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मिथलेश दुबे पाडकास्ट लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कुंवर मिथलेश दुबे ने तलाश ली है अपनी शरीके हयात ?पाडकास्ट

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पाडकास्ट  ________________________________________________ ललित जी का नज़रिया देखिये हेड फोन लगाते नहीं बस  डाँटते  रहते है ललित भैया मुझे  भाई गिरीश बिल्लौरे जी ने जब से पोडकास्ट शुरू किया है...........वो की बोर्ड से लिखना ही भूल गये है.....अब बात भी पॉडकास्ट की भाषा में होती है...............बस दिन रात का एक ही काम रह गया है पॉडकास्ट......तो भैया समय हो तो कभी लिख भी लिए करो आज पॉडकास्ट में धमाल है विवेक रस्तोगी के साथ. .....सुनिए.......और गुनिये......... पदम् सिंग  जी प्द्मावली पर एक बहुत विचारनीय स्मरण लेकर आये हैं......रेलवे स्टेशन पर घटी एक घटना ने इन्हें लिखने को मजबूर कर दिया...... .छोटा सा बडप्पन ......जब भी उधर से गुजरता हूँ , नज़रें ढूंढती रह जाती हैं उसे लेकिन फिर कभी नहीं दिखा मुझे वहां, उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़  शहर के रेलवे स्टेशन का जिक्र करता हूँ ….. Friday, ‎February ‎24, ‎2006 दोपहर के बाद का समय था…हलकी धूप थी. गुलाबी ठण्ड में थोड़ी धूप अच्छी भी लगती है और ज्यादा धूम गरम भी लगती है … स्टेशन पर बैठा इंतज़ार कर रहा था और ट्रेन लगभग एक घंटे बाद आने वाली थी ….. बेंच प