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गुरुवार, मई 29, 2008

"गिद्ध रहें न रहें गिद्धियत शेष रहेगी...!!"

sachin sharma ने कहा 80 लाख थे, 10 हजार रह गए!भईया इनकी जनरेशन की अब कोई ज़रूरत नहीं हैं । आदम जात में इनकी प्रवृत्ति ज़िंदा रहेगी ही । मौत बनते राजमार्ग! भी सच है राज के रास्ते चलते लोगों की आत्म-सम्मान,संवेदना,ईमान,सब कुछ मर जाता है । ज़िंदा रहती है केवल लिप्सा । लाशों के ढेर पर "राज" निति की बुनियाद इक एतिहासिक सत्य है।

इब्ने-इन्साँ ने खूब कहा -

" अपनी ज़ुबां से कुछ न कहेंगे चुप ही रहेंगे आशिक़ लोग,

तुम से तो इतना हो सकता है पूछो हाल बेचारों का "

SUYOG PATHAK ने गया उदय प्रकश जी का गीत स्वयम में ब्रह्म का एहसास दिलाता है।

शुक्रवार, दिसंबर 28, 2007

ब्लोंग-दमदार है....और रहेंगे

ज्योतिष और भारत-अरब विद्वान ईसा मसीह किस भाषा में बात करते थे? <= इनको पढिये आगे बढ़िए तो ये शैलेश भारतवासी भाई साहब Raviratlami Ka Hindi Blog के अलावा कई पागलों की तरह लगें हैं ,कई-कई रात थका देने वाली राते ये दीवाने नेट के इतिहास में अपना नाम जोड़ रहें हैं...? कई और है जैसे ये=>महेंद्र मिश्रा.. भाई साहब हैं तो मेरे शहर के किन्तु इनकी उड़ान दुनिया भर की । यूनुस खान का हिंदी ब्‍लॉग : रेडियो वाणी ----yunus khan ka hindi blog RADIOVANI वाले यूनुस जी तो कमाल के कारनामें होते हैं बस और क्या कहूँ आप खुद समझदार हैं.....मोहल्ला भर के लोग हिंदी किताबों का कोना इस लिए खोजतें हैं ताकी उनको कोई सस्ता शेर मिल जाए । और न मिले तो न्योत रहें हैं अपने यशवंत भैया http://bhadas.blogspot.com/ भडासी तो बन ही सकतें है।
मैं आरकूटिंग से अंतर जाल पे आया आभास जोशी के लिए मेरा भतीजा वी० ओ० आई० में तब था उसने जिसने शान की जगह ले ही है । चिट्ठों की चीर फाड़ करते कराते ब्लॉगर बन ही गया । सभी नेट पर आने वालों को मेरा अभिवादन
ब्लॉगर और ब्लोंग आने वाले कल सूचना तंत्र का सबसे लोक-प्रिय और शक्ति शाली संचार औज़ार होगा प्रेस,मीडिया,किताबें, निर्भीक पत्रकारिता , पोल-खोल, और जाने क्या सब इसमें होगा । ये घबराहट एक हिंदुस्तानी की डायरी: हम ब्लॉगर साहित्य से बहिष्कृत हैं क्या? बेमानी है... । चलिए तब तक चक्रधर की चकल्लस का मज़ा लेतें है । आप चाहें तो गुनगुनाइये छू लेने दो नाज़ुक
हम इंतज़ार करेगें
बार बार तोहे का समझाऊं
अब क्या मिसाल दूं
या चाहें तो सो जाइए..... मुझे भी सोना ही है.... कल बात करतें है.... टेक केयर शुभरात्री तब तक मैं विकास परिहार... का कबाड़खाना खंगाल लेता हूँ ... आप भी हों आना यहाँ खूब मसाले दार है... भैया जी भी मेरे शहर में ग्वालिअर से आकर हंगामा करने आमादा हैं।


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