देर रात तक चले मुशायरे एवम कवि सम्मेलन के बाद मे मुझे काफ़ी देर बाद रचना पाठ के लिए बुलाया. यद्यपि शुरुआत में नव रचित सरस्वती वंदना "शारदे मां शारदे मन को धवल विस्तार दे" के पाठ का अवसर मुझे दिया. फ़िर मेरा गीत तुम चुप क्यों हो कारन क्या है हुआ. बहुत पसंद आया मित्रों श्रोताओं को यह गीत..!! |
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शनिवार, जून 25, 2011
अखिल-भारतीय मुशायरा एवम कवि सम्मेलन
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