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वेब बाज़ार : ट्राय किया क्या..?

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आखिर वो दिन बहुत क़रीब दिखाई दे रहा है जब नेट के ज़रिये  घर बैठ हम आप दुनियां भर की खरीद फ़रोक्त करेंगे. पर आज के दौर में भारत में नेट का हर स्थान पर प्रयोग, कम्पनीयों की विश्वस्नीयता, सबसे बड़ा सवाल है. फ़िर भी वो दिन दूर नहीं. परन्तु इससे पहले कि यह बाज़ार पांव  पसारे सरकारी तौर पर इसे रेग्यूलेट करने की महति ज़रूरत है. वरना भारतीय उपभोक्ता यानी एक  सामान्य आदमी ही इसका शिकार होगा. डोर-टू-डोर , मेन-टू-मेन,अब वेब-टू-मेन मार्केटिंग का युग आने में विलम्ब नहीं. . किन्तु आम आदमी की सुरक्षा के परिपेक्ष्य में बहुत कुछ  किये बिना यह बाज़ार मुश्किल में फंस सकता है. टेलीविज़न पर दिखाए जा रहे विज्ञापनों का असर असल खरीदार से अधिक उसके आश्रितों पर होता है. जिनकी मांग पर उत्पाद मज़बूरन असली क्रेता खरीदता है. पर उसे हमेशा भय बना रहता है कि कहीं ठगा न जाऊं ? एक अच्छा सूत्र है कि अंतरजाल के ज़रिये बाज़ार विस्तार पाए. पर देखिये न अमेजान जो हमें विज्ञापित करने को दे रहा   वह आम भारतीय के लिए कठिन सा है. आप दिए गए किसी भी उत्पाद पर क्लिक कीजिये आप उसे सहज न स्वीकार पायेंगे . रेल टिकट /हवाई-सेवा/होटल-बुकिंग तक सीम