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वादा न निभा पाने का दर्द

वादा न निभा पाने का दर्द मुझे खूब साल रहा है. अनिता कुमार जी एवम मनीष मिश्र जी से विनत भाव से क्षमा चाहता हूं Sir   My college is organizing a seminar on  'Role of Computer Mediated Communication in Higher Education and Career Building with special Reference to Blogging' I would like to invite you as a resource person to speak on 'Webcasting & Podcasting' Pl. accept and confirm. Thank you Anita Dept. of Psychology N.G.Acharya & D.K. Marathe College of Arts,Science & Co9mmerce N.G.Acharya Marg, Chembur Bombay-400071.

क्षमा वीरस्य भूषणं :विवाद समाप्त होते है माफ़ी मांगने और माफ़ कर देने से

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साथियो, एक दिन मेरे अधीनस्त चपरासी राजू का स्वास्थ्य खराब हो जाने एवम ,एक क्लर्क लापरवाही से ,एक सरकारी काम अनावश्यक बाधा उत्पन्न हुई.सारे काम को अगले एक घंटे में पूरा करना था .मेरा पारा सातवें आकाश पर था . जो जी में आया वो बोल रहा था, चपरासी को गुस्से में यह कह दिया :- सर ही दु:ख रहा था न ? मर नही जाते तुम नौकरी करो तमीज़ से करो.  बात आई गई हो गई.  किंतु मन में कुछ चल रहा था, क्रोध और उतावला पन बुद्धि को भ्रष्ट कर देता है, राजू पर मेरा अनावश्यक क्रोध व्यक्त करना मुझे ही सालने लगा, मन खिन्न था अगले दिन . रात भर सोचता रहा राजू के जीवन से ज़्यादा जरूरी काम तो न था बस फ़िर तय किया कि कल चपरासी से माफ़ी मागूंगा. वो भी अकेले में नहीं  सारे स्टाफ़ के सामने .... यह कदम प्रशासनिक दृष्टि से सर्वथा गलत हो सकता है किंतु मानवीय दृष्टि से बहुत ही ज़रूरी . यही है आध्यात्म. बस अगले दिन पूरे स्टाफ़ को बुलाया पिछले दिन के बर्ताव के लिये बे हिचक राजु से कहा:-”भाई, मुझे माफ़ करना, सच कल मैने तुम्हारे लिये जिस वाक्य का प्रयोग किया वो अमानवीय था,इसमें  इंसानियत तनिक भी न थी जाने क्यों मन निर्दयी हो गया जो मैने तुम