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लावण्यम्` ~अन्तर्मन्` पर लता जी का जन्म दिन

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<=स्वर्गीय इश्मित सिंह और लता मंगेशकर जी भारत रत्न लता जी : लावण्यम्` ~अन्तर्मन्` पर प्रकाशित पोस्ट ,सुश्री लता मंगेशकर जी , , के ७९ वें जन्म दिन पर बेहद भावपूर्ण,सूचना प्रद,संस्मरण,सा मनोहारी बन पड़ी है। दीदी लता जी के प्रति आपकी भावनाएं एक करोड़ भारतीयों की भावनाएं हैं आपको सादर नमन मेरी और से स्वर साधिका को समर्पित कविता सुर सरगम से संयोजित युग तुम बिन कैसे संभव होता ? कोई कवि क्यों कर लिखता फिर कोयल का क्यों अनुभव होता...? **************** विनत भाव से जब हिय पूरन करना चाहे प्रभु का अर्चन. ह्रदय-सिन्धु में सुर की लहरें - प्रभु के सन्मुख पूर्ण समर्पण .. सुर बिन नवदा-भक्ति अधूरी - कैसे पूजन संभव होता ? ********************* नव-रस की सुर देवी ने आके सप्तक का सत्कार किया ! गीत नहीं गाये हैं तुमने धरा पे नित उपकार किया!! तुम बिन धरा अधूरी होती किसे ब्रह्म का अनुभव होता ..? **गिरीश बिल्लोरे मुकुल