नीरज जी शुक्रिया आप के आलेख भी जबरदस्त होते हैं मधुबाला की तस्वीर को परिभाषित करतीं आपकी ये पंक्तियाँ जो मधुबाला को मोनालिसा से तौलतीं हैं मुझे आपसे जोड़े रखने का मुख्य कारण है:- जो बात गीता में अन्जील और कुरान में है उसी तरह की सदाकत तेरी मुस्कान में है और ये तो कमाल है भीगती "नीरज" किसी की याद में आँख को सबसे छुपाना सीखिए यायावर जी को और विस्तार पथ प्रशस्त करने आपने जो पोस्ट लिखी वहीं से ये दोहे तुम साँसों में बस गयीं,बन बंसी अभिराम तन वृन्दावन हो गया,पागल मन घनश्याम ज्ञानी,ध्यानी,संयमी,जोगी,जती,प्रवीण फागुन के दरबार में,सब कौडी के तीन आपकी चयन प्रकृति का परिचय है फ़िर जिस लज़ीज तरीके से "बेक्ड-समोसे" परोसे उसके लिए सुबह-सुबह शुक्रिया बेहतरीन ब्लॉग के लिए बधाइयों के ट्रक मुंबई में इस पते पर भेज दूँ नीरज गोस्वामी मुम्बई, महाराष्ट्र, इंडिया किंतु पूरा पता मिलता तो उम्दा होता खैर कोई गल नहीं आपके पूरे ब्लॉग में ये बात मुझे सटीक नहीं लगती जिंदगी भाग दौड़ की "नीरज" यूँ लगे नीम पर करेला है ये मेरी सोच है बुरा मत मानिए आप जैसा मुम्बइया-भाषा:"बिंदास" व्यक