भारतीय उपमहाद्वीप क्षेत्र में आतंक का आवास बना पाकिस्तान कितना भी कोशिश करे भारत की बराबरी कदापि नहीं कर सकता । बावज़ूद इसके की चीन का उसे सपोर्ट हासिल है । चीन से इसकी रिश्तेदारी केवल एक आभासी वर्चुअल रिश्तेदारी है । रहा सवाल पाकिस्तान की आतंकी आश्रय शाला का तो वह अपनी आवाम की जगह आतंक को सर्वाधिक बड़ी जवाबदेही मानता है । कारण यह भी है कि टेरेरिज्म से पाक सेना को राहत मिलती है । यानी पाकिस्तान आतंकियों आउटसोर्सिंग से सैन्यकर्मियों की पूर्ति करते हुए मिलिट्री स्थापना व्यय कम करता है । भारतीय विदेशी मुद्रा भण्डार नवीनतम प्रकाशित आंकड़ों के आधार पर 400.72 अरब USD हो गया . यह समाचार भारतीयों के लिए एक सुखद एवं उत्साहित करने वाली खबर है. सरकारी मुद्दों पे संवेदित खबरिया चैनल का एक विश्लेषण देखिये NDTV ने अपनी खबर में भारतीय विदेशी मुद्रा भण्डार के मामले में अपनी छोटी किन्तु असरदार रिपोर्ट में स्वीकारा है कि भारत में अप्रत्याशित ढंग से विदेशी मुद्रा भण्डार में इजाफा हुआ है. सितम्बर 2017 में हुई समीक्षा के हवाले से प्रकाशित समाचार के अनुसार :- रिजर्व बैंक के