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हेनरी का हिस्सा

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पिता की मौत के बाद अक्सर पारिवारिक सम्पदा के बंटवारे तक काफ़ी तनाव होता है उन सबसे हट के हैनरी  बैचेन और दु:खी था कि पिता के बाद उसका क्या होगा. पिता जो समझाते   वो पब में उनकी बात का माखौल उड़ाता उसे रोजिन्ना-की गई  हर उस बात की याद आई जो पिता के जीवित रहते वो किया करता था. जिसे पापा मना करते रहते थे.सबसे आवारा बदमाश हेनरी परिवार का सरदर्द ही तो था ही बस्ती के लिये उससे भी ज़्यादा सरदर्द था. पंद्रह साल की उम्र में शराब शबाब की आदत दिन भर सीधे साधे लोगों से मार पीट जाने कितनी बार किशोरों की अदालत ने उसे दण्डित किया. पर हेनरी के आपराधिक जीवन  में कोई परिवर्तन न आया. अंतत: उसे पिता ने बेदखल कर दिया कुछ दिनों के लिये अपने परिवार से. पिता तो पिता पुत्र के विछोह  की पीड़ा मन में इतने गहरे पहुंच गई कि बस खाट पकड़ ली पीटर ने. प्रभू से सदा एक याचना करता हेनरी को सही रास्ते पे लाना प्रभु..? पीटर  ज़िंदगी के आखिरी सवालों को हल करने लगा. मरने से पहले मित्र जान को बुला सम्पदा की वसीयत लिखवा ली पीटर ने. और फ़िर अखबारों के ज़रिये हेनरी को एक खत लिखा.   प्रिय हेनरी अब तुम वापस आ जाओ, तुम्हारा निर्वासन समाप