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1.1.21

भारतीय उद्योगपतियों के पीछे क्यों पड़े हैं एक्टिविस्ट..?

【भारतीय उद्योगपति जो  भारतीय एक्टिविस्टों को असहनीय हैं 】
 आर्थिक विकास के लिए जरूरी है, उत्पादन और उसका उपभोग और उत्पादित वस्तुओं का वैश्विक एवं आंतरिक विपणन ।  भारतीय कंपनियां विशेष रूप से रिलायंस एवं अदानी इन दिनों जनता के गुस्से का शिकार हैं। 

  भारत में रिलायंस और अदानी ग्रुप के विरुद्ध वातावरण निर्माण करने के पीछे एक खास वर्ग  भारत में भारतीय कंपनियों को हतोत्साहित करने के लिए  एक खास  तरीके से काम कर रही है । उनका अपना एजेंडा है बाबा रामदेव अंबानी एवं अदानी द्वारा स्थापित उत्पादक समूह को क्षतिग्रस्त करना । 
किसान आंदोलन के 1 माह से अधिक समय बीतते हुए एक तथ्य सामने आया है जो यह साबित करता है कि-"भारतीय कंपनियों को इतना हतोत्साहित कर दीजिए कि की वे ना तो सक्रिय रूप से उत्पादन कर सके नाही विश्व व्यापार के लायक हो सकें"
किसान आंदोलन में एक नैरेटिव तेजी से फैलाया गया कि भारत सरकार ने यह तीन कानून केवल बाबा रामदेव अदानी और अंबानी जैसे व्यापारियों को लाभान्वित करने के लिए बनाए हैं।
आज अचानक  नीरव  जॉनी जी के ब्लॉग पर नजर गई । 
तो पता चला कि हम भारतीय उत्पादन क्षमता को नजर अंदाज करके किस तरह से विदेशी कंपनियों को पालपोस रहे हैं । उसके पहले आपको बता देना आवश्यक है कि हम अपने दैनिक जीवन में सुबह से शाम तक जितने भी विदेशी प्रोडक्ट खरीदते हैं उनका लाभ भारतीय भारतीय जीडीपी की गिरावट का एकमात्र कारण है विदेशी निर्भरता वह भी डेंली यूज़ के उत्पादों के लिए। इसका दोष भारत सरकार को यह कह कर दिया जाता है.. कि सरकार की आर्थिक नीतियां गलत हैं ? चिंतन का विषय है कि विदेशी कंपनियों द्वारा उत्पादित विभिन्न उत्पादों के प्रति आप का आकर्षण एक उपभोक्ता के रूप में कुछ अधिक है। साउथ एशिया के भूतपूर्व गुलामों को यूरोप सदा से ही आकर्षित करता रहा है। विश्व व्यापार संगठन की संधि पर हस्ताक्षर करने के उपरांत आप बहुत आराम से विदेशी उत्पादों को भारत में खरीद पा रहे हैं। यहां तक कि आपको इन्हें खरीदने के लिए गुमराह किया जाता है।  उत्पादन कंपनियों एवं सरकार के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया जाता है यह नैरेटिव भारतीय अर्थव्यवस्था भुगतान संतुलन और जीडीपी के लिए नेगेटिव फैक्टर के रूप में देखता हूं मित्रों मैं अक्सर स्थानीय उत्पादन और उनके अनुकूल स्थानीय बाजार में खपत का पक्षधर हूं । परंतु मध्यम वर्ग एक ऐसी मूर्खतापूर्ण स्थिति से गुजर रहा है जहां वह विदेशी कंपनियों  के उत्पादन  का उपभोक्ता बाजार बनाने में स्वयं को झोंक देता है जो ना तो राष्ट्र के हित में है नाही भारतीय अर्थव्यवस्था के पक्ष में नीरज जी के आर्टिकल से मैंने आपके बीच में लाने की कोशिश की है आप समझ जाएंगे कि आप कितना विदेशी उत्पादों पर आकृष्ट हैं और देश में रिलायंस के टावर तोड़ने रामदेव की बेइज्जती करने तथा अदानी को गाली देने कितना सक्रिय नजर आते हैं। नीचे दिए प्रोडक्ट आप उपयोग करते हैं किंतु कभी भी आपने यह नहीं देखा होगा कि इन कंपनियों के विरुद्ध किसी भी आंदोलन में कोई भी खड़ा हुआ हो मेरा मानना है यूरोपियन और चाइनीस कंपनियों द्वारा स्लीपर सेल के माध्यम से सबसे खतरनाक ढंग से ग्रोथ कर रही पतंजलि अदानी और रिलायंस कंपनियों के विरुद्ध वातावरण निर्माण का प्रयास किया जा रहा है।
भारतीय कंपनियों कीी सूची यहां क्लिलिक करें नीरव जानी का ब्लॉग
कोलगेट, हिंदुस्तान यूनिलीवर ( पहले हिन्स्तान लीवर ), क्लोस-अप, पेप्सोडेंट, एम, सिबाका, एक्वा फ्रेश, एमवे, ओरल बी, क्वांटम आदि । कोलगेट, क्लोस-अप, पेप्सोडेंट, सिबाका, अक्वा फ्रेश, ओरल-बी, हिंदुस्तान लीवर ।
हिंदुस्तान यूनिलीवर, लो’ओरीअल , लाइफ ब्वाय , ले सेंसि, डेनिम, चेमी, डव, रेविओं, पिअर्स, लक्स, विवेल, हमाम, ओके, पोंड्स, क्लिअर्सिल, पमोलिवे, एमवे, जोनसन बेबी, रेक्सोना, ब्रिज , डेटोल ।
विदेशी:: हेलो, कोलगेट, पामोलिव, हिंदुस्तान यूनिलीवर, लक्स, क्लिनिक प्लस, रेव्लों, लक्मे, पी एंड जी , हेड एंड शोल्डर, पेंटीन, डव, पोंड्स, ओल्ड स्पेस, शोवर तो शोवर, जोहानसन बेबी ।
ओल्ड स्पाइस, पामोलिव, पोंड्स, जिलेट, एरास्मिक, डेनिम, यार्डली
जिलेट, सेवन ‘ओ’ क्लोक, एरास्मिक, विल्मेन, विल्तेज आदि
हिंदुस्तान यूनिलीवर, फेअर एंड लवली, लक्मे, लिरिल, डेनिम, रेव्लों, पी एंड जी, ओले, क्लिएअर्सिल, क्लिएअर्तोन, चारमी, पोंड्स, ओल्ड स्पाइस, डेटोल , जॉन्सन अँड जॉन्सन, व्रेंग्लर, नाइकी, ड्यूक, आदिदास, न्यूपोर्ट, पुमा, राडो, तेग हिवर, स्विसको, सेको, सिटिजन, केसिओ कमल, नटराज, किन्ग्सन, रेनोल्ड, अप्सरा, पारकर, निच्कोल्सन, रोतोमेक, स्विसएअर , एड जेल, राइडर, मिस्तुबिशी, फ्लेअर, यूनीबॉल, पाईलोट, रोल्डगोल्ड, कोका कोला, पेप्सी, फेंटा स्प्राईट, थम्स-अप, गोल्ड स्पोट, लिम्का, लहर, सेवन अप, मिरिंडा, स्लाइस, मेंगोला, निम्बुज़ , लिप्टन, टाइगर, ग्रीन लेबल, येलो लेबल, चिअर्स, ब्रुक बोंड रेड लेबल, ताज महल, गोद्फ्रे फिलिप्स, पोलसन, गूद्रिक, सनराइस, नेस्ले, नेस्केफे, रिच , ब्रू,
नेस्ले, लेक्टोजन सेरेलेक, एल पी ऍफ़, मिल्क मेड, नेस्प्रे, ग्लेक्सो, फेरेक्स, वाल्स, क्वालिटी, डोलोप्स, बास्किन एंड रोबिनस, केडबरी, वाल्स, क्वालिटी, डोलोप्स, बास्किन एंड रोबिनस, केडबरी, अंकल चिप्स, पेप्सी, रफेल्स, होस्टेस, फन्मच, कुरकुरे, लेज , नेस्ले, ब्रुक बोंड, किसान, हेंज, फिल्ड फ्रेश, मेगी सौस
केडबरी, बोर्नविटा , होर्लिक्स, न्यूट्रिन, विक्स, मिल्किबर, इक्लेअर्स , मंच, पार्क, डेरिमिल्क, बोर्नविले, बिग बबल, एलपेनलिबें, सेंटरफ्रेश, फ्रूट फ्रेश, परफीती , मेगी, हेंज, नौर , डोमिनोज, पिज्जा हट , फ्रिन्तो-ले , के एफ़ सी, एक्वाफिना, किनली, बिल्ले, पुरे लाइफ, एवियन, सेन पिल्ग्रिमो, पेरिअर , बूस्ट, पोलसन, बोर्नविटा, होर्लिक्स, प्रोतिनेक्स, स्प्राउट्स, कोमप्लैन,
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