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दो बार दफ़नाया गया था मुमताज़ को...प्रदीप श्रीवास्तव

विश्व के सात अजूबों में से एक, प्रेम का प्रतीक ताजमहल और आगरा आज एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं. अब ताज भारत का गौरव ही नहीं अपितु दुनिया का गौरव बन चुका है. ताजमहल दुनिया की उन 165 ऐतिहासिक इमारतों में से एक है, जिसे राष्ट्र संघ ने विश्व धरोहर की संज्ञा से विभूषित किया है. इस तरह हम कह सकते हैं कि ताज हमारे देश की एक बेशकीमती धरोहर है, जो सैलानियों और विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है. प्रेम के प्रतीक इस खूबसूरत ताज के गर्भ में मुग़ल सम्राट शाहजहां की सुंदर प्रेयसी मुमताज महल की यादें सोयी हुई हैं, जिसका निर्माण शाहजहां ने उसकी याद में करवाया था. कहते हैं कि इसके बनाने में कुल बाईस वर्ष लगे थे, लेकिन यह बात बहुत कम लोगों को पता है कि सम्राट शाहजहां की पत्नी मुमताज की न तो आगरा में मौत हुई थी और न ही उसे आगरा में दफनाया गया था. मुमताज महल तो मध्य प्रदेश के एक छोटे जिले बुरहानपुर (पहले खंडवा जिले का एक तहसील था) के जैनाबाद तहसील में मरी थी, जो सूर्य पुत्री ताप्ती नदी के पूर्व में आज भी स्थित है. इतिहासकारों के अनुसार लोधी ने जब 1631 में विद्रोह का झंडा उठाया था तब शाहजहां अपनी