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"अखंड टिप्पणी-वता/वती भवेत !!"

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आप सभी का मिसफिट पर हार्दिक स्वागत हैइस ब्लॉग पर आते ही आपकी समस्त टिप्पणी से सम्बंधित कामनाएं बाबा टिपोर नाथ के आशीर्वाद से पूर्ण हो जायेंगी. आप सभी का हार्दिक स्वागत है जो टिप्पणियां देने आए जो आ रहें हैं तुरंत आ जाएँ कसम से बाबा टिपोर चाँद का आशीर्वाद से आपका ब्लॉग भी भरी-पूरी सुहागिन सा दमकता चमकता दिखेगा

इस वर्ष का हीरा लाल गुप्त "मधुकर" स्मृति सम्मान श्री गोकुल शर्मा दैनिक भास्कर जबलपुर ,सव्यसाची अलंकरण श्री सनत जैन भोपाल को तथा श्रेष्ट ब्लॉगर सम्मान श्री महेंद्र मिश्र को

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                                                                                            स्वर्गीय श्री हीरा लाल गुप्ता  पत्रकारिता के क्षितिज पर एक गीत सा , जिसकी गति रुकी नहीं जब वो थे ..तब .. जब वो नहीं है यानी कि अब । हर साल दिसंबर की 24 वीं तारीख़ को उनको चाहने वाले उनके मित्रों को आमंत्रित कर सम्मानित करतें हैं । यह सिलसिला निर्बाध जारी है 1998 से शुरू किया था मध्य-प्रदेश लेखक संघ जबलपुर एकांश के सदस्यों ने । संस्था तो एक प्रतीक है वास्तव में उनको चाहने वालों की की लंबी सूची है । जिसे इस आलेख में लिख पाना कितना संभव है मुझे नहीं मालूम सब चाहतें हैं कि मधुकर जी याद किये जाते रहें । मधुकर जी जाति से वणिक , पेशे से पत्रकार , विचारों से विप्र , कर्म से योगी , मानस में एक कवि को साथ लिए उन दिनों पत्रकार हुआ करते थे जब रांगे के फॉण्ट जमा करता था कम्पोजीटर फिर उसके साथ ज़रूरत के मुताबिक ब्लाक फिट कर मशीनिस्ट  को देता जो समाचार पत्र छपता था । प्रेस में चाय के गिलास भोथरी टेबिलें खादी के कुरते पहने दो चार चश्मिश टाइप के लोग जो सीमित साधनों में असीमित कोशिशें करते नज़र आते थे । हाँ

ब्लॉग-पार्लियामेन्ट की जुगत ज़मने लगी है:

ब्लॉग जगत अब प्रजातान्त्रिक-सूत्र में पिरोया जाने वाला है। इसकी कवायद कई दिनों से फुनिया फुनिया के कई दिनों से जारी थी. सूत्रों ने बताया इस के लिए आभासी-संविधान की संरचना के प्रयास युद्ध स्तर पर जारी हैं . बताया जाता है की जिस शहर में सर्वाधिक ब्लॉगर होंगे उसे "ब्लागधानी "बना दिया जाएगा . ब्लॉग'स में प्रान्त/भाषा/जाति/वरन/वर्ग/आयु का कोई भेदभाव नहीं होगा . कुन्नू सिंह की अध्यक्षता में बनने वाली ब्लॉग-संविधान की संरचना की जानी लभग तय है. जिसके प्रावधानों में निहित होगी ब्लॉग-सरकार की व्यवस्थाएं .अंतरिम-सरकार के सम्बन्ध में अनाधिकृत जानकारी के अनुसार एक अंतरिम सरकार का गठन किया जाना है जिसका संघीय स्वरुप होगा . तथा शासनाध्यक्ष /मंत्रालय की निम्नानुसार व्यवस्था प्रस्तावित होगी :- ब्लागाध्यक्ष : एक पद प्रधान-ब्लॉग-मंत्री अन्तर-राष्ट्रीय मामलों के मंत्री कायदा-मंत्री टिप्पणी-मंत्री प्रति-टिप्पणी मंत्री गुम-नाम टिप्पणी प्रतिषेध-मानती बिन-पडी पोस्ट टिपियाना मंत्री नारी-ब्लॉग मंत्री राजनीतिक /धर्म/संस्कृति/तकनीकी सहित उतने मंत्री होंगें जितने विषयों पर ब्लॉग लिखे जा रहें हैं। इस

बूझ लिया और जान लिया पहचान लिया भी

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“ ब्लागर्षियों …!!” पहेली ...ओउर .....ओकर जबाव .. तो ठीक है हमहूँ कहे देत हैं कि हम तो उस भैये को खोजत हैं जिसने पहले-पहल यानि कि सबसे पहले मुर्गी और अंडा को मुर्गी और अंडा की संज्ञा दी है. जिसकी तर्ज़ पे "ब्रह्म की पहचान" करने वाले महर्षियों कि तरह "ब्लॉग-ऋषिगण " इस पहले का भेद जानने की कोशिश में लगे हैं...!! अब इस पहेली को को सुलझाने कि कोशिश के दौर में विजेता महारथियों को मेरी और मेरे अन्य ब्लॉग-मुनियों की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं पहुंचे जी !

शतरंज के खिलाड़ी हैं हम !!

लड़का क्या करता है....? जी ब्लॉगर हैं । तो ठीक है उसकी शादी फीमेल से नहीं ई - मेल से कर दीजिए । शतरंज के खिलाडी हिन्दी के ब्लॉगर एक आभासी हार जीत का मज़ा लेना हो तो इन ब्लॉगर ( जिनमें मैं भी शामिल हूँ ) की भाव - भंगिमा से बांचा जा सकता है । हर बाजी " पोस्ट " को विजेता के भाव से लिखते हम सच अदद टिप्पणियों / आगंतुकों की प्रतीक्षा में लग जातें हैं । कम टिप्पणियों के बाबजूद हार न मानना हमारी विशेषता हैं । नाते चिट्ठों पे टिपिया के मांग लेतें हैं टिप्पणी मिल भी जातीं हैं । कुछ आपसी पीठ खुजाई में बदस्तूर लगे रहतें हैं । किंतु यहाँ क्रिया की प्रतिक्रया का सिद्धांत लागू होता है , यदि दो बार के बाद टिप्पणी रिटर्न गिफ्ट से न आए तो अपन उस ब्लॉग पे टिपियाना तो दूर उधर निगाह भी नहीं करते । गिव एंड टेक का मसला है भई !! कुछ विस्तार से बागर-चर्चा हो इस हेतु मैं अपनी तुच्छ बुद्धि से ब्लॉगर वर्गीकरण करने की सोची समझी गलती कर रहाँ हूँ ....... "A" सर्टिफ

रविवार शाम ढलते-ढलते एक ब्लॉग चर्चा !!

"प्यार करते हैं", बयाँ भी किया करतें है हज़ूर ये न करें तो बवाल मचने का पूरा खतरा है की कहीं कोई पूछ न ले कि क्‍या हम प्‍यार कर रहे थे ... ?। कुछ बेतुकी, और अनाप शनाप बाते ,यकीनन आहिस्ता आहिस्ता.. ही समझतें है लोग यदि न करें तो क्या करें भैया एक ब्लॉगर भैया ने किसी की '' पोस्ट " , क्या चुराई यमराज ने , " गीता - सार बता दिया जैसे ही सुमो , प हलवान ने जो बताया उससे सब को कुछ और पता चला । खैर जो भी हो उधर बात ज़्यादा नहीं बढेगी बस छोटे - बड़े का ओहदा तय होगा कहानी अपने आप ख़तम हो जाएगी । मुम्बई से बाहर जा सकता है भोजपुरी फिल्म उद्योग यदि तो "भइया" " जबलपुर - " आ जाना अपन इंतज़ाम कर देंगे यहाँ सबई कछु उपलब्ध है । आपका इंतज़ार रहेगा हम तब तक रख लिए हमने "तकिए पर पैर" और भोजपुरी निर्माताओं के निर्णय का इंतज़ार कर रहे हैं । राज के राज में मनोज बाजपेई, ,की किसी सांकेतिक पोस्ट का न आना अभिव्यक्ति पर सेंसर शिप जैसा है। जानते है जल में रह कर मगर से बैर ...........?

प्रवासी पंछी का का ब्लॉग !!

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संगीत-मयी यात्रा पे निकला ये प्रवासी पाखी जिसे Arvind के नाम से जाना जाता है जो मुड - मुड अपने गुजरात को देखता भारत को देखता है और रोज़ अंतर्जाल पे बातें होतीं हैं भारत की कला साहित्य की आज तो मुझे उनके तरेसठ हज़ार से अधिक मित्रों की लिस्ट है इतने कुल वोट पडतें हैं असेम्बली के चुनाव में कहीं कहीं .....!! आप इनको मेल कर सकतें है :- arvindvpatel@hotmail.com , arvind.arvind1uk@gmail.com इनके ब्लॉग का यू आर एल है :http://dreamsatdawn।blogspot.com/ : "Dreams At Dawn-A Musical Journey " बस एक-चटका हो जाए " अरविन्द जी सभी ब्लागर'से की ओर से हार्दिक शुभ कामनाएं " "अंत में चर्चा चर्चा की " => इधर ताऊ पे चर्चा कर चिठ्ठा पे कमेन्ट कराने वाले भी विवेक भाई को डरा रहे हैं कि ताऊ की बगैर अनुमति के अरे भाई ताऊ और राखी में फरक होगा ही कोई वे मीडिया के सामने ...... चीख- 2 के सचाई थोड़े बता देंगें चिंता करे चिता मन विवेक जी आप तो जारी रहो हर चर्चा में भारी रहो चर्चित भाइयो आप चर्चा मंडली के आभारी रहो । अपन तो

समीर यादव एक उत्कृष्ट यात्रा पर......!!

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" इस चित्र का इस पोस्ट से अंतर्संबंध कुछ भी नही बस जैसे लगा इसे भी आपको दिखाना है सो छाप दी समीर यादव की रचना शीलता ,चिंतन,सब साफ़ सुथरा और मोहक भी है । इनके ब्लॉग " मनोरथ '' में प्रकाशित पोष्ट शहीद पुलिस स्तरीय बन पडी है ।समीर भाई सच एक उत्कृष्ट यात्रा पर हैं । वहीं मेरी एक अन्य नम्रता अमीन का ब्लॉग गुजराती से हिन्दी की ओर आता नज़र आ रहा है ब्लॉग का शीर्षक है :- "કહો છો તમે કેમ? उधर कुन्नू भिया यानी अपने कुन्नू भैया की पोष्ट ईसबार Free Submission वाला साईट बनाया हूं। देख लें... 'का वाचन ज़रूर कीजिए । निरन्तर -हमको कुछ न कुछ अच्छा करते रहना चाहिए ताकि "ब्लाग- कालोनी का नज़ारा करते वक्त उनकी नज़र " , कदाचित आप पर पड़ जाए । टुकडे अस्तित्व के -, को भी नकारा न जाए क्योंकि शून्य में से शून्य के निकलते ही शून्य फ़िर शेष रह जाता है। चलिए अब आप अपना पना पता दे दो ताकि अपन भी आपके ब्लॉग को देख आएं । मीडिया नारद पर -"राज क्यों बने राज" बांचना न भूलिए " तो फ़िर मन को भावुक करे वाला ब्लॉग - मिस यू पापा...... आज ही नहीं सदैव देखने लायक

हिन्दी - चिट्ठे एवं पॉडकास्ट एवं ब्लॉग वाणी से साभार :एक लाइन की चर्चा

अंकुर राय का गाना: सुनते रुकिए भाई अभी अमर सिंह को सुन लें अनिल-सोनम कपूर:चार भावमुद्राएं: ,-बासी .....में उबाल रंग भेद, काली रे काली रे...और ये काली कलूटी के नखरे बड़े...:_उठाने तो होंगे ही , शेयर बाजार को इंतजार ब्रेकआउट का=>"तोब्रेकिंग कर लीजिए " एनीमेशन के संसार में मानवीय संवेदनाएं=>"बस अब यहीं मिलेंगी " सांध्य गीत: सुबह सुबह..............? खाली हाथ आया है...खाली हाथ जाएगा:-तो क्या ऐ टी एम् साथ में ले जाए ्यों, साहित्यकारों की रजाई खींच रहे हो:-"और जब ये लोग कुरते खींच रहे थे तब आप चुप्पी थाम के बैठे थ....क्यों ? " लिव इन रिलेशनशिप.......चलो ब्याह का खर्चा बचा...... त्रेता के योद्धा नहीं लड़ सकते द्वापर की लड़ाई:-और कलयुग में आगे चेकिंग है.........टिकट नहीं है पतली गली से सटक लो सबका अपना-अपना तरीका है......:- काफी पुरानी बात है भैया ताज़ा समझ रहे हैं ? चार सौ बीस - यहीं न रिक जाना भृतहरि शतकः काम पर नियंत्रण करने वाले विरले ही वीर होते हैं :- वियाग्रा के युग की उलट बासी और अंत में क

एक लाइन की चर्चा :

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आज सोच रहा हूँ चर्चा करुँ चिट्ठों पर कुछ ग़लत लिख जाए तो टिपिया देना भाइयो और बहनों वास्तव में चिट्ठों को चर्चित करना उद्देश्य है न की किसी को दु:खी करना केवल ब्लाग्स के शीर्षकों को बांच के यूँ ही कुछ कहने से कैसा लगेगा चिरकुट चर्चा :- अमर सिंह की एक और चिरकुटाई यह शाम फिर नहीं आयेगी: -अच्छा ....?तो शाम बंद करने का आदेश इनको पृष्ठांकित हुआ है.......! रावण तो हर दौर में रुलाएगा ही... :-यदि आप इनको चुन के भेजते रहे तो.....इनको चुनो मत चिनो..भाई इंतजार भी कितनी खूबसूरत होती है.. है ना? :- इंतज़ार करोगी तो खूबसूरत होगा और इंतज़ार करोगे तो खूबसूरत होगी आप कर रहें हैं या कर रहीं हैं ? मनोरोगी और हम लोग. :- veerubhai बीच में "और" लिख के कर दिया न लफडा ? मोमबत्ती की रोशनी में कवितापाठ :- पावर कट के दौर में इससे ज़्यादा आप भी क्या करते ? वीर में योद्धा बनेंगे सलमान :- फ़िर से शिकार करने जा रहे हैं चिंकारा का.....? जल्द शादी करना चाहता हूं: राहुल भैया क्या इस मसले को भी सरकारी मंजूरी दिलाएंगी मम्मी ? गुरु दत्त , एक अशांत अधूरा कलाकार ! .............हमारी भी भावुक श्रद्धांजली "ये

चिट्ठा-चर्चा" के बहाने :एक चर्चा और !

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हिन्दी में चिट्ठों का सफ़र , निरंतर जारी है आप रात तीन बजे भी अगरचे http://chitthacharcha.blogspot.com/ लिंक पे चटका लगाएंगे तो कोई-न-कोई चिट्ठा प्रसूता होगा आपके सामने । शायर परिवार की श्रद्धा जैन सिंगापुर से ग़ज़ल भिगो रहीं हैं स्वयं भीगी गज़ल के ज़रिये जब की उनके ब्लॉग पे भारी भीड़ रहती है । चिट्ठाकारी के इस उदाहरण से स्पष्ट है की चिटठाकारी का आकर्षण इन एग्रीगेटरों ने बढाया है चाहे वो ब्लागवाणी हो http://www.blogvani.com/ या कि चिट्ठाचर्चा अथवा कोई और सभी चाहतें हैं हिन्दी ब्लागिंग को बढावा देना ...? रही बात थोडी खटर - पटर की सो जहाँ " चार बरतन .......... ज़रूर ...? " बस टूटें कभी न इसी मंगल कामना के साथ पोस्ट लिख रहा हूँ । अपुन ने तो चिट्ठा कारी शुरू की थी अपने भतीजे आभास जोशी को पापुलर कराने के लिए । वास्तव में नेट ऐसी जगह है जो आभासी होने के बावजूद सर्जन का बेहतरीन मंच तभी हम यहाँ ठहर गए और जारी हैं हमारी गुरु हैं पूर्णिमा जी और श्रद्धा जी हिंद युग्म ने भी

फतवा:बाबू बाल किशन के लिए जो ब्लॉग नहीं लिखा रहे हैं.....!!

कई दिनों से टिप्पणी तैयार किए बैठे अपुन को सनक चढ़ ही गई की बाबू बालकिशन अगर इस हफ्ते नई पोस्ट न लाएं तो हम सब ब्लॉगर मिल कर इनके विरोध में mamta जी के नेतृत्त्व में सिंगूर की तरह मोर्चा खोल देंगे ?आपको यकीं हो न हो जबलपुर से महेंद्र मिश्रा,और अपुन एन पूजा पर्व के दौरान मोर्चा निकालेंगे। बात फिट हो या मिसफिट , इस इस हफ्ते अपन को मोर्चा निकालाना ही होगा चाहे जित्ती -परेशानी , हो । ब्लागिंग करना को नैनो चलाना नहीं है ऊंट पे बैठाना है जब ऊंट की सवारी करते हो भैये तो जान लो की जब जब समय विपरीत हो तो ऊंट पे बैठो तो भी कुत्ता कट ले ता है ,सो हे बाबू बाल किशन आप एक ठोऊ ताज़ा पोस्ट छाप काहे नहीं देते । बता दीजिए आप किस दिन किस रंग के कागज पर लिखना चाहते हैं ? सो हम अपनी मोर्चे बाजी को पोस्ट पोंड कर देंगे वर्ना भाई साहब ये तय है कि लफडा तो जाएगा । चलो इस नोटिस के छपने के बाद हमको उम्मीद है कि बाबू जी लिख मारेंगे । समीर भैया आपने तो दसेक टिप्पणी रेडी रखीं ही होंगी। अगर आप गूगल बाबा को देने वाला आइडिया सोच रहे हैं तो सोचना छोड़ दीजिए क्योंकि ,हिंदी के ब्लॉगरों ने गुगल को एक से बढकर एक आइडिये आ

मिसफिट-चिंतन: बसंत मिश्रा की टेस्ट पोस्ट "।। श्री गणेशाय नम:।। "

मिसफिट-चिंतन: बसंत मिश्रा की टेस्ट पोस्ट से "।। श्री गणेशाय नम:।। नामक एक ब्लॉग आज से शुरू हो गया है । बसंत मिश्रा ने आज से शुरू किए अपने ब्लॉग का नाम मिसफिट-चिंतन रखके मुझे अभिभूत कर दिया उनका आभारी हूँ ...!!

नीरज जी के नाम खुला ख़त

नीरज जी शुक्रिया आप के आलेख भी जबरदस्त होते हैं मधुबाला की तस्वीर को परिभाषित करतीं आपकी ये पंक्तियाँ जो मधुबाला को मोनालिसा से तौलतीं हैं मुझे आपसे जोड़े रखने का मुख्य कारण है:- जो बात गीता में अन्जील और कुरान में है उसी तरह की सदाकत तेरी मुस्कान में है और ये तो कमाल है भीगती "नीरज" किसी की याद में आँख को सबसे छुपाना सीखिए यायावर जी को और विस्तार पथ प्रशस्त करने आपने जो पोस्ट लिखी वहीं से ये दोहे तुम साँसों में बस गयीं,बन बंसी अभिराम तन वृन्दावन हो गया,पागल मन घनश्याम ज्ञानी,ध्यानी,संयमी,जोगी,जती,प्रवीण फागुन के दरबार में,सब कौडी के तीन आपकी चयन प्रकृति का परिचय है फ़िर जिस लज़ीज तरीके से "बेक्ड-समोसे" परोसे उसके लिए सुबह-सुबह शुक्रिया बेहतरीन ब्लॉग के लिए बधाइयों के ट्रक मुंबई में इस पते पर भेज दूँ नीरज गोस्वामी मुम्बई, महाराष्ट्र, इंडिया किंतु पूरा पता मिलता तो उम्दा होता खैर कोई गल नहीं आपके पूरे ब्लॉग में ये बात मुझे सटीक नहीं लगती जिंदगी भाग दौड़ की "नीरज" यूँ लगे नीम पर करेला है ये मेरी सोच है बुरा मत मानिए आप जैसा मुम्बइया-भाषा:"बिंदास" व्यक

कार्टूनिष्ट राजेश कुमार दुबे

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doobeyji वाले राजेश कुमार दुबे बेहद संजीदा इंसान हैं । इनके इर्द गिर्द जो भी दिखाई देता है बड़े सलीके से दिमाग की जेब में डाल लेतें हैं । जबलपुर में कार्टूनिष्टों की लम्बी क़तार तो नहीं है किंतु जितने भी हैं उनमें भाई राजेश का जबाव नहीं इन दिनों वे इन दो ब्लॉग पर काम कर रहे हैं रंग परसाई दुबेजी दोनों ही ब्लॉग कार्टूनों से सजाते दुबे जी को शुभ कामनाएं

नीरज जी की कलम

The Power of Truth , ब्लॉग अपने तरह का अनोखा हिन्दी ब्लाग है Neeraj Nayyar जो भोपाल और आगरा से सम्बंधित हैं पाकिस्तान के हालात पर आंसू क्यों बहाएं गिरावट से सबक सीखने का वक्त भारत के लिए सिरदर्द बनेगा नेपाल चाल चलने में लगा चीन में आपको एक गहरी समझ में गोते लगाने वाले ब्लॉगर के लक्षण मिलेंगे । बेबाक लेखन गहरी अध्ययनशीलता और साफ़ सुथरे ब्लॉग नीरज जैसे ही लोग पेश कर सकतें है । बधाइयों के अलावा और कोई शब्द नहीं है मेरे पास ।

जबलपुरियों की पोस्ट

[01] विश्व रंगकर्म दिवस संगोष्ठी में"उड़नतश्तरी" [02] समयचक्र हिन्दी ब्लॉग और हिन्दी साहित्य : श्री समीर लाल बाल गोपालो को फूलों सा खिलाना है [03] जबलपुर चौपाल " में उड़नतश्तरी का होली आयोजन और लुकमान की याद [04], Sameer Lal उर्फ़ बिदेसिया जबलईपुर वारे ने छापा दिल से आवाज आई: विश्व रंगमंच दिवस पर एक और जबलपुरिया " yunus भाई " को तो भूल ही गया था नूर साहब लाॅ कालेज में मुझे पढाते थे । मेरी अम्मी जिनका शेर "मेरी आंखों पे लरज़ते हुए उनके आंसू,यूँ ही ठहरे रहें ता उम्र इनायत होगी , कद्र-ऐ-जुम्बिश में गिर के बिखर जाएंगे , और फिर उनकी अमानत में खयानत होगी " खूब याद है, खूब याद है इरफान का वो शेर :-"जब भूक की शिद्दत से तढ़पेगें मेरे बच्चे ,दीवार पे रोटी की तस्वीर बना दूंगा " हजूर [ yunus भाई ]आप जबलपुर या एम० पी० के संगीतकारों , गायकों पर एक पोस्ट देकर जबलपुरिया धर्म निबाह दीजिए ।