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हीरालाल गुप्त मधुकर /पत्रकार/कवि/जबलपुर/२४/१२/२००७ लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गुप्त जी की स्मृति में "पत्रकारिता-संस्थान" की स्थापना होनी ही चाहिऐ :प्रो० ए० डी० एन० बाजपेयी

"संस्कार धानी जबलपुर में पत्रकारिता के विकास के विभिन्न सोपानों का जिक्र हुआ , पत्रकारिता के मूल्यों , वर्तमान संदर्भों पर टिप्पणी की गयी अवसर था स्व० हीरा लाल गुप्त मधुकर जी के जन्म दिवस पर उनके समकालीन साथियों को सम्मानित करने का ।" इस अवसर पर मुख्य-अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रो० ए० डी० एन० बाजपेयी ने कहा:-"गुप्त जी और ततसमकालिक पत्रकारिता के मूल्य बेहद उच्च स्तरीय रहें है। पत्रकारिता यानी प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ के मूल्य भी शेष तीन स्तंभों की तरह चिंतन के योग्य हों गए हैं ।"पत्रकारिता और अधिक जनोन्मुखी हों इस विषय पर गंभीरता पूर्वक चिंतन करना ही होगा । संवेदित भाव से समाचार लेखन और भाव-संवेग से आलेखित समाचार में फर्क होता है। समाज को अब समझदार पत्रकारिता की ज़रूरत है मूल्यवान पत्रकारिता की ज़रूरत है...ताकि समाज को युग को सही दिशा मिल सके ।प्रो० बाजपेयी की अपेक्षा रही कि पत्रकारिता के विकास हेतु अकादमी स्थापित हों।अपने अध्यक्षीय उदबोधन में डाक्टर आलोक चंसौरिया ने संबंधों के निर्वहन में सिद्ध माने जाने वाले गुप्त जी एं सव्यसाची माँ प्रमिला देवी बिल्लोरे को श्रद्