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"कौआ ,चील ,गदहा ,बिल्ली ,कुत्ते

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 एक सरकारी बना "बहुत  असरकारी"   होशियार था कौए की तरह   और जा बैठा वहीं जहां अक्सर  होशियार कौआ बैठता है.!! *************************                                                                  चील:-  चीखती चील ने  मुर्दाखोर साथियों को पुकारा एक बेबस जीवित देह  नौंचने    सच है घायल होना सबसे बड़ा अपराध है.  मित्र मेरे, बीते पलों का  यही एहसास आज़ मेरे  तो कल तुम्हारे साथ है. **************************** गधा  जो अचानक रैंकने लगता है  सड़क पर मुहल्ले के नुक्कड़ पर लगता है कि :- "मैं अपने दफ़्तर आ गया ?" वहां जहां मैं और मेरा गधा  एक ही सिक्के  के दो पहलू हैं. मुझे इसी लिये प्रिय है मेरा गधा.. सर्वथा मेरा अपना "अंतरंग-मित्र " ***************************** बिल्ली सुना है बिल्लियों का भाग से भरोसा  उठ गया ! बताओ दोस्त क्यों है ये मंज़र नया ? जी सही  अब आदमी छीकें तोड़ रहें हैं ***************************** कुत्ते पर इंसानी नस्ल का रंगत   चढ़ गई ये जानकर अ

सांप-कुत्ते और हम

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अमित जी के करीब कुत्ते को देख कर जाने कितनों के सीने पर कल्लू चाचा लोटते हैं यहां कल्लू उर्फ़ कालिया   जिसके मान का मर्दन हमारे श्रीकृष्ण ने किया था.यानी सांप वो जिसके दिल में  नकारात्मकता के ज़हर से भरा हो. जन्तुओं-जीवों की वृत्ति की वज़ह से उसे स्वीकार्य या अस्वीकार्य किया जाता है इतनी सी बात  कालिया उर्फ़ कल्लू क्यों नहीं  समझता.समझेगा कैसे सांप मूलत: नकारात्मकता  का प्रतीक है. उसे सकारात्मकता का पाठ समझाना भी समय की बरबादी है. कुत्ते और सांप की   की समझ में हल्का सा फ़र्क ये है कि कुत्ता सभी को शत्रु नहीं मानता किंतु सांप अपने मालिक को भी शत्रु समझता है. ज़हर से भरे दौनों होते हैं किसी को भी उनके ज़हर से कोई एतराज़ नहीं. किंतु  ज़हर के प्रयोग के तरीके से सभी भयभीत होते हैं.काफ़ी दोषों से युक्त होने के बावज़ूद कुत्तों को समाज मे स्वीकार लिया गया क्योंकि उनमें केवल क्षणिक नैगेटिविटी पाई गई. किंतु सांपों में केवल नकारात्मकता ही नकारात्मकता.  तभी तो आप अपने घर की रक्षा के लिये सांप नहीं कुत्ते को पालतें हैं. जो परिचित के आगमन पर प्रारम्भ में भयातुर होकर भौंकता बस है यकायक़  काटता नहीं. और उसका य

अंतरजाल के ज़रिये एलियन्स से मेरे रिश्ते हैं..?

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"मेरा मित्र एलियन के साथ कानाफ़ूसीरत "            पिछले कई दिनों से अंतर्ज़ाल पर सक्रियता के कारण मेरी पृथ्वी से बाहर ग्रहों के लोगों से दोस्ती हो गई है.  अंतरजाल पर मेरा बाह्य सौर मण्डल के गृहों पर बढ़ते सम्पर्क को देख कर मेरे सहकर्मीं मित्रों छठी इन्द्री  में हलचल हुई. तो उसने विस्परिंग शुरु कर दी कुत्ते की तरह इधर उधर से मेरे बारे में जानकारीयां सूंघता सूंघता एक बार जब वो एक जगह घुस  जहां एलियन मित्र- "कारकून " अपना रूप बदल के बैठा था . चुगली न कर पाने की वज़ह से दुनिया जहांन की बात करते करते भाई के दक्षिणावर्त्य में गोया  दरद महसूस होने लगा . चुगल खोरी जिस गृह की सांस्कृतिक  विरासत में वहां के संविधान में, धर्म में शुमार है से आया था यह जंतु सो मेरे मित्र के मानस में उभरी तरंगों  को पकड़ लिया. सो मित्र से मित्रता गांठ ली और कुछ खिला पिला के अपना साथी बना लिया. और निकल पड़ा उसे लेकर तफ़रीह के बहाने. चलते-चलते भाई लोग कम   आवाजाही  वाले क्षेत्र में पहुंच गये. एलियन ने कुछ और तरंगे पकड़ मित्र के दिमाग की सो बस लगा मेरे मुतल्लिक बात करने -’भई, ककऊ ज