क्या चुराई यमराज ने , " गीता - सार बता दिया जैसे ही सुमो, हलवान ने जो बताया उससे सबको कुछ और पता चलाखैर जो भी हो उधर बात ज़्यादा नहीं बढेगी बस छोटे-बड़े का ओहदा तय होगा कहानी अपने आप ख़तम हो जाएगीमुम्बई से बाहर जा सकता है भोजपुरी फिल्म उद्योग यदि तो "भइया""जबलपुर - "आ जाना अपन इंतज़ाम कर देंगे यहाँ सबई कछु उपलब्ध है । आपका इंतज़ार रहेगा हम तब तक रख लिए हमने "तकिए पर पैर" और भोजपुरी निर्माताओं के निर्णय का इंतज़ार कर रहे हैं । राज के राज में मनोज बाजपेई, ,की किसी सांकेतिक पोस्ट का न आना अभिव्यक्ति पर सेंसर शिप जैसा है। जानते है जल में रह कर मगर से बैर ...........?


शुक्रवार, अक्टूबर 24, 2008

महिला मित्र का आभार जिनके कारण ............!!

"दीपावली का उपहार"
भेजने वाली मित्र को सादर नमन करते हुए बता दूँ की जितना नशा इन सभी में एक साथ मिलता है वह
इस विरहनी-लावण्या विरह का हजारवें भाग के तुल्य भी नहीं हैं ?
{अपनी इन मित्र का आभारी हूँ जिनने मुझे शराब , की बोतलों का खजाना भेजा वर्ना यह पोस्ट लिख पाता }
यह विरह ईश्वर के प्रेम में पगी आत्मा को ही महसूस होता है न कि हर आत्मा को ।
ये , इश्क़ में घायल आवाज़ गोया ,- ग़म ,को बयाँ करती सुनाई दे रही होगी आपको सुनाई दे भी क्यों न ........? इश्क हा ही ऐसी चीज़ आज़माना है तो आज़माइए किंतु याद रखिए मेरी इस बात को ------
इश्क कीजे सरेआम खुलकर कीजे....
भला पूजा भी कोई छिप-छिप के किया करता है ?
पाकीज़ा जिंदगियां पाप की पडोसन ,बनाना कभी न चाहतीं हैं और न चाहेंगी। किंतु हम क्या करें जब मन भीगा हो तो साँसें भी कभीसूखी रह सकतीं हैं ...... समीर लाल जी जो देसी मानस लेकर बिदेसिया हो गए है संगी कविताई करने वालों के साथ टी वी स्टूडियो में गए और कने लगे की ये लो भई-टीवी पर भी आ लिए,
मैं ये तो नहीं कहूँगा की जंगल में.............? क्योंकि की अब मोर कहीं भी नांचे कोई न कोई खबरिया चैनल फ़ोटू खींच के ऑन एयर कर देते है...........?विसंगतियों , भरे जीवन में से इनने ...जो भी पोस्ट किया है उसे आगाज़...नहीं उत्कृष्टता की शुभ दीपावली,ही कहिए ।
रही ब्लाग्स के अस्तित्व की बात सो टिपकियों से मत आंकिए । टिप्पणी न मिले तो कोई किरकिरी , थोड़े न हो जाएगी जी....... ओके कोई अपन लोगों को अनुपयोगी कबाड़ से भी
,कुछ न कुछ अच्छा नी मिलेगा । अब देखिए न एक महिला मित्र ने मुझे ऊपर वाला चित्र भेजा हमने भी मन बना लिया चित्र मय केप्शन के भेजें किंतु मन ने कहा नहीं सीमा मत लाँघो सीमा में रहो मजे सेमांझी की सुनिए
नोट:- इस पोस्ट में कुछ नीले शब्दों -को चटका लगा कर गीत सुने जा सकतें हैं । जो http://www.gayaki.com/ पर मिलतें हैं वैसे सभी जानतें हैं मैंने कोई नई बात नहीं लिखी है ।

बुधवार, अक्टूबर 22, 2008

समीर यादव एक उत्कृष्ट यात्रा पर......!!


"इस चित्र का इस पोस्ट से अंतर्संबंध कुछ भी नही बस जैसे लगा इसे भी आपको दिखाना है सो छाप दी




समीर यादव की रचना शीलता ,चिंतन,सब साफ़ सुथरा और मोहक भी है । इनके ब्लॉग "मनोरथ '' में प्रकाशित पोष्ट शहीद पुलिस स्तरीय बन पडी है ।समीर भाई सच एक उत्कृष्ट यात्रा पर हैं ।
वहीं मेरी एक अन्य नम्रता अमीन का ब्लॉग गुजराती से हिन्दी की ओर आता नज़र आ रहा है ब्लॉग का शीर्षक है :- "કહો છો તમે કેમ?
उधर कुन्नू भिया यानी अपने कुन्नू भैया की पोष्ट ईसबार Free Submission वाला साईट बनाया हूं। देख लें...
'का वाचन ज़रूर कीजिए । निरन्तर-हमको कुछ न कुछ अच्छा करते रहना चाहिए ताकि "ब्लाग- कालोनी का नज़ारा करते वक्त उनकी नज़र ", कदाचित आप पर पड़ जाए । टुकडे अस्तित्व के -, को भी नकारा न जाए क्योंकि शून्य में से शून्य के निकलते ही शून्य फ़िर शेष रह जाता है। चलिए अब आप अपना पना पता दे दो ताकि अपन भी आपके ब्लॉग को देख आएं । मीडिया नारद पर-"राज क्यों बने राज" बांचना न भूलिए "
तो फ़िर मन को भावुक करे वाला ब्लॉग -
मिस यू पापा......आज ही नहीं सदैव देखने लायक है
शुभ-रात्रि
मुकुल

शनिवार, अक्टूबर 11, 2008

एक लाइन की चर्चा :


आज सोच रहा हूँ चर्चा करुँ चिट्ठों पर कुछ ग़लत लिख जाए तो टिपिया देना भाइयो और बहनों वास्तव में चिट्ठों को चर्चित करना उद्देश्य है न की किसी को दु:खी करना

केवल ब्लाग्स के शीर्षकों को बांच के यूँ ही कुछ कहने से कैसा लगेगा


सभी चिट्ठाकारों को हार्दिक बधाई जिनके चिट्ठे शामिल न हो सके वे बेनाम टिपियाएँ या बांचें “एक ख़त अज्ञातानंद जी नाम !”


चिट्ठा जगत से साभार

रविवार, अक्टूबर 05, 2008

चिट्ठा-चर्चा" के बहाने :एक चर्चा और !











हिन्दी में चिट्ठों का सफ़र,निरंतर जारी है आप रात तीन बजे भी अगरचे http://chitthacharcha.blogspot.com/
लिंक पे चटका लगाएंगे तो कोई-न-कोई चिट्ठा प्रसूता होगा आपके सामने । शायर परिवार की श्रद्धा जैन सिंगापुर से ग़ज़ल भिगो रहीं हैं स्वयं भीगी गज़ल के ज़रिये जब की उनके ब्लॉग पे भारी भीड़ रहती है । चिट्ठाकारी के इस उदाहरण से स्पष्ट है की चिटठाकारी का आकर्षण इन एग्रीगेटरों ने बढाया है चाहे वो ब्लागवाणी हो http://www.blogvani.com/
या कि चिट्ठाचर्चा अथवा कोई और सभी चाहतें हैं हिन्दी ब्लागिंग को बढावा देना...?रही बात थोडी खटर-पटर की सो जहाँ "चार बरतन..........ज़रूर...?" बस टूटें कभी इसी मंगल कामना के साथ पोस्ट लिख रहा हूँ अपुन ने तो चिट्ठा कारी शुरू की थी अपने भतीजे आभास जोशी को पापुलर कराने के लिए वास्तव में नेट ऐसी जगह है जो आभासी होने के बावजूद सर्जन का बेहतरीन मंच तभी हम यहाँ ठहर गए और जारी हैं हमारी गुरु हैं पूर्णिमा जी और श्रद्धा जी हिंद युग्म ने भी कम उत्साह वर्धन नहीं कियामेरा इन ब्लागों पर नियमित आनाजाना लगा रहता है
"किंतु नामचीन व्यक्तित्व जो ब्लॉगर के रूप में है से मुझे शिकायत है कि "वे केवल आत्म-मुग्धता" नाम की बीमारी से ग्रसित हैं । अत: मित्रो मेरी व्यक्तिगत राय है कि इनसे आकर्षित होने कि कदापि ज़रूरत नहीं । केवल उनको सराहें जो ताज़ा हों अथवा ब्लागिंग के लिए समर्पित हों ।"
ताऊ रामपुरिया ,
पद
कविता
वाचक्नवी
mamta
PREETI BARTHWAL
उडन तश्तरी ....
vijay gaur/विजय गौड़ ,
इरफ़ान
संजीव तिवारी
वर्षा
sidharth
रजनीश के झा (Rajneesh K Jha)
Ambesh Kumar सिसोदिया

[चित्र:स्टील फोटो ग्राफी के सत्यजीत रे स्वर्गीय शशिन यादव /उनके पुत्र मेरे मित्र भाई अरविन्द यादव से आभार सहित]

शनिवार, सितंबर 13, 2008

रोको उसे वो सच बोल रहा है


This item was reported for abuse। Moderator decision is pending.

इस नोटिस को देख कर मुझे लग रहा है आजाद भारत में सिर्फ़ सत्य कहना अपराध है ....?

जी हाँ वेब दुनियाँ के इस यू आर एल =>http://savysachi.mywebdunia.com/2008/09/12/1221160980000.html , पर पोस्ट किए गए आलेख -"राज़ ठाकरे जी "सादर-अभिवादन" " जो मेरे सव्यसाची ब्लॉग पर प्रकाशित है ..... किसी ने सच ही कहा है

"उसे रोको वो सच बोल रहा है,कुछ पुख्ता मकानों की छतें खोल रहा है

अगर माफी मागने और अपनी पोस्ट हटाने में इस देश का कोई भला हो रहा है तो मैं तुरंत ही माफ़ी मांग लूंगा , अभी तो मेरा दिमाग इस गुमान में है कि रोको इस आग को... के आव्हान को वैचारिक सहयोग दे सकूं .यदि एक भारतीय को सच बोलने का अधिकार नहीं हो तो .......? फ़िर उसे क्या करना चाहिए ....मेरी समझ से परे है।

मुझे तो लग रहा है गोया मित्र आस्तीन के साँपों को भी सूंघ गए साँप

शनिवार, जुलाई 12, 2008

नीरज जी के नाम खुला ख़त

नीरज जी
शुक्रिया आप के आलेख भी जबरदस्त होते हैं
मधुबाला की तस्वीर को परिभाषित करतीं आपकी ये
पंक्तियाँ जो मधुबाला को मोनालिसा से तौलतीं हैं
मुझे आपसे जोड़े रखने का मुख्य कारण है:-
जो बात गीता में अन्जील और कुरान में है
उसी तरह की सदाकत तेरी मुस्कान में है
और ये तो कमाल है
भीगती "नीरज" किसी की याद में
आँख को सबसे छुपाना सीखिए
यायावर जी को और विस्तार पथ प्रशस्त करने
आपने जो पोस्ट लिखी वहीं से ये दोहे
तुम साँसों में बस गयीं,बन बंसी अभिराम
तन वृन्दावन हो गया,पागल मन घनश्याम
ज्ञानी,ध्यानी,संयमी,जोगी,जती,प्रवीण
फागुन के दरबार में,सब कौडी के तीन
आपकी चयन प्रकृति का परिचय है
फ़िर जिस लज़ीज तरीके से "बेक्ड-समोसे" परोसे उसके लिए
सुबह-सुबह शुक्रिया
बेहतरीन ब्लॉग के लिए बधाइयों के ट्रक मुंबई में इस पते पर भेज दूँ
नीरज गोस्वामी
मुम्बई, महाराष्ट्र, इंडिया
किंतु पूरा पता मिलता तो उम्दा होता खैर कोई गल नहीं
आपके पूरे ब्लॉग में ये बात मुझे सटीक नहीं लगती
जिंदगी भाग दौड़ की "नीरज"
यूँ लगे नीम पर करेला है
ये मेरी सोच है बुरा मत मानिए आप जैसा मुम्बइया-भाषा:"बिंदास" व्यक्ति नीम का करेला हो ही नहीं सकता
भाऊ को जब आपने इतना बता ही दिया की :-"भाऊ मैं ही नहीं सारे ब्लोगर सिर्फ़ अपने आत्म सम्मान और संतुष्टि के लिए लिखते हैं और हमारे इस समाज में इतनी एकता है की एक आवाज़ पर इकठ्ठा हो सकते हैं"
ये सही है आपको अनवरत बधाइयां

मंगलवार, जुलाई 01, 2008

कार्टूनिष्ट राजेश कुमार दुबे


doobeyji वाले राजेश कुमार दुबे बेहद संजीदा इंसान हैं । इनके इर्द गिर्द जो भी दिखाई देता है बड़े सलीके से दिमाग की जेब में डाल लेतें हैं । जबलपुर में कार्टूनिष्टों की लम्बी क़तार तो नहीं है किंतु जितने भी हैं उनमें भाई राजेश का जबाव नहीं इन दिनों वे इन दो ब्लॉग पर काम कर रहे हैं
रंग परसाई
दुबेजी


दोनों ही ब्लॉग कार्टूनों से सजाते दुबे जी को शुभ कामनाएं

रविवार, मई 11, 2008

टोरोंटो , ओंटारियो अराइव्ड फ्राम ब्लागवाणी .कॉम ऑन

FEEDJIT लाइव ट्रैफिक फीड,पर Toronto, Ontario arrived from blogvani.com on तो समझ लीजिए उडन तश्तरी ...., के हाथों आप पकड़ लिए गए , यानी भाई समीर लाल सबको बांचते हैं...?
जी सही है वो सबको पढ़्तें हैं। जबलपुर : मध्य प्रदेश ऐसी जगह है जहाँ संस्कार उगतें हैं और छा जातें हैं विश्व पर ।
भाई समीर जी आज मातृदिवस -पर सव्यसाची माँ प्रमिला देवी जो कहानी कहते-कहते सो गयी माँ .....?
को याद ही कर पा रहा हूँ ....
सभी औरतें जो माँ बनतीं हैं सच ईश्वर से कम होतीं भी नहीं हैं.....
दुनिया रचने वाली माँ , तुमको शत शत नमन

शुक्रवार, दिसंबर 28, 2007

ब्लोंग-दमदार है....और रहेंगे

ज्योतिष और भारत-अरब विद्वान ईसा मसीह किस भाषा में बात करते थे? <= इनको पढिये आगे बढ़िए तो ये शैलेश भारतवासी भाई साहब Raviratlami Ka Hindi Blog के अलावा कई पागलों की तरह लगें हैं ,कई-कई रात थका देने वाली राते ये दीवाने नेट के इतिहास में अपना नाम जोड़ रहें हैं...? कई और है जैसे ये=>महेंद्र मिश्रा.. भाई साहब हैं तो मेरे शहर के किन्तु इनकी उड़ान दुनिया भर की । यूनुस खान का हिंदी ब्‍लॉग : रेडियो वाणी ----yunus khan ka hindi blog RADIOVANI वाले यूनुस जी तो कमाल के कारनामें होते हैं बस और क्या कहूँ आप खुद समझदार हैं.....मोहल्ला भर के लोग हिंदी किताबों का कोना इस लिए खोजतें हैं ताकी उनको कोई सस्ता शेर मिल जाए । और न मिले तो न्योत रहें हैं अपने यशवंत भैया http://bhadas.blogspot.com/ भडासी तो बन ही सकतें है।
मैं आरकूटिंग से अंतर जाल पे आया आभास जोशी के लिए मेरा भतीजा वी० ओ० आई० में तब था उसने जिसने शान की जगह ले ही है । चिट्ठों की चीर फाड़ करते कराते ब्लॉगर बन ही गया । सभी नेट पर आने वालों को मेरा अभिवादन
ब्लॉगर और ब्लोंग आने वाले कल सूचना तंत्र का सबसे लोक-प्रिय और शक्ति शाली संचार औज़ार होगा प्रेस,मीडिया,किताबें, निर्भीक पत्रकारिता , पोल-खोल, और जाने क्या सब इसमें होगा । ये घबराहट एक हिंदुस्तानी की डायरी: हम ब्लॉगर साहित्य से बहिष्कृत हैं क्या? बेमानी है... । चलिए तब तक चक्रधर की चकल्लस का मज़ा लेतें है । आप चाहें तो गुनगुनाइये छू लेने दो नाज़ुक
हम इंतज़ार करेगें
बार बार तोहे का समझाऊं
अब क्या मिसाल दूं
या चाहें तो सो जाइए..... मुझे भी सोना ही है.... कल बात करतें है.... टेक केयर शुभरात्री तब तक मैं विकास परिहार... का कबाड़खाना खंगाल लेता हूँ ... आप भी हों आना यहाँ खूब मसाले दार है... भैया जी भी मेरे शहर में ग्वालिअर से आकर हंगामा करने आमादा हैं।


चिट्ठाजगत

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