भगवान लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
भगवान लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

2.7.14

"बावरे-फकीरा से संगृहीत 25.000/- रूपए की राशि मैजिक-ट्रेन"लाइफ लाइन एक्सप्रेस'' के लिए सौंपी गयी "




शिर्डी साई को भगवान मानो या न मानो इस पर परम पूज्य शंकराचार्य जी की टिप्पणी से मुझे कोई लेना देना नहीं. पर एक अदभुत घटना घटी मेरे जीवन में मेरे गुरु-भक्ति गीत का गायन आभास से कराया श्रेयस जोशी ने उनकी संगीत रचना की. किसी भी कलाकार ने कोई धन राशि बतौर पारिश्रमिक हमसे न ली . बस पोलियो ग्रस्त बच्चों की मदद के वास्ते कुछ करने का ज़ुनून था. और  सव्यसाची-कला-ग्रुप जबलपुर द्वारा दिनांक 14 मार्च 2009 को स्थानीय मानस भवन जबलपुर में आयोजित पोलियो-ग्रस्त बच्चों की मदद हेतु साईं भक्ति एलबम बावरे-फकीरा  का लोकार्पण किया गया था . मेरे एक मित्र राजेश पाठक प्रवीण ने कहा था- बस आधा मानस भवन भर गया तो जानो अपना कार्यक्रम सफ़ल. पर भीड़ ने रुकने का नाम न लिया मानस भवन खचाखच था देखते ही देखते . शो शुरु से अंत तक एक सा रहा. स्व. ईश्वरदास रोहाणी  दादा , श्री जितेंद्र जामदार, सहित शहर के गणमान्य से लेकर सामान्य व्यक्ति तक आए. भगवान बाबा की कृपा स्व.  मां सव्यसाची के आशीर्वाद से पहले ही दिन पच्चीस हज़ार के एलबम बिक गए. प्राप्त  राशी कम न थी तब. रेडक्रास सोसायटी जबलपुर  को लाईफ़-लाईन एक्सप्रेस के प्रबंधन के लिये ज़रूरत थी. सेवाव्रती लोगों की ज़रूरत भी थी. अगले ही दिन राशि तत्कालीन कलेक्टर जबलपुर श्री हरिरंजन राव को सौंप दी गई. सेवाभावी युवकों को पारिश्रमिक, एवम बाद में लगातार आडियो एलबम बिका जिसका उपयोग  विकलांगो की मदद के लिये सव्यसाची-कला ग्रुप ने पोलियो-ग्रस्त बच्चों की मदद के लिये किया. मुद्दा ये है कि धंधेबाज़ सब नहीं होते परम पूज्य स्वामी स्वरूपानंद जी . आज़ भी अगर एलबम बिकता है तो उसका उपयोग चैरिटी के लिये ही तो होता है. हमें आहत न करे पूज्य.. हम अकिंचन हैं पर प्रभू पर हमारी गहरी आस्था है. प्रभू का एहसास हमें पत्थर से हो जड़ से हो चेतन से हो या आभासी.. हम  जो करेंगें उसी के आदेश पर करेंगें क्योंकि सम सनातन हैं.. हम लोक सेवी हैं.. जै साई राम 

"बावरे-फकीरा से संगृहीत 25.000/- रूपए की राशि मैजिक-ट्रेन"लाइफ लाइन एक्सप्रेस'' के लिए सौंपी गयी "
सव्यसाची कला ग्रुप जबलपुर द्वारा बावरे फकीरा एलबम के ज़रिए एक सप्ताह से भी कम समय में जुटाई है धन राशि संस्था चाहती है कि "विश्व में जादुई रेल "कही जाने वाली
लाइफ-लाइन-एक्सप्रेस के लिए आवश्यक आर्थिक सहायता देने हर वर्ग के नागरिक आगे आएं
*संस्था इस हेतु संकल्पित है कि आम नागरिक के मन में इस पुनीत कार्य हेतु भागीदारी की भावना जागृत हो
सव्यसाची-कला-ग्रुप जबलपुर द्वारा दिनांक 14 मार्च 2009 को स्थानीय मानस भवन जबलपुर में आयोजित पोलियो-ग्रस्त बच्चों की मदद हेतु साईं भक्ति एलबम बावरे-फकीरा का लोकार्पण किया गया था . जिसमें आभास जोशी एवं पोलियो-ग्रस्त गायक श्री ज़ाकिर हुसैन (वी ओ आई 02 फेम ) के अतिरिक्त स्थानीय कलाकार भी शामिल हुए थे . सव्यसाची कला ग्रुप ने एक सप्ताह से कम समय में "बावरे-फकीरा टीम" के संकल्प को पूर्ण करने के उद्येश्य से एलबम के प्रथम संस्करण के माध्यम से रूपए 25,000=00 की धन राशि संगृहीत की है माह अप्रैल 2009 में जबलपुर में आने वाली मैजिक-ट्रेन "लाइफ लाइन एक्सप्रेस'' के लिए 25.000/- रूपए की धनराशि श्री हरि रंजन राव कलेक्टर जबलपुर को भेंट की गयी.
इस अवसर पर प्रशासन की ओर से महेंद्र द्विवेदी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास तथा संस्था की ओर से श्री के जी बिल्लोरे,के के बैनर्जी,मनोज सक्सेना,पप्पू शर्मा,डाक्टर विजय तिवारी "किसलय",कर सलाहकार श्री दिलीप नेमा, राजेश पाठक "प्रवीण",श्री निर्मल यादव, श्री नितिन अग्रवाल सहित संस्था के संस्थापक-अध्यक्ष श्री एस के बिल्लोरे सचिव श्री सुनील पारे उपस्थित रहे. सव्यसाची कला ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष श्री एस के बिल्लोरे ने बताया कि :"इस एलबम का निर्माण स्वर्गीया प्रमिला देवी की प्रेरणा से युवा संगीतकार श्रेयस जोशी,गायक आभास जोशी,संदीपा पारे(भोपाल) एवं गीतकार गिरीश बिल्लोरे मुकुल द्वारा किया गया था सभी ने नि:शुल्क उक्त कार्य को पूरे मनोयोग से पूर्ण किया है सव्यसाची-कला-ग्रुप जबलपुर इन कला साधकों का हार्दिक आभार मानते हुए नगर के उन सभी सम्मानित जनों का आभार मानता है जिनके कारण लक्ष्य की पूर्ती सहजता से हो सकी है |"
जिलाध्यक्ष श्री हरिरंजन राव ने डोनेशन स्वीकारते हुए कहा :-"लाइफ लाइन एक्सप्रेस के लिए यह पहला डोनेशन है जो सराहनीय है "
 एलबम प्राप्ति हेतु संपर्क कीजिये
सव्यसाची-कला-ग्रुप
969/A,Gate No.04,Sneh Nagar Road, Jabalpur (M.P.)
Phone: 09826143980 Email: girishbillore@gmail.com
---------------------------------------------------------------------------------------------

सुनील पारे
सचिव ,सव्यसाची कला ग्रुप जबलपुर

3.11.13

भगवान तो सस्ते में दे रहा हूं.. !


कार्टूनिष्ट राजेश दुबे
के ब्लाग डूबे जी से साभार 
भगवान को खोजता
दूकानदार
 एक दो तीन दिन न पंद्रह दिन लगातार लेखन कार्य से दूर रहना लेखक के लिये कितना घातक होगा ये जानने हमने खुद को लिखने से दूर रखा सच मानिये   हमारी दशा बिना टिकट प्रत्याशी की मानिंद हो गई. हम लगभग चेतना शून्य हैं..बतर्ज़ बक्शी जी सोच रहा हूं..  क्या लिखूं...?
 फ़िर सोचता हूं कुछ तो लिखूं..  आज़ दिन भर से मानस में एक ही हलचल मची हुई है कि कोई ये बताए कि हम किधर जा रहे हैं .. या कोई हमसे ये पूछे कि हम किधर से आ रहे हैं..?
   फ़िर कभी सोचा कि इस मौज़ू पर लिखूं कि -   ऐसा कोई नज़र आ नहीं रहा.जो खुद को देखे सब दूसरों को देखते तकते नज़र आ रहे हैं.. फ़िर फ़ूहड़ सा कमेंट करते और और क्या.. जिसे देखिये "पर-छिद्रांवेषण" में रत अनवरत .. आक्रोश  अलबर्ट पिंटो की मानिंद  जिसे गुस्सा क्यों आता है  क्विंटलों-टनो अलबर्ट पिंटो बिखरे पड़े हैं.. जुबानें बाबा रे कतरनी की तरह चलती नज़र आ जातीं हैं . सरकारें मुंहों पर कराधान करे तो .. बेशक आबकारी के बाद सबसे इनकम जनरेटिंग "माउथ-टैक्स-विभाग" बनना तय है...!
भगवान तो सस्ते
में दे रहा हूं..मैडम जी !
         इस बीच धरमपत्नि जी की तरफ़ से  बाज़ार जाने का आदेश हुआ .. फ़िर ये आदेश हुआ कि - " बाज़ार जाओ जा ही रए हो न..?  तो लक्ष्मी-गणेश-सरस्वती खरीद लाना. देवी-देवताओं को खरीदने पर परसाई दद्दा का लेखांश आपको याद ही होगा :-
दुनियां भगवान को पूजती है पर अपने से कम अक्ल मानती है.. सवा रुपये चढ़ा कर मन ही मन मानता यानी सौदा कुछ यूं तय करता है-"प्रभू अभी सवा रुपये बाक़ी एक सौ काम होने के बाद .. "
      हम भी गोरखपुर में एक फ़ोटो पोस्टर वाली दुकान पे पहुंचे "लक्ष्मी-गणेश-सरस्वती"  लेने .
  जहां  एक मोहतरमा  दूकानदार से  काफ़ी मशक्कत करवाने के बाद पोस्टर की क़ीमत पर हुज़्ज़त कर रहीं थीं. ..
भाई बहुत मंहगे हैं..
न मैडम मंहगा तो डालर है.. प्याज़ है.. भगवान तो सस्ते में दे रहा हूं.. !
न भैया.. दस रुपये और वापस करो..
न, मैडम.. इतना ही तो बच रहा है..
         बात तो फ़ोटो बेचने वाले ने सोलह-आने सच्ची कही.डालर और प्याज़ के मुक़ाबले भगवान तो सस्ते ही हैं है न मित्रो .
                    भगवान को अपने से कम अक्ल और डालर/प्याज़ के मुक़ाबले कम आंकने वाले कम नहीं है मित्रो.. तभी तो विरासत, सियासत सबमें भगवान का उपयोग सहजता से जारी है.
     सच है भगवान तुम बहुत सस्ते हो...
हैप्पी दीवाली प्रभू... 

Wow.....New

धर्म और संप्रदाय

What is the difference The between Dharm & Religion ?     English language has its own compulsions.. This language has a lot of difficu...