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ज्योतिषाचार्य हैरान किरकिटिया दीवाली देख कर

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प्रसारण देखिये न सुनिये Bambuser पर  Add caption   आज़ यानी तीस मार्च दो हज़ार ग्यारह को   क्रिकेट खेल शुरु हुआ उसके पहले से खेल रहा था पूरा भारत   जी नहीं शायद पूरे एक हफ़्ते से खेल रहा था भारत. जी असली भारत जो मुनाफ़ के गांव का भारत है. असली भारत जो हैदराबाद,कानपुर,जबलपुर,इंदौर,जयपुर के गांवों का भारत है जी रहमान के साथ  जो "जय हो के नारे लगाता भारत है " शहरों की तंग गलियों-कुलियों  में बसता असली भारत आज़ झूम उठा आतिश बाज़ियां बम्ब-फ़टाखे, बधाईयां यानी पूरा देश जीत के जश्न में डूबता चला जा रहा था. आख़िरी के पांच ओवर्स में तो गोया "भारत" के हर चेहरे पर चमक दिख रही थी. मेरे ज्योतिषाचार्य मित्र माधव जी हैरान... हों भी क्यों न बड़ी दीवाली फ़िए छोटी दीवाली तक़ तो लिखी थी पंचांग में फ़िर मार्च महीने की   किरकिटिया दीवाली अब आगे इससे बड़ी दीवाली होगी ये सब तो लिख ही न पाये थे पंचांग वाले . हमारे पी०एम० साब बोले:- गिलानी साहब , मैडम चाहतीं हैं आप भी आयें मैच देखने..! गिलानी:-"जी इसी बहाने हमारे गिले शिक़वे दूर हो जाएंगे" जी मन मोहन बोले पर मन ही मन बोल