शरद कोकास के बाद आज पोडकास्ट-साक्षात्कार पर सुनिए भाई कुलवंत सिंह हैप्पी कुलवंत सार्थक ब्लागिंग के घोर समर्थक प्रतीत होते हैं .उनका मानना है कि असंगत टिप्पणिया अपने ब्लॉग पर बुलाने का आमंत्रण सी नज़र आतीं हैं . सार्थक ब्लागिंग पर बेबाक हुए कुलवंत जी से बातचीत सुनिए यहाँ ________________________________________ अपने बारे में कुलवंत का बयान 27 अक्टूबर 1984 को श्री हेमराज शर्मा के घर स्व. श्रीमती कृष्णादेवी की कोख से जन्म लिया। जन्म के वक्त मेरा नाम कुलवंत राय रखा गया, और प्यार का नाम हैप्पी। लेकिन आगे चलकर मैंने दोनों नामों का विलय कर दिया "कुलवंत हैप्पी"। तब हम हरियाणा के छोटे से गाँव दारेआला में रहते थे। इस गांव में मुझे थोड़ी थोड़ी समझ आई। इस गाँव से शहर बठिंडा तक का रास्ता नापा और इस शहर में गुजारे कुछ साल मैंने। शहर से फिर कदम गाँव की ओर चले.लेकिन इस बार गाँव कोई और था. मेरा पुश्तैनी गांव..जहां मेरे दादा परदादा रहा करते थे, जिस गाँव की गलियों खेतों में खेलते हुए मेरे पिता जवान हुए। वो ही गांव जिस गाँव हीरके (मानसा) में मेरी मां दुल्हन बन आई थी। यहां पर मैंने दसवी