काव्य पहेली देखें सुधि पाठकों की पसंद कौन हैं.?
ह रेक लश्कर है खोया खोया हरेक लश्कर है सोया सोया चलो जगाएं इन्हैं उठाएं "......................................." के बाद चतुर्थ पंक्ति के लिये मुझे न तो भाव मिल पा रहे थे न ही शब्द-संयोजना संभव हो पा रही थी. किंतु मेरी बात को पूरी करने वाले मित्र को यह चार पंक्तियां सादर भेंट कर दी जावेंगी इस से मेरा हक समाप्त हो जाएगा आपको भी यदि कोई पंक्ति सूझ रही हो तो देर किस बात यदि आप प्रविष्ठि न देना चाहें तो आप अपनी पसंद के कवि का नाम ज़रूर दर्ज़ कीजिए "समस्या-पूर्ती" हेतु मिसफिट पर आयोजित प्रतियोगिता काव्य पहेली के लिए प्राप्त प्रविष्ठियों पर आपकी पसंद क्रमानुसार दर्ज़ कीजिये तब तक आता है जूरी का निर्णय प्रतिभा जी की पंक्ति जोडने से पद को देखिये हरेक लश्कर है खोया खोया हरेक लश्कर है सोया सोया चलो जगाएं इन्हैं उठाएं कि कुछ पग बस जीत दूर है.. ____________________________________________ समीर भाई की पंक्ति जुडते ही पद का स्वरुप ये हुआ है हरेक लश्कर है खोया खोया हरेक लश्कर है सोया सोया चलो जगाएं इन्हैं उ