संदेश

बाल-आयोग लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मध्य-प्रदेश बाल आयोग:श्रीमति रीना गुज़राल

चित्र
"मध्य-प्रदेश बाल आयोग :एक परिचय"            प्रस्तुति:   श्रीमति रीना गुज़राल,सदस्य, बाल आयोग                  विश्व में सर्वाधिक बच्चों की संख्या भारत वर्ष में है और उनके कल्याण हित संरक्षण और सवंर्धन एवं विकास के लिए संविधान के अनुच्छेद 39 (ङ) तथा (च) अधिकारों का सुनिश्चय किया गया है। संविधान संशोधन अधिनियम 2002 के द्वारा अनुच्छेद 21 (क) जोडकर भारत का संविधान बच्चों के शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार के रुप में प्रस्तुत करता है। इसी तरह अनुच्छेद 51 (क) में एक प्रावधान जोडा गया है जिसमें नैर्सगिक पालकों को बच्चों को शिक्षा दिलाने के कर्त्तव्य के बारे में सचेत करता है। अनुच्छेद 45 में 06 वर्ष तक की आयु पूर्ण करने तक बाल्यावस्था में बच्चों की देखरेख एवं शिक्षा देने के उपबंध को सम्मिलित किया गया हैं । भारतीय संविधान का अनुच्छेद 24 कारखानों ,खदानों में जोखिम भरे कार्यों से 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अलग रखने का निर्देश देता है। इतना ही नहीं इसी क्रम में संयुक्त राष्ट्र संघ की सामान्य सभा 20 नवंबर 1989 के अंतरराष्ट्रीय अनुबंध में बाल अधिकारों के प्रति भारत ने अपनी