इस वक्त में दुनियां की सबसे चर्चित फिल्म "Bhopal
: A Prayer For Rain " का निर्देशन लेखन जबलपुर के अनिवासी भारतीय चिकित्सक ने
किया है ।
मुझे स्मरण हो आया अपने स्वर्गीय मित्र क्रिकेटर
स्व. डाक्टर संजय श्रीवास्तव का जिनके डा. रवि बाल
सखा है । डा. रविकुमार राइट टाउन जबलपुर
निवासरत शकरगाए परिवार सदस्य हैं यह परिवार नार्मदीय ब्राह्मण परिवारों में से एक है
जो बहुधा संयुक्त परिवार की मिसाल होते हैं । पिता
श्री मदन मोहन शकरगाए स्वयं सेवानि:वृत बुजुर्ग
हैं परंतु वृद्ध होने का एहसास वे होने नहीं देते । नार्मदीय ब्राह्मण समाज में
सतत सक्रिय शकरगाए दादा जी गायकी के शौकीन हैं आज भी गीत भजन गाते हैं , जब मन हुआ यात्रा पर कुल मिला कर आत्मसाहस के साथ ज़िंदादिली के साथ जीवन
का आनंद लेते शकरगाए जी के मन में उत्साह का संचार होना स्वाभाविक है .... डा. रवि
का जन्म 11 अक्टूबर 1961 को मध्यप्रदेश के बैरागढ़ भोपाल में हुआ ।
प्रारम्भिक शिक्षा दीक्षा भी भोपाल में ही हुई ।
घर के मुखिया की सरकारी नौकरी के चलते
समूचा परिवार को 1976 में जबलपुर आया । संस्कारधानी की
तासीर ही कला साधना के सबसे अनुकूल है युवा विद्यार्थी
रविकुमार की प्रतिभा को निखारने का मौका यहीं मिला ।
मेरे मित्र
स्व. ( डा.) संजय श्रीवास्तव मुझे इनकी
रुचियों के बारे में बताया करते थे । मुझे पता था कि डा. रवि का नाता चिकित्सा से तो
है ही पर वे थियेटर में भी रुचि रखते हैं किन्तु इंग्लैण्ड के सेंट मेरी एवं सेंट
जांस हास्पिटल्स के पीडियाट्रिशियन डा.
रवि फिल्म निर्माण से अभी भी जुड़े हैं इस बात से अनभिज्ञ रहा हूँ । परिजनों के अनुसार नाटक एवं लेखन में डॉ. रवि
की विशेष रूचि एवं वर्तमान कार्यों की पुष्टी हुई है । माँ श्रीमती कुसुम ने बताया कि – “ रवि विश्व
में अपनी फिल्म साधना को स्थापित करना चाहते हैं , रचनात्मकता
उनके जीवन की अभिन्न ज़रूरत है ”
डा. रवि शकरगाए
ने नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल कालेज से एम बी बी एस की डिग्री हासिल कर मूलचंद
हास्पिटल दिल्ली में इटर्नशिप करने के बाद 1988 में M. D.
Pediatrics के
लिए लन्दन गए । वहीं Child
Heart Specialist की
उपाधि प्राप्त की. डा. रवि की पत्नी श्रीमती मेरली भी
जीवन साथी होने के साथ साथ उनके प्रतिभावान व्यक्तित्व की हमकदम हैं ।
“भोपाल : ए प्रेयर फॉर रेन का निर्माण एवं प्रदर्शन
“
चर्चित फिल्म भोपालः ए प्रेयर फॉर रेन को बनाने में आठ साल लगे यह फिल्म लगभग पांच बरस पहले बनके तैयार हो चुकी
थी. इसका प्रदर्शन पहली बार सितंबर 2014 को अमेरिका में किया गया । फिर 7
नवंबर 2014 को अमेरिका में छोटे पैमाने पर किया गया । वहां इसे कैलिफोर्निया, लास एंजलिस, शिकागो सहित कई स्थानो पर
प्रदर्शित करने की मांग की गई है । अमेरिकी फिल्म समीक्षक एवं दर्शक इस
फिल्म को टायटेनिक के समतुल्य मानते हैं ।
भारत में प्रदर्शन
: -
भारत में फिल्म का प्रदर्शन गैस हादसे की तीसवीं बरसी पर 3 दिसंबर
2014 को भोपाल के आशिमा
मॉल के सिनापोलिस थियेटर किया
गया । अगले ही दिन यानी 4 दिसंबर
2014 को इस फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग में सलमान खान , रितिक रौशन, रितेश
देशमुख , महेश
भट्ट आदि मौजूद थे । स्मरण हो की इस फिल्म को देखने के बाद मुख्यमंत्री श्री
शिवराज सिंह ने प्रदेश में कर मुक्त करने की घोषणा भी की है ।
समीक्षकों की नज़र में
एक अन्य फिल्म
समीक्षक *स्टेसी यंट्स ने कहा कि – “मैं इस फिल्म को कोई रेटिंग अंक नहीं दे रहा हूँ क्योंकि यह फिल्म
रेटिंग वाले मानदंड से सर्वथा ऊपर है ।”
काबिले गौर तथ्य आपके सामने लाना ज़रूरी है कि - कांस एवं टोकियो फिल्म त्यौहारों में ही नहीं वरन स्विटज़रलैंड में भी इसे अनूठी फिल्म माना है. यद्यपि हम
अभी इसे देख नहीं पाए हैं. जैसा कि मैंने पहले ही कहा है कि अमेरिकी फिल्म समीक्षक एवं दर्शक इस फिल्म को टायटेनिक के
समतुल्य मानते हैं इस फिल्म को देखने के बाद मैं निर्विवाद रूप से पुष्टि करता हूँ कि रवि भाई में
भविष्य में निर्देशक के रूप में हालीवुड के चुनिन्दा श्रेष्ठ
निर्देशकों में से एक होंगे । घटना के बाईस बरस बाद रवि जी के दिमाग में मिक बनाम भोपाल
वाला घटनाक्रम तैर गया और उनने आर्थिक विकास की अंधी भागमभाग के दौर को बहुराष्ट्रीय
कंपनियों के साथ सतर्क व्यवहार के लिए फिल्म के जरिये आगाह किया तो मान लेना चाहिए
कि लेखक के रूप में रवि जी का विज़न अधिक सक्रिय
है ।
फ़िल्मकार रवि ने अपनी
फिल्मकारी की श्रेष्ठता उत्कृष्ट 2001 में बनाई लघु फिल्म My other
wheelchair is a porshe में ही सिद्ध कर दी है ।
नियोमी केंटोन की नज़र
में यह फिल्म – स्लम डाग मिलेनियर एवं ट्वेलव ईयर अ स्लेव से बेहतर है ।
[ *स्टेसी यंट्स :
"I cannot g ive this film a rating,
as it is so much more than that. I can only simply say it is important that
everyone see this devastating tale, to learn, to know, to feel and to act." { देखें - Stacey Yount's Special Review – Bhopal: A Prayer For Rain } ]
मैं भारतीयों को लेकर अत्यधिक आशावादी हूँ मुझे मालूम है कि पंद्रह वर्षों में भारत सम्पूर्णविश्व में अपनी सोच समझ एवं ज्ञान की शक्ति के सहारे सर्वोत्तम साबित होंगे । तब डा.रवि कुमार शकरगाए का अपना मुकाम हॉलीवुड में सबसे अलग होना तय है ।
डा. रविकुमार शकरगाए
का फिल्मों में
योगदान
निर्देशक के रूप में
2001 : My other wheelchair is a porshe (Short Film )
लेखक के रूप
में
निर्माता
Uproot (short film )
परिवार का परिचय
पिता - श्री मदन मोहन शकरगाए, सेवा नि:वृत शासकीय अधिकारी,
अधिवक्ता, एवं गायक
माता – श्रीमती कुसुम शकरगाए गृहणी
भाई –
v श्री ब्रजभूषण शकरगाए, पत्रकार , जबलपुर,
v श्री चंद्रभूषण शकरगाए, पत्रकार एवं प्रबंधन क्षेत्र में , जबलपुर
v डा. रविकुमार पीडियाट्रिक्स एवं फ़िल्मकार , हालीवुड / लंदन
v श्री विवेक आनंद शकरगाए , टोरंटो
v श्री भारत भूषण शकरगाए, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के
प्रबंधकीय – विभाग में सेवारत