नक्सली हिंसा : वामधारा की देन..!
वामधारा सिंचित नक्सलबाड़ी वार से रक्तपात भारत को बचाने चरम प्रयासों की ज़रूरत : गिरीश मुकुल यह एक चरमपंथी विचार है । चरम सदा ही पतन का प्रारंभ होता है। अक्सर आप जब शिखर पर चढ़ने का प्रयास करते हैं तब आपका उद्देश्य होता है.... स्वयं को श्रेष्ठ साबित कर देना। इसका अर्थ यह है कि आप चाहते हैं-" आप उन सब से अलग नज़र आएं जो भीड़ का हिस्सा नहीं है । वामधारा चरमपंथी धारा है। यह एक ऐसी विचारधारा है जिसका प्रारंभ ही कुंठा से होता है। कोई भी व्यक्ति जो कुंठित है अर्थात पीडा और क्रोध के सम्मिश्रण युक्त व्यवहार करता है या कुंठित है वह सामान्य रूप से हिंसा के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति बनता है। अर्थात पीड़ा और क्रोध हिंसा सृजन का प्रमुख घटक है। अब आप यह कहेंगे कि-" कृष्ण ही नहीं महाभारत के लिए उत्प्रेरित क्यों किया क्या वे पीड़ा युक्त क्रोध यानी कुंठा से ग्रसित थे..!" नहीं कृष्ण कुंठा से ग्रसित नहीं थे। कृष्ण ने युद्ध टालने के बहुत से प्रयास किए उनका अंतिम कथन यह था की कुल 5 गांव पांडवों को दे दिए जाएं । कुंठित तो दुर्योधन था जिसने इतना भी