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“18 हज़ार रेल कर्मियों एवं उनके परिवारों को मतदान के लिए प्रोत्साहित किया जावेगा : मनोज सिंह”

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लोकसभा निर्वाचन 2019 में शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित कराने ज़िला निर्वाचन कार्यालय द्वारा अनेक नवाचार किये जा रहे हैं , भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश और राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के चलते ज़िला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर छवि भारद्वाज के मार्गदर्शन में मतदाता जागरूकता का सतत अभियान चलाया जा रहा है , इसी कड़ी में स्वीप की प्रभारी व ज़िला पंचायत सीईओ रजनी सिंह के संयोजन में शनिवार शाम 6 बजे से स्वीप के तहत सिविल लाइन स्थित सतपुडा क्लब में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमें बाल भवन के कलाकारो द्वारा मतदाताओं   को अभिप्रेरित करने बाल भवन के कलाकारों ने डाक्टर रेनू पांडे, डाक्टर शिप्रा सुल्लेरे , एवं श्री अखिलेश पटेल   के निर्देशन में बहु-आयामी   सांस्कृतिक प्रस्तुतियों स्किट्स , एक्सटेंपोर टॉक   व मतदान गीतों की प्रस्तुति देकर मनमोहा बाल कलाकारों के स्पाट पेंटिंग और क्ले आर्ट तथा नृत्य   के ज़रिये भी मजबूती के प्रभावी सन्देश दिए.   रंगारंग मंचीय कार्यक्रम रोचक तरीके से प्रस्तुत करने वाले कलाकारों में बालश्री सम्मान विजेता   फिल्म अभिनेत्री एवं नाट्य कलाका

सबने कहा ज़िगरे वाले इंसान हैं समीर लाल

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पूरब का जात्री पश्चिम की रात्री ’देख लूँ तो चलूँ’ के विमोचन समारोह : दिनांक 18/01/२०११ आधिकारिक रपट  (देर के लिये माफ़ी नामा सहित )              उस दिन किसी ने कहा   देश विदेश में ख्याति अर्जित करेगी किताब , तो किसी ने माना जिगरा है समीर में ज़मीन से जुड़े रहने का , तो कोई कह रहा था वाह अपनी तरह का अनोखा प्रवाह है . किसी को किताब बनाम उपन्यासिका - ’ ट्रेवलाग ’ लगी तो किसी को रपट का औपन्यासिक स्वरूप किंतु एक बात सभी ने स्वीकारी है कि : ’ समीरलाल एक ज़िगरे वाला यानि करेज़ियस व्यक्ति तो है ही लेखक भी उतना ही ज़िगरा वाला है …!’        जी हां , यही तो हुआ समीरलाल की कृति ’देख लूँ तो चलूँ’ के विमोचन समारोह के दौरान  दिनांक 18/01/2011 के दिन कार्यक्रम के औपचारिक शुभारम्भ में अथितियों स्वागत पुष्पमालाओं से किया गया फ़िर शुरु हुआ क्रमश : अभिव्यक्तियों का सिलसिला सबसे पहले आहूत किये गये समीर जी के पिता श्रीयुत पी०के०लाल जिन्हौंने बता दिया कि -’ हां पूत के पांव पालने में नज़र आ गये थे जब बालपन में समीर ने इंजिनियर्स पर एक तंज लिखा था . श्रीमति साधना लाल को जब आहूत किया तो पता चला कि वे इस बात के