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अफसर और साहित्यिक आयोजन :भाग एक

:: एक अफसर का साहित्यिक आयोजन में आना :: ____________________________________________________ पिछले कई दिनों से मेरी समझ में आ रहा है और मैं देख भी रहा हूँ एक अफसर नुमा साहित्यकार श्री रमेश जी को तो जहां भी बुलाया जाता पद के साथ बुलाया जाता है ..... अगर उनको रमेश कुमार को केवल साहित्यकार के रूप में बुलाया जाता है तो वे अपना पद साथ में ज़रूर ले जाते हैं जो सांकेतिक होता है। यानी साथ में एक चपरासी, साहब को सम्हालता हुआ एक बच्चे को रही उनकी मैडम को सम्हालने की बात साहब उन्हें तो पूरी सभा सम्हाले रहती है। एक तो आगे वाली सीट मिलती फ़िर व्यवस्था पांडे की हिदायत पर एक ऐसी महिला बतौर परिचर मिलती जिसे आयोजन स्थली का पूरा भौगौलिक ज्ञान हो ताकि कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रकार की शंका का निवारण सहजता से कराया जा सके। और कुछ लोग जो मैडम की कुरसी के उस सटीक एंगल वाली कुर्सी पर विराज मान होते हैं जहाँ से वे तो नख से शिख तक श्रीमती सुमिता रमेश कुमार की देख भाल करते हैं । उधर कार्यक्रम को पूरे यौवन पे आता देख रमेश जी पूरी तल्लीनता से कार्यक्रम में शा

सुनो मीडिया वालो हिम्मत है तो इमरान खान वाला विज्ञापन दिखाना बंद कर दो

भारत के वीर सपूतों को आखिरी - अभिवादन के साथ मित्रो भारत को पाकिस्तान के साथ कठोर बयान जारी करने के अलावा इन बिन्दुओं पर भी विचार करना है हमें # पाकिस्तान के साथ सांस्कृतिक / साहित्यिक / आर्थिक संबंधों पर तुरंत ही समाप्त कर दी जाएँ # स्टार प्लस सोनी जी टी वी इस देश के कलाकारों को लेकर बनने वाले रियलिटी शो से उन कलाकारों को बिदा कर देना चाहिए # इमरान खान जैसे क्रिकेटर ' स के विज्ञापन दिखाना बंद किया जाए # क्रिकेट के लिए ज़ारी विदेश मंत्री का बयान ठीक है , इन सूत्रों पर अमल करना अब ज़रूरी है