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चीन ने साम्यवाद की परिभाषा बदल दी...?

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साम्यवाद : सामंतवाद एवं पूंजीवाद के जाल में    साम्यवाद, वर्तमान परिस्थितियों में सामंतवादी और पूंजीवादी व्यवस्था के मकड़जाल में गिरफ्त हो चुका है। अगर दक्षिण एशिया के साम्यवादी राष्ट्र चीन का मूल्यांकन किया जाए ज्ञात होता है कि वहां की अर्थव्यवस्था पूंजीवादी व्यवस्था के कीर्तिमान भी ध्वस्त करती नजर आ रही हैं। अपने आर्टिकल में हम केवल कोविड19 के जनक चीन के ज़रिए समझने की कोशिश करते हैं ।   चीन का असली चेहरा : पूंजीवादी व्यवस्था और विस्तार वादी संस्कार यहां चीन में अर्थव्यवस्था की जो स्थिति है वह विश्व की श्रेष्ठ अर्थव्यवस्थाओं में से एक है । चीन ने विश्व के कुछ सुविधा विहीन देशों को गुलाम बनाने के उद्देश्य से उनकी स्थावर संपत्तियों पर खास स्ट्रैटेजी के तहत कब्ज़ा करने की पूरी तैयारी कर ली है। यह चीन द्वारा उठाया गया वह क़दम है जो कि "साम्यवादी-चिंतन" को नेस्तनाबूद करने का पर्याप्त उदाहरण है । यह एक ऐसा राष्ट्र बन चुका है जिसे फ़िल्म  "रोटी कपड़ा मकान" वाले साहूकार डॉक्टर एस डी दुबे की याद आ जावेगी । कौन कौन से देश हैं इस सामंत के गुलाम..?             चीन क