आभार: तीसरा रास्ता ब्लाग ब्लाग स्वामी आनंद प्रधान |
नकारात्मकता हमारे दिलो-दिमाग पर कुछ इस क़दर हावी है कि हमें दो ही तरह के व्यक्ति अपने इर्द-गिर्द नज़र आ रहे हैं. “अच्छे और बुरे” एक तो हम सिर्फ़ खुद को ही अच्छा मानते हैं. या उनको जो अच्छे वे जो हमारे लिये उपयोगी होकर हमारे लिये अच्छे हैं .
1. . मैं हूं जो निहायत ईमानदार,चरित्रवान ऐसी सोच को दिलो दिमाग से परे कर अब वक़्त आ गया है कि हम खुद के खिलाफ़ एक जंग छेड़ दें. अपना किसी के खिलाफ़ जंग छेड़ना ही महानता का सबूत नहीं है .
2. दूसरे दुनियां के बाक़ी लोग. यानी अपने अलावा ये,वो, तुम जो अपने लिये न तो उपयोगी थे न ही उपयोगी होते सकते हैं और न ही अपने नातों के खांचों में कहीं फ़िट बैठते वे भ्रष्ट,अपराधी, गुणहीन, नि:कृष्ट पतित हैं. बस ऐसी सोच अगर दिलो दिमाग़ से हट जाए तो हम ख़ुद के खिलाफ़ लामबंद जाएंगे
यानी बस अगर सही है तो ग़लत हैं हम ..
“ हमारा न तो औदार्य-पूर्ण-द्रष्टिकोण” है न ही हम समता के आकांक्षी ही हैं.
कारण कि हम ’सर-ओ-पा’ नैगेटिविटी से भरे हैं."
एक दृश्य पर गौर फ़रमाएं : "एक निहायत मासूम दीखता एक छिद्रांवेशी सहकर्मी जो हर किसी के दोष निकालता है.बातों के जाल को मासूमियत से कुछ इस तरह बुनता है कि कोई भी उसका यक़ीन कर ले. किसी का भला उसको फ़ूटी आंख नहीं सुहाता. बस सत्ता के इर्दगिर्द घूमता उस कुत्ते की तरह जो मालिक के फ़ैंके मांस के टुकड़ों पर पल रहा वो यक़ीनन सफ़ल है. यही देश की वास्तविकता है. ऐसा नहीं है क़ि सिर्फ वही सहकर्मी दोषी है दोष तो उनका भी है भी है जो उसे पाल रहे हैं. दोष उनका भी है जो उससे अपना काम निकलवा रहे हैं दोष उनका भी कम नहीं जो दूर से नज़ारा कर रहे हैं "
. तो क्या करें किसे सही मानें :- बस मानस में शुभ्रता जगाएं. उसी शुभ्रता के साथ रहें किसी आंदोलन की ज़रूरत न होगी न अन्ना हजारे जी उपवास करेंगे
- पिता हैं न आप तो उन बच्चों के सुनहरे कल को गढ़ने : "घूस दें न घूस लें..
- अगर आप सच्चे भारतीय युवा हैं तो न पिता से अनावश्यक अपेक्षा न करें. अपना जीवन सादगी से सराबोर रखें.
- अगर आप पत्नी हैं तो गहनों साड़ियों के लिये भावनात्मक रूप से आकृष्ट न हों
- और अगर आप सच्चे भारतीय हैं तो बस सादगी से जियें अपना हरेक पल
- आज़ मेरी एक पोस्ट फ़िर याद आ रही है "स्टुपिट कामन मैन"जिसे संदर्भ बनाया है "इंडिया टी.वी." ने आज़
- एक पोस्ट ऐसी भी ”चलिये एक बार फिर से मोमबत्तियां जलायें "