अखबारों में मिसफ़िट





विद्रूप विचारधाराएं और दिशा हीन क्रांतियों का दौर



में प्रकाशित मिसफ़िट की 
एक पोस्ट : .... खबर बन जाऊं


मारे खुशी के निर्भय के हिज्जे बड़े हो गए ...बस और क्या..!!










पापा, क्यों भौंकते हैं................ये कुत्ते ?




एक वसीयत : 

अंतिम यात्रा में चुगलखोरों को मत आने देना


एक हैलो से हिलते लोग..!!


सर्वदा उदार प्रेयसी है वो..!!


या 








टिप्पणियाँ

बवाल ने कहा…
बहुत बढ़िया संकलन हैं सर।

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