कुमार विश्वास का परिचय : कविता कोष से साभार
कुमार की वेब साईट, फ़ेसबुक,आरकुट,ट्विटर, यू-ट्यूब पर, कुल मिला कर अंतरजाल का तार पकड़ के न जाने यह गायक कब कवि कहलाने लगा मुझे नहीं पता चल सका. कुछ दिनों पहले ईवेंट-ग्रुप ने चाहा कि वे एक ऐसा कवि सम्मेलन आयोजित करना चाहते हैं जिसमें देश के वज़नदार कवि आएं. मैने भी समीरलाल जी से सुन रखा था कि कुमार एक अच्छे कवि हैं... सो अन्य कवियों के अलावा कुमार से समीरलाल जी का संदर्भ देकर उनके पारिश्रमिक की जानकारी चाही. अन्ना हज़ारे के साथ खड़े होकर बड़ी-बड़ी बात करने वाले इस युवा कवि ने जो कहा उसे सुनकार मुझे लगा शायद मैनें कोई गलत नम्बर डायल कर दिया हो . . कुमार ने मुझसे कहा -"भाई पैसा तो हमको एक लाख रुपये नकद चाहिये यात्रा व्यय और रुकने का इंतज़ाम तो करेंगे ही आप...? "
इस उत्तर को सुन मेरा मन हताशा से भर गया . अपने मित्र को साफ़ साफ़ कह दिया हमने कि -"मित्र हम छोटे लोग हैं इतना खर्च न उठा पाएंगे. उठा भी लें तो नक़द न दे पाएंगे.. आखिर आयकर बचाने में हम किसी की मदद क्यों करें ..?"
इस उत्तर को सुन मेरा मन हताशा से भर गया . अपने मित्र को साफ़ साफ़ कह दिया हमने कि -"मित्र हम छोटे लोग हैं इतना खर्च न उठा पाएंगे. उठा भी लें तो नक़द न दे पाएंगे.. आखिर आयकर बचाने में हम किसी की मदद क्यों करें ..?"
बेअदबज़बानी, लम्पटता के क़ब्ज़े में ही आलम था !
वो साबुत लौट के इसकर गए, के सब्र हमारा कायम था !!
--- बवाल