शहरी
क्षेत्रों और पढ़े लिखे लोगों के बीच बेटियों का अनुपात कम होना चिन्ता का विषय है :
शिवराज सिंह
मुख्यमंत्री
श्री शिवराज सिंह चौहान ने दृढ़तापूर्वक कहा है कि कन्याओं तथा स्त्रियों के
संरक्षण के लिये सभी संबंधित कानूनों का पूरी कड़ाई से पालन कर प्रदेश में उन्हें
पूरी सुरक्षा और सम्मान निश्चित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि ‘‘बेटी बचाओं
अभियान ’’ बेटियों के
संरक्षक, संपोषण और
सम्मान के लिये शुरु किया गया एक ऐसा सामाजिक महा अभियान है जिसमें सभी राजनैतिक
दलों, संगठनों और
संस्थाओं सहित समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी होने पर ही वांछित सफलता
मिलेगी। यह कोई राजनैतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक मिशन है।
श्री चौहान
आज अपने निवास पर श्री नवदुर्गा महोत्सव के दौरान नवमीं के अवसर पर 1100 से अधिक
कन्याओं की पूजा और उन्हें भोजन कराकर ‘‘ बेटी बचाओं अभियान’’ का शुभारम्भ करने के बाद सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर
सैकड़ों की तदाद में कन्याएँ, उनके अभिभावक, सभी धर्मों के गुरु और समाज के सभी वर्गों के लोग उपस्थित
थे। साथ ही मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा गोद ली गईं 9 बेटियाँ भी
विशेष रूप से मौजूद थीं।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बेटियों के संरक्षक और समुचित पोषण के लिए तीन काम
किए जा रहे हैं- जागरुकता में वृद्धि, प्रोत्साहन तथा दंड। जागरूकता के तहत पूरे प्रदेश में
विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। वे स्वयं 10 अक्टूबर को
दतिया से सेवड़ा तक जन-जागृति यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वे जहाँ
भी जायेंगे, वहाँ अन्य
कार्यक्रमों के साथ-साथ बेटी बचाओं से संबंधित एक कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा
जिसमें वह भाग लेंगे। उन्होंने सभी धर्म गुरुओं से अनुरोध किया कि वे अपने
प्रवचनों और नसीहतों में कुछ समय बेटी के महत्व पर अवश्य बोले, जिससे की
समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच में वृद्धि हो। उन्होंने छात्रसंघ की
पदाधिकारी छात्राओं से भी बेटी बचाओं अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपेक्षा की।
प्रोत्साहन के तहत अनेक योजनाओं पर विचार चल रहा है। एक ऐसी योजना को अंतिम रूप
दिया जा रहा है जिसके तहत उन लोगों को 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर पेंशन दी जाएगी जिनकी सिर्फ
बेटियाँ हैं। दंड के तहत कन्याओं तथा स्त्रियों के संरक्षक से संबंधित सभी
कानूनों का पूरी कड़ाई से पालन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि इस अभियान की प्रेरणा उन्हें स्त्रियों और बेटियों के प्रति परिवारों
और समाज में व्याप्त नकारात्मक दृष्टिकोण तथा असमान व्यवहार को देखकर मिली।
उन्होंने कहा कि बचपन से ही उन्होंने परिवारों में बेटियों तथा स्त्रियों के साथ
भेदभाव को देखा है। यहाँ तक की माताएँ भी बेटी और बेटे में भेदभाव करती हैं। इस
बात की उन्हें हमेशा से गहरी पीड़ा रही। उन्होंने कहा कि जब वह विधायक बने तब
उन्होंने गरीब परिवारों की कन्याओं का विवाह करवाने की शुरुआत की, जिससे कि
गरीब परिवारों को कन्या विवाह के खर्च रूप बोझ से राहत मिल सकें। सांसद बनने के
बाद भी यह कार्यक्रम जारी रहा और मुख्यमंत्री बनने के बाद कन्या विवाह को
संस्थागत स्वरूप देकर इसका आयोजन सरकारी रूपी से किया जाना लगा। उन्होंने कहा कि
लाड़ली लक्ष्मी योजना भी इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रदेश
में बेटियों को शिक्षा और आगे बढ़ने के लिए सरकार द्वारा सभी सुविधाएं दी जा रही
हैं। इसके बावजूद प्रदेश में लिंगानुपात की स्थिति चिन्ताजनक है। शहरी क्षेत्रों
और पढ़े लिखे लोगों के बीच बेटियों का अनुपात कम होना चिन्ता का विषय है।
श्री चौहान
ने कहा कि प्राचीन भारतीय समाज में बेटी और स्त्री के प्रति न केवल सकारात्मक
सोच थी बल्कि उन्हें पूरा सम्मान और प्रगति के अवसर उपलब्ध थे। आगे चलकर समाज
में उनके प्रति नकारात्मक बदलाव आया। बहरहाल, आज भी समय है कि समाज अपनी भूल को सुधार कर बेटियों और
स्त्रियों के साथ पूरा न्याय करें। उन्होने कहा कि प्रदेश में किसी भी बेटी के
साथ अन्याय नहीं होने दिया जायेगा। श्री चौहान ने कहा कि गैर-सरकारी संगठना को
बेटी बचाओं अभियान के साथ जोड़ने के लिये उनका एक सम्मेलन शीघ्र आयोजित किया
जायेगा। श्री चौहान ने कहा कि परिवार के बीच बेटी और बेटे की बीच किसी तरह का
भेदभाव नहीं होना चाहिए। बेटी बचाओं अभियान कोई एक दिन का काम न होकर एक दीर्घकालीन
मिशन है, क्योंकि
समाज में परिवर्तन आने में समय लगता है।
इसके पूर्व
राज्यसभा सदस्य श्री प्रभात झा ने बेटी बचाओं अभियान शुरु करने पर मुख्यमंत्री
श्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस अभियान के रूप में पाँच
लाख कन्याओं का पूजन किया जायेगा। श्री चौहान ने यह सिद्ध कर दिया है कि सत्ता
और शासन का उपयोग समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में किस तरह प्रभावी रूप
से किया जा सकता है। मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस
दिशा में कोई कसर बाकी नहीं रख रहें।
विभिन्न
आयोजन
नाटक की प्रस्तुति
इस अवसर पर ’’ बेटी है तो
कल है ’’ नाटक की
प्रस्तुति की गई। श्री अशोक बुलानी द्वारा निर्देशित रंग समूह के इस नाटक में
बेटी की प्रति सकारात्मक सोच का संदेश दिया गया है। इस नाटक पर लोगों की
उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया देख कर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने घोषणा की कि इस नाटक
का पूरे प्रदेश में मंचन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री
ने इस अवसर पर सभी उपस्थितों को संकल्प दिलाया कि वे बेटी के जन्म को कभी बाधित
नहीं करेंगे, बेटी को
सम्मान संरक्षक, प्रोत्साहन
और सम्मान देंगे तथा बेटी के पालन पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को लेकर कभी भेदभाव नहीं करेंगे।
इस अवसर पर
मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री श्री सुंदरलाल पटवा, गृह मंत्री
श्री उमाशंकर गुप्ता, वरिष्ठ नेता
श्री कैलाश सांरग, महापौर श्रीमती
कृष्णा गौर, मध्यप्रदेश
महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती उपमा राय
जबलपुर में भावनाओं से जुड़ा अभियान
जबलपुर में बेटी बचाओ अभियान : जन जन का अभियान
विधानसभा अध्यक्ष श्री रोहाणी ने किया बेटी बचाओ अभियान का शुभारंभ
जनसमुदाय की सक्रिय भागीदारी से चलाये जाने वाले मध्य प्रदेश शासन के “बेटी बचाओअभियान” का जबलपुर जिले में शुभारंभ विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने रांझी स्थित लक्ष्मीनारायण यादव उच्चतर माध्यमिक शाला प्रांगण में भव्य और गरिमामय समारोह में किया । उन्होंनेबेटियों के लिए सम्मान की भावना बढ़ाने के लिये जागरूकता हेतु भारतीय परम्परा के अनुरूप कन्याओं कापूजन किया । पैर पखारे, तिलक लगाया और चरणों में पुष्प अर्पित किये । श्री रोहाणी ने कन्याओं कोभोजन परोसा और उनके साथ भोजन ग्रहण किया । दो हजार से अधिक कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराया गया । बेटी बचाओ अभियान को जन-जन का अभियान बनाने के लिए श्री रोहाणी ने “चेतनारथ”को हरी झण्डी दिखाकर संभाग के जिलों के भ्रमण के लिए रवाना किया ।विधानसभा अध्यक्ष श्री रोहाणी ने इस अवसर पर कहा कि बेटियों की संख्या में कमी आने कामुख्य कारण दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियां हैं । इस सामाजिक बुराई का कद अब रावण से भी बड़ाहो गया है । जिस प्रकार रावण दहन होता है उसी प्रकार इन कुरीतियों को भी जड़मूल से समाप्त करना होगा।
श्री रोहाणी ने कहा कि स्त्री-पुरूष लिंगानुपात में असंतुलन होने पर भारी अराजकता फैलेगी । उन्होंने कहा बेटा-बेटी के मध्य भेदभाव समाप्त होना चाहिये । श्री रोहाणी ने कहा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कीसरकार ने बेटियों का सम्मान बढ़ाने के लिये उनकी शिक्षा, स्वरोजगार, विवाह, प्रसव आदि की सहूलियत के लिए अनेक योजनाओं का सफल क्रियान्वयन म.प्र. में सुनिश्चित किया है । ये ऐसी योजनायें हैजिसकी सराहना सम्पूर्ण देश में हुयी है और कई प्रदेशों ने इन योजनाओं को अपने यहां शुरू भी किया है । मध्य प्रदेश में शुरू हुआ बेटी बचाओ अभियान देश में अपने तरह का अकेला, अनूठा और अभिनव अभियान है । ये योजनायें, दहेज दानव जैसी सामाजिक-आर्थिक कुरीतियों-विषमताओं को चुनौती देने मेंपूरी तरह से सक्षम है ।
श्री रोहाणी ने आव्हान किया कि बेटी बचाओ अभियन में प्रत्येक परिवार और व्यक्ति शामिलहोकर बेटियों की लगातार कम हो रही संख्या के प्रति समाज को जागरूक करें ।
बेटी बचाने का संकल्प :
समारोह में उपस्थित जनसमुदाय ने विधानसभा अध्यक्ष श्री रोहाणी की अगुआई में कि बेटी के जन्म को कभी भी बाधित नहीं किया जायेगा । किसी भी स्तर पर बेटे-बेटियों के बीच भेदभाव नहीं किया जायेगा ।
पोस्टर का विमोचन:
संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटी बचाओ अभियान पर केन्द्रित पोस्टर का विमोचन विधानसभा अध्यक्ष श्री रोहाणी ने किया । इसे छाया चित्रकार, कलाकार विनय अम्बर ने तैयार किया है ।
चेतना रथ रवाना:
बेटी बचाओ अभियान में जनसमुदाय की सक्रिय भागीदारी बढ़ाने के लिये विधानसभा अध्यक्ष श्रीरोहाणी ने “चेतना रथ” को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
संयुक्त संचालक कार्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में एनेक्स मीडिया द्वारा तैयार किये गये इस आकर्षक चेतना रथ में चारों ओर पोस्टर लगाकर बेटी बचाओ अभियान का संदेशनारों और गीतों आदि के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया गया है । इस वीडियो-आडियो चेतना रथ में छोटी-छोटी फिल्मों के द्वारा बेटियों एवं महिलाओं के लिये मध्य प्रदेश शासन की योजनाओं को प्रदर्शित किया जायेगा ।
लाड़ली लक्ष्मी योजना से लाभान्वित किया गया:
लाड़ली लक्ष्मी योजना के बचतपत्र, लाड़ली लक्ष्मी बालिकाओं को विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने वितरित किये ।
जनप्रतिनिधियों से मिला सहयोग:
बेटी बचाओ अभियान के अन्तर्गत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रों में विधायक गणों, पार्षद, पंच,संरपंच आदि जनप्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों ने समारोहपूर्वक बेटियों का पूजन कर उनकासम्मान किया । बेटियों के अभिभावकों का सम्मान किया गया ।
समारोह में बेटी बचाओ अभियान से संबंधित एक संस्था एम.पी.वी.एच.ए. के नोडल अधिकारी मनीष पाण्डे ने “बदलेंगे सोच बेटी नहीं बोझ” संदेश देता बैच सभी अतिथियों को लगाया । मंच संचालन सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास गिरीश बिल्लौरे, ने किया ।
इस अवसर पर नगर निगम अध्यक्ष राजेश मिश्रा, जबलपुर विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष प्रभाशंकर कुशवाहा, सर्वेश मिश्रा, सावित्री कुंजाम, कौशल्या घाघरे, जगदीश यादव, प्रवीण यादव, राजेश भाटिया, तृष्णा चटर्जी, रमेश सोलकिया, संयुक्त संचालक महिला बाल विकास एस.सी. चौबे, संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास प्राचार्य दिनेश अवस्थी, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री एच के शर्मा विभिन्नविभागों के अधिकारी-कर्मचारी तथा करीब 2000 से अधिक कन्यायें और जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक गण मौजूद थे ।
दिन भर धूम रही "बेटी बचाओ अभियान की माय-एफ़ एम पर"
माय-एफ़ एम ने पूरे शहर में अपने प्रसारण में केवल बेटी बचाओ अभियान की चर्चा की.माय-एफ़ एम के को-आर्डिनेटर श्री सतीष तिवारी ने बताया कि "सुबह से जारी इस सिलसिले की सफ़लता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि श्रोताओं ने माय एफ़ एम में आकर अभियान जारी रखने के लिये सहयोग की पेशकश की."
आदिवासी जिले मंडला में अभूतपूर्व आयोजन
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