संदेश

टंगट्विस्टर लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मिसफ़िट बालसभा :अर्चना चावजी द्वारा

चित्र
                           बच्चो आज़ का दिन आपको मुबारक़ हो . हम बचपन से इस दिन पर चाचा नेहरू को याद करते हैं. पर हम ये नहीं सोच पाते की आज़कल कितने ही बच्चे पैसे के अभाव में न तो स्कूल जा पाते न ही कुछ सीख पाते. कुछ बच्चे तो जन्म से कुछ अन्य कारणों से अपाहिज़ हो जाते हैं. उन्हीं बच्चों में से एक बच्चा जिसे दिखाई नही देता जबलपुर के पास एक गांव सोहड़ में रहता था. अपने गिरीश अंकल है न वो अपनी पर्यवेक्षक बहन माया मिश्रा जी के साथ गांव के दौरे पर गए मंगल से मिले मंगल इतना कुपोषित था कि बस कभी भी उसकी जीवन की कहानी खतम हो सकती थी. क्या खतम हो सकती थी बच्चे: दीदी,जीवन की कहानी याने दीदी?  दीदी:-यानी मंगल को कोई बीमारी घेरती तो वह सह न पाता और मर जाता. बच्चे:फ़िर क्या हुआ अर्चना दीदी ?  हुआ ये कि मंगल की मम्मी जो खेत पर मज़दूरी करती को समझाया गया. आंगनवाड़ी वाली दीदी प्रीता पटेल ने,माया मिश्रा ने गिरीश अंकल ने भी बच्चे:-अच्छा..फ़िर...? दीदी:-फ़िर क्या उसी दिन जबलपुर के सरकारी अस्पताल रानी दुर्गावती अस्पताल में "पोषण-पुनर्वास-केंद्र" में बच्चे को भर्ती किया पंद्रह दिन में मंगल की मम्मी