रीवा जिले में कृषि उत्पादन में वृद्धि
के प्रयासों में मिली जबरदस्त कामयाबी के लिए कलेक्टर शिवनारायण रूपला को आज भोपाल
के लाल परेड ग्राउण्ड पर आयोजित मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में
मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार से नवाजा गया है । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान
ने इस समारोह में श्री रूपला को यह पुरस्कार प्रदान किया । पुरस्कार के रूप में उन्हें प्रशस्ति पत्र और पचास
हजार रूपए की राशि का चेक प्रदान किया गया ।
ज्ञात हो कि श्री रूपला ने रीवा जिले
का कलेक्टर रहते हुए कृषि के क्षेत्र में कई ऐसे अनूठे प्रयोग किये थे जिनकी वजह से
इस जिले के कृषि उत्पादन में महज तीन साल में साढ़े तीन गुना की वृद्धि दर्ज की गई ।
रीवा जिला जो खाद्यान्न की अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए दूसरे जिलों पर निर्भर रहा
करता था वह महाराष्ट्र को भी गेहूं और चांवल की आपूर्ति करने लगा ।
कृषि के क्षेत्र में रीवा जिले के
पिछड़ेपन को दूर करने के लिए श्री रूपला ने कृषि विभाग के अमले और कृषि वैज्ञानिकों
को साथ लेकर अपने प्रयासों की शुरूआत वर्ष 2011-12 से की । उन्होंने पिछड़ेपन के कारणों का पता लगाने के लिए
न केवल गांवों का सर्वे किया बल्कि खेत-खलिहानों तक पहुंचकर किसानों से सीधे संवाद
कायम किया और उनकी समस्यायें जानी । श्री रूपला ने किसानों को कृषि की नवीनतम तकनीकों
को अपनाने के लिए प्रेरित किया और अच्छी किस्म के बीजों, उन्नत कृषि यंत्रों एवं संतुलित
खाद का उपयोग करने की सलाह दी ।
श्री रूपला ने अपने प्रयासों को केवल
यहां पर ही विराम नहीं दिया । बल्कि उन्होंने गांव-गांव में कृषक संगोष्ठियों एवं कृषक
प्रशिक्षण के कार्यक्रमों का आयोजन किया ।
उन्होंने रीवा जिले के कृषकों को मालवा जैसे उन क्षेत्रों के भ्रमण पर भी भेजा
जो कृषि की दृष्टि से उन्नत माने जाते हैं । श्री रूपला ने रीवा जिले में सिंचाई के
साधनों से विकास की कार्ययोजना तैयार की और उसका क्रियान्वयन भी किया । बड़ी संख्या
में किसानों के क्रेडिट कार्ड बनवाये और उन्हें शासन की नीतियों के तहत कृषि ऋण उपलब्ध
कराया । मिट्टी का परीक्षण कराकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनवाये और किसानों को बीज एवं
उर्वरकों का संतुलित उपयोग करना सिखाया ।
श्री रूपला ने गांव-गांव में कृषकों
की कार्यशाला कराई और किसानों को छिटकवा पद्धति की जगह कतार से बुआई करने, देर से नहीं
समय पर बोनी करने, खेत को पड़ती नहीं रखने, गहरी जुताई करने, अंतरवर्ती फसल लेने, समय
पर फसल की कटाई करने, बुआई के लिए रिज-फरो एवं एस.आर.आई. पद्धति अपनाने, मंूग उड़द की
खेती खरीफ में नहीं करके जायद में करने, परंपरागत खेती की जगह खेती की वैज्ञानिक पद्धति
अपनाने, जैविक खेती अपनाने, बीज उपचार करने एवं फसलों को रोग मुक्त रखने, वर्षा जल
का संचय करने, नलकूप और नहरों के पानी को व्यर्थ न जाने देने, सूक्ष्म सिंचाई पद्धति
को अपनाने और गेहूं एवं धान की फसल को उपार्जन केन्द्रों पर ही बेचने जैसे कई संकल्प
दिलवाये ।
कलेक्टर के इन सब प्रयासों का परिणाम
यह निकला कि रीवा जिले ने वर्ष 2010-11 की तुलना में वर्ष 2013-14 तक खरीफ फसलों में
313 और रबी फसलों के उत्पादन में 195 फीसदी की वृद्धि दर्ज की । कीमत के रूप में देखा
जाये तो इस जिले का कृषि उत्पादन जो वर्ष 2010-11 में 676 करोड़ रूपये का हुआ करता था
वह 330 फीसदी बढ़कर वर्ष 2013-14 में बढ़कर 2 हजार 231 करोड़ रूपये का हो गया । धान की उत्पादकता में 175 फीसदी और गेहूं की उत्पादकता
में 122 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई । रीवा जिले में पहली बार 2012-13 से ग्रीष्मकालीन
मूंग और मक्का की खेती प्रारंभ की गई ।
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कलेक्टर श्री रूपला ने मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार की राशि कैंसर ग्रस्त मरीजों की मदद के लिये दी
कलेक्टर श्री शिवनारायण रूपला ने आज
यहां मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार के रूप में उन्हें प्राप्तपूरी राशि कैंसर पीड़ितों
के इलाज और देख-रेख के पुनीत कार्य के लिए समर्पित की। वे अपनी धर्मपत्नी एवं बेटी
के साथ कैंसर पीड़ितों के इलाज के लिए ख्यात विराट हास्पिस पहुंचे थे । श्री रूपला ने
ब्राहृर्षि मिशनसमिति द्वारा रामपुर तिराहा के समीप दीक्षित इन्क्लेव में संचालित विराट
हास्पिस के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अखिलेश गुमाश्ता को 27 हजार 727 रूपए की पुरस्कार
राशि का चेक प्रदान किया। उल्लेखनीय है किगत 1 नवम्बर को राज्य स्तरीय मध्यप्रदेश स्थापना
दिवस समारोह में मुख्यमंत्री ने कलेक्टर श्री रूपला को मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार
प्रदान किया था ।
साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी द्वारा स्थापित
इस चिकित्सा संस्थान में मुख्यत: ऐसे कैंसर पीड़ितों की चिकित्सा और देख-रेख की जाती
है जो हर दृष्टि से निराश और निरूपाय हो जाते हैं। यहां मरीजों को भोजन एवं रहवास की
नि:शुल्क सुविधा मुहैया कराई जाती है । यही नहीं संस्थान द्वारा मरीजों को रेडियोथेरेपी
एवं अन्य इलाज के लिए संस्थान के खर्च पर नाम-चीन चिकित्सालयों को भी भेजा जाता है
। आठ बिस्तरों से आरंभ हुए इस संस्थान में बीते डेढ़ वर्षों में बिस्तरों की संख्या
दोगुनी हो गई है । जाहिर है गंभीर रूप से कैंसर ग्रस्त मरीजों की मदद का जज्बा दूसरों
के लिए भी प्रेरक बनता है । निश्चय ही कलेक्टर श्री रूपला द्वारा अपने जन्मदिन पर कैंसर
पीड़ितों को राशि समर्पित करना समाज के अन्य संवेदनशील लोगों को भी प्रेरित करेगा ।