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अमिताभ बच्चन पर आरोप है कि उनने स्तर मैंटेन नहीं किया ..?

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बीमार हूं सोचा आराम करते  करते सदी के महानायक यानी  अमिता-अच्चन- और रुखसाना सुल्ताना की बिटिया अमृता सिंह  अभीनीत फ़िल्म देख डालूं जी हां पड़े पड़े  मैने फ़िलम देखी  बादल-मोती वाली फ़िलम देखी नाम याद आया न हां वही 1985 में जिसे मनमोहन देसाई ने बनाई थी      मर्द      जिसको दर्द नहीं होता ..बादल यानी सफ़ेद घोड़ा जो अमिताभ को अनाथाश्रम से लेकर भागता है वही अमिताभ जब जवान यानी बीसपच्चीस बरस का होने तक युवा  ही पाया .            मित्रो हिंदी फ़िल्मो   को आस्कर में इसी वज़ह से पुरस्कार देना चाहिये.. पल पल पर ग़लतियां करने वाली फ़िल्में.. श्रेणी में  सदी का महानायक कहे जाने  का दर्ज़ा  अमिताभ बच्चन जी को ऐसी ही फ़िल्मों के ज़रिये मिला.       उस दौर की फ़िल्में  ऐसी ही ग़लतियों से अटी पड़ीं हुआ करतीं थीं. भोले भाले दर्शकों की जेब से पैसे निकलवाने और टाकीज़ों में चिल्लर फ़िंकवाने अथवा  दर्शकों की तालियां बजवाने के गुंताड़े में लगे ऐसे निर्माताऒं ने  भारत को कुछ दिया होगा.आप सबकी तरह ही  मैं बेशक अमिताभ की अभिनय क्षमता फ़ैन हूं.. अदभुत सम्मोहन है उनमें आज़ भी पर  आनंद  1971    मिली