नवरात्रि पांचवा दिवस : स्कंदमाता की आराधना
नवरात्रि का पांचवा दिवस : स्कंदमाता की आराधना भारतीय भक्ति दर्शन में जीवन मोक्ष के लिए जिया जाता है, जो मनुष्य स्वर्ग की कामना के बिना भक्ति मार्ग को अपनाते हैं *मुमुक्ष* कहलाते हैं . नवरात्रि का यह दिन आराधना के साथ-साथ आत्मोत्कर्ष के लिए शक्ति की आराधना करने का दिन है। आज हम आराध्या देवी माता स्कंदमाता का स्मरण करेंगे। स्कंदमाता पथभ्रष्ट चिंतन को सही मार्ग पर लाने वाली शक्ति का प्रतीक है। ज्योतिष कहा गया है कि जिन जातकों का बृहस्पति कमजोर है वी स्कंध माता की आराधना करें तो उनका बृहस्पति उनके अनुकूल होगा । स्कंदमाता को पीला रंग पसंद है साधक को आज पीले रंग के वस्त्र धारण करके मां की आराधना करनी चाहिए । जिन बालक बालिकाओं का विवाह नहीं हो रहा है उन्हें ना केवल पंचमी के दिन बल्कि हमेशा स्कंदमाता की आराधना करनी चाहिए। स्कंदमाता बुद्धि ज्ञान एवं प्रपंच योग के लिए अनुकूल अवसर उपलब्ध करातीं हैं । जिनके गुरु कुंडली में कमजोर हैं उन्हें गुरु माता अर्थात गुरुदेव की पत्नी मां महिला शिक्षिका या ज्ञान देने वाली किसी भी महिला के प्रति समान भाव रखना होगा। जातक को यथा