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दिल्ली ब्लागर्स मीट : प्रेस कान्फ़्रेंस लाइव जबलपुर एवम इंदौर से

गिरीश बिल्लोरे मुकुल द्वारा जबलपुर से सुनने के लिये चटका लगाएं                                   " लाइव " पर ____________________________________________ अर्चना चावजी इंदौर से               

कादम्बिनी अप्रेल 2011 में वेबकास्टिंग पर श्री पियूष पाण्डॆ

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कादम्बिनी के अप्रेल 2011 अंक के पृष्ट क्रमांक 72-73 पर श्री पीयूष पाण्डे का आलेख "आया ज़माना वेवकास्टिंग का   में हम शौकिया वेबकास्टर्स को उत्साहित किया है.  "   हिंदी ब्लागर्स के बीच  हमको वेबकास्टिंग के ज़रिये आपसी संवाद में सहजता का अनुभव हुआ है. इस तकनीक़ी का उपयोग प्रथम बार खटीमा ब्लागर्स मीट को लाईव कर हमने किया अच्छा अनुभव था. अब तो कई ब्लागर्स वेबकास्टिंग का सार्थक प्रयोग कर रहे हैं. उमनें मैं प्रमुखता से डा० विजय तिवारी किसलय और श्रीमति अर्चना चावजी के नामों ज़िक्र करना चाहूंगा.  जिनने मेरे बाद इस तकनीकी के ज़रिये खूब काम किया. ब्लाग इन मीडिया  (यश भारत की ) खटीमा के आयोजन को लाइव वेबकास्ट करने के बाद मैं और पद्म सिंह अविनाश वाचस्पति की सहायता से तय शुदा कार्यक्रम के मुताबिक दिल्ली में 30 अप्रेल  2011 को होने वाले ब्लागर्स के लिय सम्मान-आयोजन का लाईव प्रसारण करने जा रहें है. आप घर बैठे इस आयोजन का आनंद लीजिये. ये वादा है कि  पूर्व के प्रसारणों की कमियों को दूर कर लिया जावेगा . आयोजकों से वार्ता :- श्री रवीन्द्र प्रभात  डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल, सचिव, हिंदी

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दिल्ली की बारिश और बीजिंग को लेकर लाइव इंडिया की स्टोरी देख के लगा कि ओलम्पिक खेल से ज़्यादा भारत की इन्सल्ट तुलना करके करना ही ख़बर है .... भैया प्रोड्यूसर साहब सरकार राज़ से ऐसी क्या गलती हुई कि आप दिल्ली की लगातार बरसात के बाद सडकों गलियों में भरे पानी को दो साल बाद भारत में होने वाले खेल महा कुम्भ से जोड़ कर दिखाया जिसका न तो कोई अर्थ था और न ही ज़रूरत कि इस देश की किसी अन्य देश से तुलना कर भारत को नीचा दिखाएं । मेरठ में उड़नतश्तरी के बारे जानकार खुशी हुई हुई ही थी की पुण्य प्रसून बाजपेयी के आगमन की ख़बर मेल इनबाक्स से निकलने को फड़फड़ा रही थी ।मैनें आनन् फानन बाजपेयी जी का स्वागत कर दिया और कह दिया है कि उडन तश्तरी .... की तरह औरों ब्लॉग को टिप्पणी तिलक ज़रूर कीजिए । अब ये कोई बात है जो ब्लॉग पर लिखूं .....तो फ़िर ब्लॉग पे लिखने के लिए क्या विषय चुक गए हैं कटाई नहीं विषय के चुक जाने का संकट अपुन को कतई नहीं अपन यानी "अपुन जेक ऑफ़ आल मास्टर ऑफ़ नन" जो ठहरे....ठेल देंगें कछु भी । यदि कुछ न सूझा तो कट पेस्ट थेरेपी जिंदाबाद ..... ! चीन में ओलोम्पिक की शुरुआत ,तिब्बतियों का विर