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आम आदमी से जुड़ा़ खास चेहरा श्री पी.नरहरि I.A.S. ट्विटर पर |
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आम आदमी से जुड़ा़ खास चेहरा श्री पी.नरहरि I.A.S. फ़ेसबुक पर |
श्री पी. नरहरि को आम आदमी की मुश्किलों तक पहुंचने के लिये किसी भी स्थापित माध्यम की आवश्यकता नहीं वे जन-समस्याओं के लिये सीधे लोगों से जुड़े रहने के के लिये फ़ेसबुक एवम ट्विटर के इस्तेमाल में कोई गुरेज़ नहीं रखते. ये बात नहीं कि वे आवेदकों को समय नहीं देते नियमित रूप से आम आदमी के हाथों से उन तक पहुंचे आवेदनों का निपटारा भी बाक़ायदा तेज़ी से ही होता है. एक ज़ुनूनी व्यक्तित्व है नरहरी साहब का. मेरा परिचय एक बहुत छोटे मातहत के रूप में उनसे तब हुआ जब वे मेरे कार्यक्षेत्र में दौरे पर आए. उन दिनों हम इस कोशिश में थे कि मैदानी अमले को सिखाया जावे कि किस तरहा आंगनवाड़ी-कार्यक्रम को लोकप्रियता दी जा सकती है. संयोग वश मुझे नरहरी सर जो प्रोजेक्ट डायरेक्टर हुआ करते थे वाले दल में रखा मंडला के बीजाडांडी ब्लाक से लौटते वक़्त मैने श्रीमति तारा काछी द्वारा संचालित आंगनवाड़ी केंद्र तिलहरी में रुकने का अनुरोध किया. समय कम था इस लिये मुझे बस पांच मिनिट रुकने की शर्त पर आंगनवाड़ी केंद्र तिलहरी में रुकने के अनुमति मिली. उस दिन वहां हम गोद-भराई नवाचार के ज़रिये जनरुचि बढ़ाने वाला प्रयोग करने वाले थे.जैसा कि जबलपुर विकासखंड के अन्य कई आंगनवाड़ी केंद्रों में हम कर चुके थे ..इस नवाचार ने उनको तय समय से ज़्यादा रुकने पर मज़बूर किया. और मुझे इस बात का संतुष्टि की हमारा प्रयोग किसी ने देखा तो.
जबलपुर पहुंचते ही मुझे दल से यह कह कर बेदखल किया कि एक घंटे के भीतर आप नवाचार का राइटअप, प्रयोग काल की तस्वीरें, सम्भावित खर्च, परिणाम लेकर आओ.दो-तीन महीने बाद यह प्रयोग मंगल-दिवस के रूप में पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया.
मेरा इस घटना को याद करने का ये अर्थ न निकाला जावे कि आत्म-प्रस्तुती कर रहा हूं घटना का जिक्र इस कारण कर रहा हूं कि आप जानें श्री नरहरि का आब्ज़र्वेशन काफी तीक्ष्ण है.उनकी निगाह हमेशा अच्छाई तलाशतीं हैं. नैगेटिविटी से परे पाज़िटिव थिंकर कलेक्टर ग्वालियर श्री पी नरहरि आम आदमी के हित में सोशल नेटवर्किंग साइट्स के बेहतर इस्तेमाल किया.और उन्हैं मिला इंटरनेट एण्ड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया तथा माइक्रोसॉफ्ट एडवरटाइजिंग इंडिया का एवार्ड। राष्ट्रीय स्तर पर दिये जाने वाला यह तीसरा अवार्ड है।
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फेसबुक और टि्वटर के जरिये ग्वालियर के विकास के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव भी उन्हें मिले हैं। साथ ही इन सुझाव पर अमल के लिये फॉलोअप से सतत संवाद भी हुआ है। शहर के चौराहों और सड़कों का विकास तथा शहर के सौंदर्यीकरण से संबंधित इन सुझावों पर अमल भी किया गया है। शहर की ज्वलंत समस्याओं से संबंधित सोशल नेटवर्किंग साइटों के जरिए 1500 से अधिक सुझाव उन्हें मिले हैं।
जनसुनवाई, टीएल, जन शिकायत निवारण तथा अन्य माध्यम से प्राप्त हो रहे आवेदनों के त्वरित निराकरण के लिये भी जिले में सूचना प्रौद्योगिकी का सफल इस्तेमाल हुआ है। इन आवेदन का निराकरण ऑनलाइन किया जा रहा है। ऑनलाईन निराकरण व्यवस्था लागू होने से प्रकरणों के निराकरण में विशेष तेजी आई है। अब तक प्राप्त आवेदन में से लगभग 88 फीसदी आवेदन निराकृत हो चुके हैं। जन-सुनवाई आदि में प्राप्त आवेदन के निराकरण की स्थिति आवेदक ऑनलाइन देख सकते हैं। कलेक्टर ने सभी आवेदक से आग्रह कर रखा है कि वह आवेदन पर टेलीफोन और मोबाइल नम्बर जरूर लिखें ताकि उन्हें निराकरण की सूचना दी जा सके।