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ज़ील ने गलत नहीं लिखा पर संतुलित नहीं लिखा

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" मेरे देश की धरती गद्दार उगले , उगले रोज़ मक्कार ...."  शीर्षक से ज़ील ने अपने ब्लाग ZEAL पर  जो लिखा उसमें कोई गलत बात मुझे समझ नहीं आ रही ज़ील क्या कोई भी सच्चा भारतीय   प्रशांत भूषण से सहमत न होगा. भारत की अखण्डता को बनाए रखने के लिये उनका यह बयान  सर्वथा ग़लत है. आपको याद दिला दूं कि प्रशांत भूषण ने क्या कहा "  प्रशांत भूषण ने   पिछले महीने 26 सितम्बर को कश्मीर मसले पर कहा था कि सालों से मौजूद सेना को वहां से हटा लेना चाहिए। साथ ही कश्मीर में लागू 'सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम' को हटा लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि भारत के किसी भी क्षेत्र के लोग अगर भारत में नहीं रहना चाहते है तो ऐसी स्थति में वहां जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए। " ( स्रोत : दैनिक भास्कर )      क्या यह बयान उचित है कोई भी सच्चा देशभक्त इसे स्वीकरेगा कदापि नहीं न ही उसे स्वीकारना चाहिये. भारत सरकार ने भी अपना मत स्पष्ट रूप से रक्खा है -" सरकार का कहना है कि वो प्रशांत भूषण की राय से सहमत नहीं हैं. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि वो प्रशांत के निजी बयान हो