प्रज़ातन्त्र की सबसे काली घिनौनी घटना ही कहा जाएगा जब संविधान के रक्षकों ने मूर्खता पूर्ण हरकत कर देश को उस स्थान पर लाकर खडा कर दिया जहां से देश बिखरा बिखरा नज़र आ रहा है. इसे किसी राजनैतिक स्वार्थ परकवृत्ति की पराकाष्ठा ही कहा जाएगा .
अब समय आ गया है कि जब इन बुनियाद परस्तों को सख्ती से निपटा जाए किन्तु भारतीय प्रज़ातंत्र की सबसे बडी ताकत जहां वोट है वहीं दूसरी ओर यही वोट सबसे बडी कमज़ोरी है.यही कमज़ोरी राष्ट्र के लिए घातक है
बरसों से तुष्टि-तुष्टि का खेल खेल रहे राज नेता जब भाषा/रंग/क्षेत्र/ तक को "तुष्टि" के लिये इस्तेमाल करने लग गए हैं. यानि सर्वोपरि है स्वार्थ उसके सामने देश क्या है इसकी प्रवाह कौन करे. सम्माननीय सदन में झापड मारना देश की प्रतिष्ठा को तमाचा जडना दिख रहा था.
जहां तक हिंदुस्तान में हिंदी के अपमान का सवाल वो तो गरीबों की भाषा है......भारत में सियासी लोग गरीब और गरीबों का इस्तेमाल कब और कैसे करतें हैं हम सभी जानतें है. और इन गरीबों के साथ वास्तव में कैसा बर्ताव होता यह भी किसी से छिपा भी कहां है. तो उसकी भाषा और भूषा के साथ वही बर्ताव होना आम बात है जैसा आज एम एन एस के माननीय विधायकों ने किया.
अभी वंदे मातरम वाली पीढा को हिंदुस्तान भूला नही है कि यह दूसरा रुला देने वाला दर्दनाक दृश्य.......सच अब तो लग रहा है कि कहीं हम कबीलियाई जीवन की ओर तो नहीं मुड रहे हैं.
राष्ट्र आज़ जिस संकट की ओर धकेला जा रहा है.....उसका हिसाब आज़ नहीं तो कल देना होगा किंतु हिसाब देने वाले निरीह भारतीय लोग ही होंगे जिनके पास आम आदमी वाला अघोषित एवम वर्चुअल आई० कार्ड है.
ओम शांति शांति शांति
Ad
मराठी मानुस लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
मराठी मानुस लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
Ad
यह ब्लॉग खोजें
-
सांपों से बचने के लिए घर की दीवारों पर आस्तिक मुनि की दुहाई है क्यों लिखा जाता है घर की दीवारों पर....! आस्तिक मुनि वासुकी नाम के पौरा...
-
संदेह को सत्य समझ के न्यायाधीश बनने का पाठ हमारी . "पुलिस " को अघोषित रूप से मिला है भारत / राज्य सरकार को चा...
-
मध्य प्रदेश के मालवा निमाड़ एवम भुवाणा क्षेत्रों सावन में दो त्यौहार ऐसे हैं जिनका सीधा संबंध महिलाओं बालिकाओं बेटियों के आत्मसम्मान की रक...