आतंकवाद के खिलाफ नवम ब्रिक्स सम्मेलन का घोषणापत्र
“हम क्षेत्र में तालिबान , आईएसआईएस , अल कायदा और उनके साथी संगठनों पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट , इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान , हक्कानी नेटवर्क , लश्करे तैयबा और जैश ए मोहम्मद , तहरीके तालिबान पाकिस्तान , हिज़्ब उत्तहरीर आदि की हिंसा के कारण नाज़ुक सुरक्षा स्थिति से चिंतित हैं। ” जो तोड़ी चुप्पी तो सलवटों ने, किसी के माथे पे घर बनाया किसी ने अपना छिपाया चेहरा , किसी का रुतबा है तमतमाया ! ब्रिक्स सम्मलेन में आतंकवाद के खिलाफ आए घोषणापत्र के आम होते ही आतंकवाद लिए शैल्टर बने चीन, मुख्य पालनहार बने पाकिस्तान और खुद टेरेरिस्ट ग्रुपों की स्थिति इस शेर में अभिव्यक्त है. लगातार आतंकवाद और आतंकियों को यू एन में रक्षाकवच पहनाकर सुरक्षित निकालने वाले चीन की जिस तरह से कूटनीतिक पराजय हुई है उससे साबित हुआ है कि - हिंसा के खिलाफ सारा विश्व एक धुन में शान्तिगीत गा रहा है . सिक्के के दूसरे भाग को देखें तो चीन अब मदमत्त सांड को अपने आंगन में बांधने से कहीं न कहीं परहेज़ कर रहा है. वज़ह साफ़ है कि उसे अपनी उत्पादित सामग्रियों को बेचना है. एक चतुर