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मेलिसा कपूर ने क्यों अपनाया सनातन जीवन प्रणाली को ...?

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मेलिसा ने सनातन जीवन प्रणाली को क्यों अपनाया..?    यूनाइटेड किंगडम की एक युवती मेलिसा ने भारतीय सनातन जीवन प्रणाली और दर्शन को क्यों स्वीकारा इस बारे में आज आपसे चर्चा करना चाहता हूं। इसके पहले कि आप हिंदू धर्म को एक मेथालॉजी से परिमित  (Under the Limitation of methodology) कर दें मैं आपको  सनातन इस तरह से देखना चाहिए ताकि आप उसे समझ सके। मेलिसा की मां डेनमार्क से हैं प्रोटेस्टेंट रही हैं जबकि उनके पिता ईस्ट पोलैंड से रहे हैं तथा वह कैथोलिक मत को मानते थे। मेलिसा का जन्म कनाडा में हुआ। और उनका भारतीय सनातन व्यवस्था में प्रवेश विवाह संस्कार के साथ हुआ। 16 संस्कारों में अगर देखा जाए तो सनातन की शुरुआत जन्म के साथ अंगीकृत कराई जाती है। लेकिन मेलिसा ने सबसे पहले भारतीय दर्शन को समझा पढ़ा और बाद में सनातन धर्मी पुरुष से विवाह कर वे सनातन का हिस्सा बन गईं ।     इनका मानना है कि जब तक मैंने सनातन के बारे में जानकारी हासिल नहीं की थी तब तक मैं सनातन को अर्थहीन और अस्तित्व ही मानती थी। किंतु केरल के दौरे के बाद मुझे इस फिलासफी और जीवन प्रणाली के प्रति आकर्षण पैदा हुआ। उनका मानना है

सबसे लचीली है भारत की धर्मोन्मुख सनातन सामाजिक व्यवस्था

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साभार: योग ब्लाग से बेटियों को अंतिम संस्कार का अधिकार क्यों नहीं.. ? के इस सवाल को गम्भीरता से लिये जाने की ज़रूरत है. यही चिंतन सामाजिक तौर पर महिलाऒं के सशक्तिकरण का सूत्र पात हो सकता है. क़ानून कितनी भी समानता की बातें करे किंतु सच तो यही है कि "महिला की कार्य पर उपस्थिति ही " पुरुष प्रधान समाज के लिये एक नकारात्मक सोच पैदा कर देती है. मेरे अब तक के अध्ययन में भारत में वेदों के माध्यम से स्थापित की गई  की व्यवस्थाएं लचीली हैं. प्रावधानों में सर्वाधिक विकल्प मौज़ूद हैं. फ़िर भी श्रुति आधारित परम्पराओं की उपस्थिति से कुछ  जड़ता आ गई जो दिखाई भी देती है. सामान्यत: हम इस जड़त्व का विरोध नही कर पाते रीति-रिवाज़ों के संचालन कर्ता घर की वयोवृद्ध पीढी़, स्थानीय-पंडित, जिनमें से सामन्यत: किसी को भी वैदिक तथा पौराणिक अथवा अन्य किसी ग्रंथ में उपलब्ध वैकल्पिक प्रावधानों का ज्ञान नहीं होता.  नई पीढ़ी तो पूर्णत: बेखबर होती है.  शास्त्रोक्त प्रावधानों/विकल्पों की जानकारीयों से सतत अपडेट रहने के लिये  सूचना संवाहकों का आभाव होता है.  वेदों-शास्त्रों व अन्य पुस्तकों का वि

सही साधा सटीक इरादा ज़ाहिर किया है सरकार

" " राजीव सारस्वत को भाव पूर्ण श्रद्धांजलियां " भारत के वीर सपूतों को आखिरी-अभिवादन के साथ मित्रो भारत को पाकिस्तान के साथ कठोर बयान जारी करने के अलावा इन बिन्दुओं पर भी विचार करना है हमें # पाकिस्तान के साथ सांस्कृतिक/साहित्यिक/आर्थिक संबंधों पर तुरंत ही समाप्त कर दी जाएँ # स्टार प्लस सोनी जी टी वी इस देश के कलाकारों को लेकर बनने वाले रियलिटी शो से उन कलाकारों को बिदा कर देना चाहिए # इमरान खान जैसे क्रिकेटर'स के विज्ञापन दिखाना बंद किया जाए भारत सरकार के नए विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी का ताज़ा बयान स्पष्ट करता है कि देश की अस्मिता को अब चुनौती देना आसान कदापि नहीं है। सही साधा सटीक इरादा ज़ाहिर किया है सरकार नें इस मसले पर सभी की एक धारणा एक संकल्प होना चाहिए । ताकि कड़ाई जारी रहे. आतंक और आतंकी सपोलों को विश्व के मानचित्र से समाप्त कराने के लिए सबसे अहम् बात ये होगी कि - " नकारात्मक विचार और विचार धाराएँ सख्ती से समाप्त किए जाएँ " भारत ही विश्व को ज़रूरत है सर्वत्र शान्ति की ताकि उत्कृष्टता के साथ मानवीय विकास के परिणाम लाए जा सकें . यहाँ स्पष्ट करदेना चा