"मेरा मित्र एलियन के साथ कानाफ़ूसीरत " |
ककऊ:- (अपमानित सा होकर )नौकर नही हूं, अफ़सर हूं.
कारकून:- जी माफ़ करना, अफ़सर जी किस विभाग के हो..?
ककऊ:- "XYZ" विभाग-में ABO हूं
कारकून:- अरे इस में तो फ़ला भी है
ककऊ:- जी, वो साला है पर आप को क्या बताऊं..? अरे, बहुत नाकारा, बेहूदा और गंदा आदमी है..उसकी वज़ह से मेरी तो नाक में दम है.?
कारकून:- क्यों क्या हुआ ?
कारकून:- क्यों क्या हुआ ?
ककऊ:- अरे, छोड़िये भी..? यहां साली दीवारों के भी कान होते हैं
कारकून:- (ककऊ को जाल में फ़ंसा देख ) कभी किन्ही जानवरों की आपसी बातैं सुन आपने...?
कारकून:- (ककऊ को जाल में फ़ंसा देख ) कभी किन्ही जानवरों की आपसी बातैं सुन आपने...?
ककऊ:- न
कारकून:- तो ज़रा आंख बंद करो
कारकून:- तो ज़रा आंख बंद करो
कारकून से मोहित ककऊ ने आंख बंद कीं अगले ही पल खुद को कुत्ते के रूप में पाया. लगा चीखने ककउ की चीख पिल्लै की कूं-कूँ सी निकली कारकून को न देख घबराया सो कारकून जो बाजू में ही कुत्ते की तरह था बोला घबराओ मत देखो मैं खुद एक कुत्ता बना हूँ . ये तो सब आभासी है. वर्चुँल है घबराओ मत .कारकून की बात पर भरोसा एवं कारकून को स्वयं की तरह कुत्ते के रूप में देख मेरे मित्र का भय कम हुआ . ककऊ के विश्वास के आते ही कारकून ने अपने एक देशीय गृह के बारे में सब कुछ बताया.फिर मेरे यानी फलां के बारे में ज़िक्र छेड़ा और गहरी सांस लेकर पूछा -
कारकून :- अब फलां की बुराई बताओ
कारकून :- अब फलां की बुराई बताओ
ककऊ:- अरे ये जो फलां है न उसका ढिकानी के साथ गहरा चक्कर है. कूब कमाता है भ्रष्ट है स्साला .
कारकून:- ये ढिकानी तो ठीक है. पर भष्ट माने...?
ककऊ:- भ्रष्ट माने हराम की कमाई खाने वाला है स्साला ?
कारकून:- हराम की कमाई न ये शब्द क्या हैं ?
कारकून:- ये ढिकानी तो ठीक है. पर भष्ट माने...?
ककऊ:- भ्रष्ट माने हराम की कमाई खाने वाला है स्साला ?
कारकून:- हराम की कमाई न ये शब्द क्या हैं ?
ककऊ:- तो तुम किसी दूसरी दुनिया से आए हो ?
कारकून:- हां मैं , चुगल-गृह वासी एलियन हूं .
कारकून:- हां मैं , चुगल-गृह वासी एलियन हूं .
ककऊ:- जी , तभी तो तुम को मालूम नहीं.
कारकून:- तो आगे बताओ "फलां" के बारे में ककऊ:- फलां हमेशा......(इसके साथ ही उसने मेरे बारे में खूब लगाईं बुझाई की यह शिखरवार्ता लगभग दो घंटे चली. )
कारकून:- भाई बहुत हो गया अब चलूँ ...?
कारकून:- तो आगे बताओ "फलां" के बारे में ककऊ:- फलां हमेशा......(इसके साथ ही उसने मेरे बारे में खूब लगाईं बुझाई की यह शिखरवार्ता लगभग दो घंटे चली. )
कारकून:- भाई बहुत हो गया अब चलूँ ...?
ककऊ:- मन तो नई भरा पर क्या करें आपको भी जाना है मुझे भी कालो आते रहना पर जाते-जाते मुझे आदमी बना दो
कारकून:- जब, आदमी के रूप में तुम कुत्ते का सा व्यवहार करते हो तो बेहतर है कि वही बने रहो !
कारकून:- जब, आदमी के रूप में तुम कुत्ते का सा व्यवहार करते हो तो बेहतर है कि वही बने रहो !
ककऊ:- अरे , भाई ये क्या लगभग रोता हुआ एलियन के कदमों में लोट गया.
कारकून:- अरे हमारे गृह पर तो चुगली एक ऐसा आचरण जिसके ज़रिये किसी के विरुद्ध कोई हिंसा षडयंत्र नहीं करते तुम तो "फलां" जो मेरा नेटियामित्र कई उसी की कबर खोद रहे हो कुत्ते थे कुत्ते बने रहो
कारकून:- अरे हमारे गृह पर तो चुगली एक ऐसा आचरण जिसके ज़रिये किसी के विरुद्ध कोई हिंसा षडयंत्र नहीं करते तुम तो "फलां" जो मेरा नेटियामित्र कई उसी की कबर खोद रहे हो कुत्ते थे कुत्ते बने रहो
ककऊ:- तुमको चुगलदेव की सौगंध
कारकून:- अब तुमने चुगलदेव की सौगंध दी है है तो माफ़ किये देता हूं ककऊ को :कारकून ने आदमी का रूप वापस दे दिया और फुर्र से गायब . कल देर रात कारकून से चैट के दौरान घटना का विवरण मिला. सदमें में हूँ साथियो उसी सदमें में ये लिखा है कोई भी मित्र इसमें अपने को .......
कारकून:- अब तुमने चुगलदेव की सौगंध दी है है तो माफ़ किये देता हूं ककऊ को :कारकून ने आदमी का रूप वापस दे दिया और फुर्र से गायब . कल देर रात कारकून से चैट के दौरान घटना का विवरण मिला. सदमें में हूँ साथियो उसी सदमें में ये लिखा है कोई भी मित्र इसमें अपने को .......